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ओपी की वजह से कृष्णा राय सांसद गोमती साय की हुई मिट्टी पलीत बड़ी संख्या में पत्रकारों ने किया बहिष्कार …..ओपी और उमेश …..कांग्रेस में भी चल पड़ी है चेहरा देखकर तिलक लगाने की परम्परा

 

 

रायगढ़।

रायगढ़ की राजनीति में इन दिनों पत्रकारों के साथ चेहरा देखकर तिलक लगाने की परंपरा को लेकर खूब सुर्खियां बन रही है। चेहरा देखकर तिलक लगाने की परंपरा की वजह से पत्रकारों के द्वारा भाजपा के दो कार्यक्रम से बड़ी संख्या में पत्रकारों ने दूरी बनाकर अपना निर्णय सुना दिया है अब बारी है कांग्रेस के कार्यक्रम से दूरी बनाने का और यह अभी शहर में जबरदस्त चर्चा का विषय बना हुआ है।

 

बड़ी संख्या में पत्रकारों के द्वारा भाजपा और कांग्रेस के कुछ नेताओं की वजह से कार्यक्रमो के कवरेज स्व दूरी बना रखे हैं। भाजपा के प्रेस वार्ता से नेताओं कार्यक्रमो से दूरी बनाने की शुरुवात हुई। पहले जिला भाजपा अध्यक्ष की वजह से भाजपा की किरकिरी हुई और अब ओपी की वजह से आज की प्रेस वार्ता में 50 से अधिक पत्रकारों द्वारा दूरी बना लिए जाने की वजह से सांसद गोमती साय और वरिष्ठ भाजपा नेता कृष्णा राय की मिट्टी पलित हुई।


बुधवार को एक बार फिर से जिला भाजपा कार्यालय में एक मुद्दे को लेकर प्रेसवार्ता रखी गई थी। जैसे ही प्रेसवार्ता की सूचना स्थानीय पत्रकारों को मिली सब पूर्व की भांति पुनः एकजुट होकर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की प्रेसवार्ता कवरेज से दूरी बना ली। दरअसल जिला भाजपा के प्रमुख नेताओं द्वारा पत्रकारों की अनदेखी करने और प्रेसवार्ता में पत्रकारों की भीड़ दिखाने वाली चीज समझ लिया जिसे लगातार पत्रकार महसूस करने लगे और चेहरा देखकर ही तिलक लगाते देख अधिकांश पत्रकार इन नेताओं की दोहरे रवैये से क्षुब्ध होकर इनके कार्यक्रमो से दूरी बनाने का निर्णय ले लिया जिसका अधिकांश स्थानीय पत्रकारों ने समर्थन करते हुए मीडिया कवरेज से दूरी बना ली।
ऐसा सिर्फ भाजपा में ही नहीं बल्कि कांग्रेस में भी है। कांग्रेस में भी चेहरा देख कर तिलक लगाने की परंपरा बन गई है यहां भी राजनीतिक दल अपने लिए मीडिया तय कर रखें हैं कौन कौन से ….. कैसा तिलक लगाना है जो उनकी विज्ञप्ति या कार्यक्रम को कवरेज दे देगा कैसा देगा यह सब तय कर लिया जाता है। कांग्रेस के रायगढ़ विधायक की वजह से स्थानीय करीब 50 से अधिक मीडिया कर्मी कांग्रेस के कार्यक्रमो से दूरी बनाने का निर्णय लिया है।


भाजपा में दरअसल उमेश अग्रवाल और ओपी चौधरी की वजह से रायगढ़ भाजपा की किरकिरी हो रही है। उमेश अग्रवाल और ओपी चौधरी अपने चंद चाटुकारों के इर्द गिर्द ही अपनी रोटी सेंकने में लगे रहते है और उससे वो बाहर निकलना ही नही चाहते हैं। ओपी चौधरी भले ही आइएस से त्यागपत्र देकर राजनीति में आ गए है ओर प्रदेश स्तर की राजनीति कर रहे हैं लेकिन अब उनके दिलो दिमाग से आईएएस गिरी का भूत उतरा नहीं है। अपने पहले खरसिया विधान सभा चुनाव की रणनीति और हार की समीक्षा नहीं कर पाए हैं और यही स्थिति रही तो वे आने वाले चुनाव में जहां से भी चुनाव लड़ेंगे उनकी भद्द पिटनी तय है।
कांग्रेसी नेताओं और खासतौर पर रायगढ़ विधायक की वजह से स्थानीय पत्रकारों ने बुधवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जिले के प्रस्तावित दौरे की मीडिया कवरेज का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।

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