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संघर्ष के संकल्प के साथ छ.ग. ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी संघ की बैठक संपन्न…… मांगे पूरी नहीं होने पर करेंगे आंदोलन ….. बैठक में इस बात को लेकर हुई विस्तृत चर्चा …

 

रायगढ़ ।

छत्तीसगढ़ ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी संघ के अध्यक्ष आईसी मालाकार कार्यकारी अध्यक्ष केपी भारद्वाज ने बताया कि छत्तीसगढ़ ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी संघ जिला शाखा रायगढ़ की बैठक दिनांक 13 8 2022 को कृषि सभाकक्ष रायगढ़ में संपन्न हुई। बैठक में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के निर्णय दिनांक 7 4 22 पर चर्चा की गई तथा ततसंबंध में छत्तीसगढ़ ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी संघ प्रांतीय निकाय रायपुर के द्वारा की गई कार्रवाई का समर्थन किया गया। उल्लेखनीय है कि कृषि विभाग के प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी संचालक कृषि द्वारा उच्च न्यायालय की याचिका क्रमांक 4742 /2019 मे पारित निर्णय 7 .4 .2022 का पालन नहीं किया जा रहा है जिसमें विभाग में वर्षों से कार्यरत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति संवर्ग की वरिष्ठ कर्मचारियों के पदोन्नति के वैधानिक अधिकार का हनन हो रहा है ।

आदिवासियों के अधिकारों के हनन के विरोध में शहीद वीर नारायण सिंह चौक से कृषि विभाग के पीड़ित कर्मचारियों द्वारा प्रांत अध्यक्ष विजय लहरे, संरक्षक एम पी आड़े के नेतृत्व में मौन रैली निकालकर अपने संवर्ग के साथ हो रहे अन्याय की ओर ध्यान आकृष्ट कराया गया । कृषि विभाग में दिसंबर 2018 मे विभाग प्रमुख द्वारा प्रचलित पदोन्नति नियम को परिवर्तित कर 29 मई 2021 को लगभग 1000 वरिष्ठ अधिकारियों को पदोन्नति से वंचित करते हुए 235 कृषि विकास अधिकारियों को पदोन्नत कर दिया । संचालक कृषि द्वारा किए गए इस अवैधानिक पदोन्नति संशोधित नियम के विरुद्ध संघ द्वारा याचिका क्रमांक 4742 / 2019 मे छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की युगल पीठ द्वारा 7 अप्रैल 2022 को पारित अपने निर्णय में पदोन्नति के संशोधित नियम को निरस्त कर दिया गया है। इस निर्णय के आधार पर पदोन्नति शुन्य हो चुकी है।

किंतु संचालक कृषि द्वारा इन अवैध पदोन्नत कृषि विकास अधिकारियों को संरक्षण देकर इनके माध्यम से कृषि आदानो से संबंधित व्यवसायियों से अवैध वसूली कर प्रदेश के कृषकों का शोषण करवा रहे हैं,तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति संवर्ग के पात्र वरिष्ठ कर्मचारियों को उनके विधिक अधिकारों से वंचित कर रहे हैं। संघ द्वारा अप्रैल 2022 से लगातार सक्षम अधिकारियों को निवेदन किया जा रहा है। किंतु विभाग के सक्षम अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। जिसे लेकर विभाग के वरिष्ठ अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों में बेहद आक्रोश है।

संघ की मांग है कि न्यायालय द्वारा 235 कृषि विकास अधिकारियों की नियुक्ति अवैध घोषित की गई है इसलिए इन्हें रिवर्ट कर इनके स्थान पर विधि सम्मत अनुसूचित जाति -जनजाति संवर्ग के पीड़ित कर्मचारियों को पदोन्नति कर कर्मचारियों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा किया जावे यदि उच्च न्यायालय के निर्णय का सम्मान नहीं किया जाता है तथा अवैध रूप से पदोन्नत कृषि विकास अधिकारियों को रिवर्ट नहीं किया जाता है तो संगठन पुन: आंदोलन के लिए बाध्य होगा और इसकी जिम्मेदारी कृषि विभाग के आला अधिकारियों की होगी।

इसकी घोषणा प्रांतीय निकाय द्वारा की जा चुकी है। छत्तीसगढ़ ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी संघ जिला शाखा रायगढ़ ने बैठक में घोषणा का स्वागत प्रस्ताव पारित करते हुए संचालक कृषि से अनुरोध किया है कि न्यायालय का सम्मान करते हुए 235 कृषि विकास अधिकारियों को तत्काल रिवर्ट किया जाए एवं वरिष्ठ ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों के पदोन्नति के लिए प्रक्रिया संचालित की जाए। जिला शाखा बैठक में अध्यक्ष आईसी मालाकार ,प्रांतीय सचिव पी आर भारद्वाज, जिला सचिव श्रीमती जमीमां एकका, कोषाध्यक्ष सुखदेव प्रसाद सिदार, केपी महेश( सारंगढ़) पीआर भास्कर (पुसौर) संतोष राठिया (धर्मजयगढ) एमपी सिदार (बरमकेला) सुशील कंवर (तमनार) भागीरथी राठिया (घरघोड़ा), सेतराम पैकरा (लैलूंगा) श्रीमती सुजाता तिर्की (खरसिया) सुश्री शीला टांडी (रायगढ़) एलबीएस जाटवर उप संचालक कृषि इकाई )सहित जिले के विभिन्न विकास खंडों के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी उपस्थित थे।

 

बैठक को छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संघ जिला शाखा रायगढ़ के संयोजक शेख कलीमुल्लाह संरक्षक डॉक्टर डीआर प्रधान ने भी संबोधित करते हुए आगामी 22 जुलाई के अनिश्चितकालीन हड़ताल के संबंध में जानकारी देते हुए 2 सूत्री मांगों के लिए हड़ताल को सफल बनाने का आह्वान किया। कार्यक्रम का संचालन केपी महेश द्वारा किया गया तथा आए हुए अतिथियों सदस्यों का आभार सुखदेव सिदार द्वारा किया गया। सारंगढ़ के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी ज्ञानी राम जोल्हे को श्रद्धांजलि देने पश्चात बैठक समाप्त हुआ।

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