
बजट सत्र के प्रथम दिन देशभर के किसानों ने विश्वासघात दिवस मनाया प्रदेश में भी हुआ धरना, प्रदर्शन, पुतला दहन
रायगढ़ /संसद के बजट सत्र के प्रथम दिन देशभर के किसानों ने विश्वासघात दिवस के रूप में मना कर अपना रोष व्यक्त किया।इसी तारतम्य में प्रदेश भर मे छत्तीसगढ़ किसान सभा व अन्य किसान संगठनों ने भी धरना,प्रदर्शन और मोदी सरकार का पुतला दहन कर अपना रोष व्यक्त किया ।
उक्तशाय की जानकारी छत्तीसगढ़ किसान सभा के जांजगीर-चांपा इकाई के अध्यक्ष आशाराम पटेल ने बताया कि मोदी सरकार किसानों के साथ विश्वासघात किया हैं। कृषि कानून वापस लेने के बाद फसलों के लागत मूल्य के डेढ गुना समर्थन मूल्य की कानून बनाने, शहीद किसान परिवारों को मुआबजा व पुनर्वास सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा करने के लिए जो कमेटी का गठन किया गया था उसकी एक भी बैठक आज दिनांक तक नही बुलायी गयी हैं।
किसान नेता ने कहा कि साल भर से दिल्ली के बार्डर पर किसानों के आंदोलन वापस लेने के समय प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री ने यह लिखित आश्वासन आंदोलनकारियों को दिया था कि समर्थन मूल्य निर्धारण के लिए केन्द्र सरकार,राज्य सरकारो के प्रतिनिधि,कृषि वैज्ञानिक और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों का एक संयुक्त समिति का गठन कर इस पर सकारात्मक पहल की जायेगी लेकिन इस दिशा में सरकार की राजनैतिक इच्छाशक्ति की कमी नजर आ रही हैं।
लखीमपुर खीरी हत्याकांड के आरोपी केन्द्रीय मंत्री को मंत्रिमंडल से अभी तक बर्खास्त नही किया गया हैं।इससे सरकार की नीयत स्पष्ट रूप से उजागर होती है कि यह सरकार किसानों के साथ धोखाधड़ी कर रही है और किसानों के साथ विश्वासघात करने पर अमादा हैं।
किसानों के राष्ट्रव्यापी आव्हानो के तहत प्रदेश में ,रायगढ़ के अंबेडकर चौक पर धरना-प्रदर्शन व मोदी सरकार की पुतला दहन कर किसानों ने अपना रोष व्यक्त किया ।
आज के कार्यक्रम में मुख्य रूप लंबोदर साव,नित्यानंद देवांगन,समयलाल यादव,मदन पटेल सहित अनेकों कार्यकर्ता शामिल थे।