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पथरीली मैदान में बना दिया स्टेडियम.. जिस मैदान में कबड्डी नहीं खेल सकते उस मैदान में क्रिकेट के फुटबॉल कैसे होगा..

शासन के 33 लाख रुपयों का दुरुपयोग..

पूर्व खेल मंत्री भैयालाल राजवाड़े ने स्वीकृति दी थी स्टेडियम की..

मामला ग्राम पंचायत चारपारा का..
अनूप बड़ेरिया
शासन के पैसे का दुरुपयोग किस कदर हो सकता है इसे देखना हो तो आपको आना होगा कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत चारपारा के मिनी स्टेडियम में..!
जहां काबिले तारीफ पीडब्ल्यूडी विभाग के इंजीनियर, एसडीओ ने मिलकर एक ऐसी जगह स्टेडियम बना दिया जिसका मैदान पत्थरों से भरा हुआ है। 
 जिस पथरीली मैदान में कबड्डी तक नहीं खेल सकते उस मैदान में क्रिकेट व फुटबॉल का खेल कैसे होगा।
हैरानी की बात तो यह है कि विभाग के आला अधिकारियों ने भी कभी स्थल निरीक्षण करने की जहमत नहीं उठाई और केवल फाइलों पर ही नजर चलाई। 
 इतना ही नहीं काम की गुणवत्ता की यदि बात की जाए तो इससे घटिया निर्माण कार्य शायद संभव ही नहीं है स्टेडियम में केवल दो और ही दर्शकों के बैठने की व्यवस्था की गई है और बाउंड्री वालों को भी पूरा नहीं बनाया गया है इतना ही नहीं शौचालय में बने टाइल्स उद्घाटन के पहले ही उखड़ने लगे हैं और दरवाजे तो मानो हवा के झोंकों में ही टूट जाएंगे।
बताया जाता है कि इस स्टेडियम की लागत 33 लाख रुपए है । 45 लाख रुपए के निर्माण कार्य के इस टेंडर को ठेकेदार ने कम दर पर 33 लाख में कार्य किया। अब इसी से इसी से गुणवत्ता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
सबसे हैरानी की बात तो यह है कि स्थल का चयन किसने किया जब भूमि समतलीकरण हो रही थी तब किसी को यह क्यों नहीं दिखा कि यह मुरमी और यहां पत्थरों के सिवा और कुछ नहीं है, इस मैदान में खेलकूद संभव ही नहीं है।
जाहिर है बजट सत्र के पूर्व कार्य करने के चक्कर में आनन-फानन में स्थल का चयन कर स्टेडियम बना दिया गया है।
उससे भी हैरानी की बात तो यह है कि जहां एक ओर एसडीओ पीडब्ल्यूडी एस के मिश्रा कहते हैं कि स्टेडियम का निर्माण कार्य पूरा कर ग्राम पंचायत को हैंड ओवर कर दिया गया है वही ग्राम पंचायत चारपारा की सरपंच श्रीमती सीता पैकरा का कहना है कि बिना भूमि समतलीकरण और बाउंड्री वॉल पूरा किए ही विभाग मुझे हैंड ओवर कर रहा था जिसे मैंने मना कर दिया ग्राम पंचायत ने हैंड ओवर नहीं लिया है।
आपको बता दें कि तत्कालीन बैकुंठपुर विधायक व छत्तीसगढ़ सरकार में खेल मंत्री रहे भैया लाल राजवाड़े ने 45 लाख रुपए की लागत के 19 मिनी स्टेडियम कोरिया जिले में स्वीकृत कराए थे। कई जगह मॉनिटरिंग की वजह से अच्छे स्टेडियम भी बने हैं लेकिन अधिकांश जगह बिना उपयोग के स्टेडियम बन गए हैं।

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