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महाजेंको व एसईसीएल को जमीन न देने लगातार ग्रामीण एकजुट होकर कर रहे ये फैसला ……. विकास के नाम पर विनाश …. खो रही प्रकृति के अस्तित्व को बचाने …

 

 

रायगढ़।

एसईसीएल और महाजेंको कोल ब्लॉक के लिए प्रस्तावित जमीन को नहीं देने के लिए ग्रामीण लगातार बैठक कर रहे हैं। कोल ब्लॉक प्रभावित गांव के ग्रामीण पिछले दिनों मुड़ागांव, पाता और अन्य गांव में बैठक कर लगातार स्वयं को ऊर्जा से परिपूर्ण कर रहे हैं।
बैठक कर ग्रामीण इस बात की जानकारी दूसरे ग्रामीणों को दे रहे हैं कि वन भूमि जो अभी आबंटित ही नही हुई है उसे वनाधिकार अधिनियम के तहत ग्राम सभा की एनओसी की मांग की जा रही है। सामुदायिक वन प्रबंधन समिति समुदायिक वनाधिकार पट्टा की मांग किये हुए सालों गुजर जा रहे हैं लेकिन इसके बाद भी उन्हें सामुदायिक बनाकर पट्टा प्रदान नहीं किया गया है। बता दे कि ग्रामीणों द्वारा किसी भी तरह की भूमि के लिए ग्राम सभा एनओसी देंने को तैयार नहीं है।

विकास के नाम पर प्रलोभन का ग्रामीण अब बेहतर तरीके से समझ गए हैं यही वजह है कि कोल ब्लॉक प्रभावित गांव के ग्रामीण हों या उद्योग प्रभावित गांव के ग्रामीण उद्योगों के विस्तार हो या कोल ब्लॉक विस्तार हो किसी भी तरह से न तो निजी भूमि देने को तैयार हैं और न ही अनुसूची 5 अंतर्गत प्राप्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए वन भूमि के लिए भी ग्राम सभा से एनओसी देने से इंकार कर रहे हैं। जगह -जगह ग्राम सभा बैठक कर इसी बात पर मुहर लगा रहे हैं कि वे आखरी दम तक जमीन नहीं देने प्रस्ताव पर मुहर लगा रहे हैं।

ग्रामीणों की पहली प्राथमिकता हरे भरे जंगलों को बचाना है सरकार की नजर मोगरा पाठ पर जिस तरह पड़ी हुई है यहां जंगल पहाड़ जहां आदिवासियों की आराध्य देव विराजमान है प्राकृतिक तालाब देव स्थल हरे भरे कंद मूल से हरे भरे जंगल को बचाना है। लगातार उद्योगों व कोल ब्लॉक के विस्तार खनन की वजह से हरियाली की जगह धूल गुबार कोयले व फ्लाई ऐश के डस्ट प्रदूषण से बेहाल हैं। इसकी वजह से ग्रामीणों की माने तो खासतौर पर प्रदूषण का असर महिलाओं पर ज्यादा पड़ रहा है। लोगों में कई तरह की गंभीर बीमारियां घर कर रही है।

बैठक में ग्रामीण विकास की बात साफ तौर पर कहते है यह कैसा विकास न तो उन्हें संविधान के अनुसार मिले अधिकार का लाभ मिल रहा है और न मौलिक अधिकारों का,  हर जगह उनके अधिकारों का हनन हो रहा है। ऐसे में किसी भी कीमत पर जमीन नहीं देना चाहते हैं लेकिन दलाल नुमा लोगों के खतरे से भी आगाह करते हुए कहते हैं कि इनकी वजह से ग्रामीणों की पूरे किए धरे पर पानी फिर जाता है ऐसे में सावधान रहने की ज्यादा जरूरत है।

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