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मैं बड़ा सौभाग्यशाली रहा हूँ, मुझे “मोर छैया भुइयां” फिल्म में काम करने का अवसर मिला ..प्रकाश अवस्थी ..2 सितम्बर को प्रदर्शित हो रही…. फिल्म को पर्दे पर देखा और उन्हें सुखद एहसास हुआ

 

रायपुर।
हम बात कर रहे आगामी 2 सितम्बर को प्रदर्शित हो रही छत्तीसगढ़ी फिल्म “मया होगे रे “के सुपर स्टार प्रकाश अवस्थी की …प्रकाश का कहना है की मेरे मन में हमेशा यह सवाल उठता कि ऐसा क्या करें, कि कम से कम बजट में फिल्में बनाएं क्योंकि 2002से. 2006.तक फिल्मों का बजट करीब 80_ 90 लाख क्योंकि तब फिल्मे निगेटिव में बंटी थी ,फिल्म की अच्छी फिल्म के लिए लागत लगानी होती थी ,जोकि यहां के हिसाब से बहुत ज्यादा था तभी डिजिटल कैमरा का शुरुआत हुआ ,मैंने तोरण राजपूत, रवि अग्रवाल ,मेरे भाई सतीश अवस्थी ,के साथ मिलकर और निर्देशक मंजुल ठाकुर को लेकर एक फिल्म “गजब दिन भइगे “का निर्माण किया और उस फिल्म को यूएफओ के माध्यम से आनंद सिनेमा घर में लेकर आया ,और मैंने यहां के सारे दिग्गजों को जैसे सतीश जैन ,प्रेम चंद्राकर, जी मनोज वर्मा ने फिल्म को पर्दे पर देखा और उन्हें सुखद एहसास हुआ कि हमें एक कम बजट में फिल्म बनाने का रास्ता मिल गया, वहाँ मेरे मित्र रॉकी दासवानी भी आए थे, उन्होंने मुझे तुरंत दूसरे दिन अपने ऑफिस बुलाया ,रॉकी ने कहा एक बढ़िया फिल्म की प्लानिंग करो प्रोड्यूस हम मिल कर करेंगे उसने मुझ पर भरोसा किया ,हमने सतीश भैया के साथ मिलकर एक फिल्म का निर्माण किया, जो इस इंडस्ट्री में फिर से मील का पत्थर साबित हुई वह फिल्म थी” मया” इसमें दो हीरो की कहानी थी, सतीश भैया ने एक शानदार फिल्म का निर्माण किया लेकिन इस फिल्म के निर्माण के दरमियान बहुत सारी अड़चनें आई जैसे पहले इस फिल्म में छोटी हीरोइन का रोल हीरोइन सिल्की गुहा निभा रही थी लेकिन उसे थायराइड का प्रॉब्लम था और वह बहुत मोटी हो गई थी हमने 1 दिन बड़ी मुश्किल से शूटिंग किया, तो हमें उसकी जगह बहुत सोचने पर रीमा सिंह को लिया यह सच है फिल्म में ऐसा ही एक किरदार एक मोटी महिला का था उसके लिए भी पहले हमने किसी और का चयन किया पर बाद में स्वास्तिका चक्रवर्ती जी ने निभाया और वह रोल अमर हो गया मुझे याद है फिल्म का प्रमोशन कर रहे थे और फिल्म के लगने के 2 दिन पहले जब धमतरी से वापस आ रहे थे तब सतीश भैया मुझसे बोलते हैं, प्रकाश फिल्म चलेगी कि नहीं यार, एक निर्देशक होने के नाते सतीश भैया बहुत आशंकित थे लेकिन कमाल के डायरेक्टर भी हैं उनकी जो प्लानिंग थी और पब्लिसिटी थी वह लोगों को भा गई फिल्म 25 हफ्ते चली सिल्वर जुबली हुई उसके बाद मेरी सतीश जैन जी के निर्देशन में बनी शिखा चिताम्बरे के साथ “टूरा रिक्शावाला” हिट हुई फिर मुझे भोजपुरी से बुलावा आया वहां मैंने वहां के स्टार रानी चटर्जी के साथ एक फिल्म की ‘चिंगारी “दो फिल्में की वहाँ की दूसरी स्टार “मोनालिसा” के साथ और भी तीन-चार भोजपुरी की उसके अलावा छत्तीसगढ़ी फिल्मों दो लफाड़ू, मया2 ,राजू दिलवाला, मयारू गंगा, दमदार ,महतारी ,बहुत सारी फिल्में की लेकिन मैंने एक फिल्म के लिए बहुत समय दिया वह फिल्म थी “मैं टुरा अनाड़ी तभो खिलाडी”रही
मैं बहुत ही शुक्रगुजार हु सतीश जैन जी को उन्होंने मुझे एक नाम दिया मेरी एक पहचान दी स्थापित हीरो के रूप में ..

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