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जुटमिल क्षेत्र मे चल रहा जुआ सट्टे के अवैध कारोबार पर पार्षद का वार सोशल मिडिया मे पोस्ट डाल पुलीसिया कार्यप्रणाली पर उठाया सवाल बेगुनाहो को अंदर करने लगाया आरोप

रायगढ़ -एक और जहाँ जुटमिल क्षेत्र मे जुआ -सट्टा  व निगरानीशुदा बदमाशों की क्लास लेकर वाहवाही बतारी जा रही हैँ. वही दूसरी और इस क्षेत्र मे  पार्षद को ही जुआ सट्टे के अवैध परिचालन को लेकर गुहार लगानी पड़ रही हैँ. पोस्ट मे मज़ेदार बात यह हैँ की क्षेत्र की महिला पार्षद द्वारा न केवल जुत्मील क्षेत्र को जुआ का गढ़ बताया गया हैँ. बल्कि क्षेत्र मे मुख्य सट्टा कारोबारी को छोड़ बेगुनाह लोगो की पुलिस द्वारा धरपकड किये जाने का आरोप मढ़ा गया हैँ. जो पुलीसिया कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान उठाता जान पड़ रहा हैँ. बहरहाल जुटमिल क्षेत्र की महिला पार्षद को ही ज़ब अपने क्षेत्र मे सट्टे के अवैध कारोबार के खिलाफ सोशल मिडिया मे पोस्ट डालना पड़ रहा हो तो इस क्षेत्र मे  फल फूल कर वृद्द रूप ले चुके इस गोरखधंधे का अंदाज लगाना भी सहज हो जाता हैँ.
चमचे बैठे खाईवाल के
गौरतलब हो की वार्ड क्रमांक 34 की पार्षद पुष्पा  साहू द्वारा बीते दिनों जुटमिल क्षेत्र मे जुआ सट्टा को लेकर सोशल मिडिया मे पुलिस की कार्यप्रणाली पर ऊँगली उठते हुए पोस्ट डाला गया था. जिसमे जिम्मेदार लोगो द्वारा कुछ कमेंट भी किये गए हैँ. जिसमे स्पष्ट तौर  पर मुख्य खाइवालों की पुलीसिया जुगलबंदी की और भी ईशारा किया गया हैँ. और हो भी क्यों न ज़ब निगरानी शुदा बदमाशों की फेहरिस्त मे पुराने सट्टा खाईवाल ही ज़ब लापता हो तो इसे क्या कहेंगे. आखिर की वर्षो से इस अवैध कारोबार की कमान सँभालने वाले जुटमिल क्षेत्र के प्रमुख सट्टा सरगना को पुलिस द्वारा क्यों हिरासत मे नहीं लिया जाता हैँ. आखिर उसके चमचों पर कार्रवाई करने से जिले मे फैले सट्टे के मकड़जाल से कैसे छुटकारा पाया जा सकता हैँ.
बेगुनाह कौन
पार्षद द्वारा बेगुनाह लोगो को पुलिस द्वारा धरपकड  किये जाने का भी सनसनीखेज आरोप पोस्ट के माध्यम से लगाया गया हैँ. तो क्या पुलिस बेवजह ही किसी को भी अंदर कर दे रही हैँ. अगर ऐसा हैँ तो इसकी शिकायत तो पुलिस के आला अधिकारियो के समक्ष बनती हैँ. वो भी ज़ब विपक्षी दल के पार्षद द्वारा ज़ब खुलेआम सोशल मिडिया पोस्ट मे यह आरोप लगाया गया हो तो इसका संज्ञान भी लिया जाना चाहिए. हलाकि इस पोस्ट के कमेंट मे जागरूक लोगो द्वारा इस मामले की शिकायत कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक महोदय से करने की सलाह दीं गयी हैँ. अल्बत्ता देखना लाजमी होगा की क्या इसकी लिखित शिकायत आला अधिकारियो से कर के पार्षद महोदया अपनी महती जिम्मेदारी निर्वहन कर जुटमिल क्षेत्र मे चल रहे अवैध सट्टे के कारोबार पर अकुश  लगाने आगे बढ़ेगी या फिर मामला महज एक पोस्ट तक ही सिमट कर रहा जायेगा.

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