
नटवर स्कूल में हादसा घोर लापरवाही, स्कूल के अंदर हादसा, जांच समिति गठित, स्कूल प्रांगण में आयोजनों पर लगे रोक, सबक लेने का समय, जान तलवार की नोक पर …कलेक्टर ने लिया ये निर्णय …पढ़िए पूरी खबर
रायगढ़। शहर के शैक्षणिक संस्था नटवर स्कूल का हादसा लापरवाही का एक बड़ा नमूना है। यह हादसा उस समय हुवा जब स्कूल में बच्चे मौजूद थे। हादसे में घायल होने।वाले युवक की जान भी तलवार की नोक पर अटकी हुई है। हालांकि डॉक्टरों की टीम अपनी पूरी ऊर्जा के साथ घायल को बचाने में लगे होने की बात कही जा रही है। वही अग्रसेन समाज द्वारा हादसे के बाद कार्यक्रम को तत्काल स्थगित कर दिया और घायल परिवार को 5 लाख रु मुआवजा देने की बात कही गई है।
घटना के बाद कलेक्टर रायगढ़ का बयान भी जनसम्पर्क विभाग द्वारा जारी किया गया। जिसमे कहा गया है कि
नटवर स्कूल परिसर में आज दोपहर हाइड्रोजन सिलेंडर फटने से दो व्यक्तियों के घायल होने की घटना सामने आई है। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने तत्काल मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय समिति गठित कर दी है। एसडीएम रायगढ़, खाद्य अधिकारी और जिला शिक्षाधिकारी इस मामले की जांच करेंगे। इस घटना से स्कूल के किसी बच्चे को कोई क्षति नहीं पहुंची है। सारे बच्चे सुरक्षित हैं।
नटवर स्कूल परिसर में गैस के गुब्बारे फुलाने वाले हाइड्रोजन सिलेंडर में आज दोपहर ब्लास्ट हो गया। जिससे इस कार्य में लगा एक श्रमिक गंभीर रुप से घायल हो गया। वहीं उसके साथी को भी कुछ चोटें आई हैं। घटना के तत्काल बाद पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। घायलों को उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया है। जिला शिक्षाधिकारी ने बताया कि इस घटना से स्कूल के किसी बच्चे को कोई क्षति नही पहुंची है। सारे बच्चे सुरक्षित हैं। कलेक्टर श्रीमती साहू द्वारा गठित समिति इस पूरे मामले की जांच करेगी। जिसके पश्चात आगे कार्यवाही की जाएगी।
गुब्बारे वाले के साथ जो घटना हुई वह दुखद तो है लेकिन अब सवाल यह उठता है कि स्कूल के अंदर जिस जगह पर घटना घटित हुई बेहद संवेदनशील शिक्षा का मंदिर है। अंदर बच्चे अध्ययनरत थे कोई बड़ा हादसा हो सकता था। सिलेंडर फटने की धमाके की गूंज दूर तक लोगों ने महसूस किया। एसडीएम गगन शर्मा ने बताया कि घटना के कुछ देर पहले बच्चे उस स्थान पर मध्यान भोजन कर रहे थे। हादसे के अब सबक ले लेना चाहिए कि शहर के नटवर स्कूल कैम्पस व म्युनिसिपल मैदान में इस तरह के किसी भी आयोजन पर रोक लग जाना चाहिए। वह भी विशेषकर ऐसे समय जब कक्षाएँ संचालित होती रहे।