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शहर कोतवाल के नेक कार्यों की हो रही सराहना*बिज्जु ठाकुर की अगुवाई में शहर के युवाओं ने किया शहर कोतवाल का सम्मान

रायगढ़- आमतौर पर जिंदाबाद नेताओ मंत्रियो के सुनने और देखने को मिलते है। पर पहली मर्तबे ऐसा हुआ जब किसी शहर के कोतवाली थाना प्रभारी के कार्यों को लेकर उनके नाम से युवाओं द्वारा जिंदाबाद के नारे लगाए गए।शहर कोतवाल मनीष चंद्र नागर ने जहा बेहतर सोशल पुलिसिंग बनाए रखने में महती भूमिका निभाई है। वही सामाजिक कार्यों के प्रति इनकी संवेदना भी काबिले तारीफ है।यही कारण है कि जहा अपराधी इनसे खौफ खाते है। वही इंनकी संवेदना की सर्वत्र प्रशंसा हो रही है। यही कारण है कि युवा नेता बिज्जू ठाकुर की अगुवाई में शहर के विभिन्न क्षेत्रों से आए युवाओं द्वारा स्थानीय सत्ती गुडी चौक से ढोल नगाड़ों के साथ कोतवाली थाना पहूच फूल मालाओं व पुष्प गुच्छ से थानेदार मनीष नागर का अभिभूत सत्कार  किया। बताना लाजिमी होगा की कोतवाली थाना प्रभारी जहां चुस्त कानून व्यवस्था के लिए जाने जाते है उतनी ही संवेदना आमजन मानस के प्रति भी देखने को मिलती है। पूर्व में इनके द्वारा जहा निर्धन बच्चो के अभिभावकों के दाह संस्कार का बीड़ा उठाया। तो वही निर्धन छात्रा को स्कूल में दाखिला करा पढ़ाई का जिम्मा ले अपनी मानवता की मिशाल पेश की। यही नहीं गुमशुदा बच्चे को जहा अभिभावकों से मिलाया वही अस्पताल में बीमार मरीज के पैसे गुम होने की सूरत पर मरीज के  ईलाज में पैसो की व्यवस्था कर अपनी संवेदना का परिचय दिया है।रायगढ़- आमतौर पर जिंदाबाद नेताओ मंत्रियो के सुनने और देखने को मिलते है। पर पहली मर्तबे ऐसा हुआ जब किसी शहर के कोतवाली थाना प्रभारी के कार्यों को लेकर उनके नाम से युवाओं द्वारा जिंदाबाद के नारे लगाए गए।

शहर कोतवाल मनीष चंद्र नागर ने जहा बेहतर सोशल पुलिसिंग बनाए रखने में महती भूमिका निभाई है। वही सामाजिक कार्यों के प्रति इनकी संवेदना भी काबिले तारीफ है।यही कारण है कि जहा अपराधी इनसे खौफ खाते है। वही इंनकी संवेदना की सर्वत्र प्रशंसा हो रही है। यही कारण है कि युवा नेता बिज्जू ठाकुर की अगुवाई में शहर के विभिन्न क्षेत्रों से आए युवाओं द्वारा स्थानीय सत्ती गुडी चौक से ढोल नगाड़ों के साथ कोतवाली थाना पहूच फूल मालाओं व पुष्प गुच्छ से थानेदार मनीष नागर का अभिभूत सत्कार किया। बताना लाजिमी होगा की कोतवाली थाना प्रभारी जहां चुस्त कानून व्यवस्था के लिए जाने जाते है उतनी ही संवेदना आमजन मानस के प्रति भी देखने को मिलती है।

 

पूर्व में इनके द्वारा जहा निर्धन बच्चो के अभिभावकों के दाह संस्कार का बीड़ा उठाया। तो वही निर्धन छात्रा को स्कूल में दाखिला करा पढ़ाई का जिम्मा ले अपनी मानवता की मिशाल पेश की। यही नहीं गुमशुदा बच्चे को जहा अभिभावकों से मिलाया वही अस्पताल में बीमार मरीज के पैसे गुम होने की सूरत पर मरीज के ईलाज में पैसो की व्यवस्था कर अपनी संवेदना का परिचय दिया है।

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