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एनटीपीसी की धमकी से नही डरते भुविस्थापित , एनटीपीसी के भ्रष्टाचार की पोल खोलेंगे किसान

रायगढ़-हर बड़ा उद्योगपति गरीब व लाचार भुविस्थापितों के साथ खुले रूप से अन्याय करने के षड्यंत्र को अंजाम देने से नही चुकता है और जब षड्यंत्र की पोल खुल जाती है तो धमकियों का दौर चालू करता है इसका प्रत्यक्ष उदाहरण एनटीपीसी लारा संयंत्र के अधिकारियों और कर्मचारियों ने फ्लाई ऐश पोंड के ट्रांसपोर्टेशन का बहाना बना कर गरीब किसान की जमीन पर बिना अधिग्रहण करके उस पर बलात कब्जा करने का अपराध किया है।

एनटीपीसी लारा और रायपुर स्थित प्रादेशिक कार्यालय में मोटी तनख्वाह लेने वाले अधिकारी अपनी गलती पर पर्दा डालने के लिए अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं।गत दिनों एनटीपीसी के अधिकारियों द्वारा समाचार पत्रों के माध्यम से भुविस्थापित किसानों, छत्तीसगढ़ शासन और जिला प्रशासन को पर्दे के पीछे से दी गई खुले आम धमकी जो कि पावर प्लांट से निकलने वाले फ्लाई ऐश डाइक का रास्ता रोके जाने से डिस्पोजल रुक गया है और एक सप्ताह बाद विद्युत उत्पादन बंद हो जाएगा?

लारा संघर्ष के द्वारा इस धमकी  और अन्याय पर स्पष्ट किया गया कि एनटीपीसी लारा संयंत्र के प्रभावित गाँव कांदागढ़ के दशरथी प्रधान द्वारा बताया गया कि यह जमीन खसरा नम्बर 47/1क रकबा 0.65 एकड़ की निजी जमीन है जिस पर एनटीपीसी ने बिना अधिग्रहण के पिछले 10 वर्षों से बलात कब्जा जमाए हुए है अनेकों बार दशरथी प्रधान द्वारा एनटीपीसी के अधिकारियों से निवेदन किये जाने के बावजूद एनटीपीसी के अधिकारी कृषक के निजी जमीन पर कब्जा जमाते हुए सैकड़ों की संख्या में प्रतिदिन भारी वाहनों को चलाकर कृषक के जमीन को बर्बाद कर दिया गया है जिस पर फसल लगाना भी मुश्किल है ।एनटीपीसी के अधिकारियों के मनमाने रवैय्ये से तंग आकर किसान ने अपने निजी जमीन पर गड्ढा खोदकर उस पर फिर से आगामी फसल उगाने के कार्य किया जा रहा है।बिना सड़क के एनटीपीसी अपने भारी वाहनों के यहीं से बलात आवागमन करवाना चाहता है जिस पर स्वयं भू-मालिक ने प्रतिबंध लगा दिया है।

“”उल्टा चोर कोतवाल को डांटे”” यह कहावत एनटीपीसी के ऊपर लागू होती है लारा संघर्ष ने भुविस्थापितों की ओर से जिला कलेक्टर,रायगढ़ से आग्रह किया है कि इस मामले में एनटीपीसी के अधिकारियों के खिलाफ तुरंत कार्यवाही करे जिससे गरीब किसान को न्याय मिले साथ ही साथ बिजली उत्पादन बंद होने का हवाला देने वाले एनटीपीसी के अधिकारियों के द्वारा जो धमकी दी गई है उस पर भी कड़ी कार्यवाही करें क्योंकि ये रायगढ़ जिले का माहौल खराब कर रहे है।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के पदचिन्हों पर चल करके लारा संघर्ष ने आंदोलन किया है और आंदोलन जारी रहेगा प्रभावित और भुविस्थापित किसान एक जुट होकर लड़ाई को हर संभव लड़ेंगे।

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