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स्कली शिक्षा में सार्थक बदलाव ला रहा हिंडाल्को, माइनिंग क्षेत्र के 7 गांवों के बच्चों की शिक्षा का केंद्र बना ये स्कूल,गुरुकुल स्कूल का सीएसआर के माध्यम से हो रहा संचालन, इतना ही नहीं इन गांव के आंगनबाड़ी केंद्र की बदल रही सूरत

कठौतिया कोल माइंस क्षेत्र स्कली शिक्षा में सार्थक बदलाव ला रहा हिंडाल्को
• पाटन में गुरुकुल स्कूल का सीएसआर के माध्यम से हो रहा संचालन
• निर्बाध जारी है एनपीएस शिवालाटोला स्कूल के बच्चों की शिक्षा
• पड़वा गांव के 3 आंगनबाड़ी केंद्रों का किया जीर्णोंद्धार

 

रांची । “अगर गुरुकुल स्कूल नहीं होता तो मेरे तीनों बच्चों की स्कूल शिक्षा बुरी तरह प्रभावित होती। गुरुकुल स्कूल में मेरे तीन बच्चे पढ़ रहे हैं। स्कूल मेरे गांव का पास ही है और यहां अंग्रेजी माध्यम से मेरे बच्चे शिक्षित हो रहे हैं, जो मेरे लिए काफी गर्व की बात है।“ यह कहना है पलामू के पड़वा प्रखंड के सखुई गांव निवासी अश्वनी कुमारी गुप्ता का। इनके तीन बच्चे हिंडाल्को सीएसआर द्वारा संचालित गुरुकुल स्कूल में यूकेजी, पहली और तीसरी कक्षा में पढ़ रहे हैं। अश्वनी बताती हैं कि अगर गुरुकुल स्कूल पाटन में नहीं होता, जिसकी दूरी इनके गांव से महज 2 किलोमीटर है तो इनके बच्चों की शिक्षा का प्रबंध बेहद मुश्किल होता।
आदित्य बिड़ला समूह की मेटल प्लैगशिप हिंडाल्को को पलामू के कठौतिया में कोल खदान आवंटित है। कंपनी द्वारा कठौतिया के खनन क्षेत्र के पूरे 7 गांवों में स्कूली शिक्षा के लिए निरंतर काम किया जा रहा है। खनन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कजरी, कठौतिया, बटसारा, सिक्का, सखोई, पाल्हेखुर्द और गड़ीखास के बच्चों के लिए पाटन स्थित गुरुकुल स्कूल में 25 प्रतिशत रियायती दर पर स्कूली शिक्षा की व्यवस्था है। साथ ही बेहद मामूली शिक्षा शुल्क व स्कूल बस शुल्क भुगतान पर बच्चों के लिए सीबीएससी पाठ्यक्रम के तहत अंग्रेजी माध्यम में नर्सरी से कक्षा 10वीं तक की सुविधा उपलब्ध है। गुरुकुल स्कूल की प्राचार्या सीमा श्रीवास्वत बताती हैं कि 8वीं कक्षा के बाद से बच्चों को आगे की पढ़ाई के लिए बाहर पलायन करना पड़ता था, लेकिन हिंडाल्को द्वारा इस स्कूल की वजह से अब यहां आसपास के पूरे 7 गांव के बच्चों की नर्सरी से लेकर 10वीं कक्षा तक की शिक्षा पूरी हो रही है। स्कूल में कुल 331 बच्चे हैं इनमें से 195 बच्चे कठौतिया कोल माइंस क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 7 गांवों के हैं जिन्हें 25 प्रतिशत रियायती दर पर शिक्षा दी जा रही है। स्कूल में कुल 15 शिक्षक हैं । हिंडाल्को सीएसआर के माध्यम से स्कूल को वित्तीय सहायता प्रदान करती है जिसका उपयोग स्कूल द्वारा शिक्षकों के वेतन आदि पर किया जाता है। इसके साथ ही स्कूल भवन के किराए का भुगतान भी सीएसआर के तहत किया जाता है।कठौतिया माइनिंग क्षेत्र व उसके आसपास क्षेत्र के वैसे बच्चे जिनके एकल अभिभावक हैं उनकी शिक्षा का प्रबंध हिंडाल्को द्वारा मुफ्त किया जाता है। फिलहाल ऐसे तीन बच्चे हैं जो पड़वा गांव निवासी शोभंती देवी के बच्चे हैं। इनके पति आशीष सोनी की मृत्यु के बाद से इनके तीनों बच्चों की शिक्षा का खर्च हिंडाल्को सीएसआर विभाग द्वारा वहन किया जा रहा है। इस बारे में हिंडाल्को कोल वर्टिक के प्रमुख विवेक मिश्रा ने बताया कि कठौतिया खनन क्षेत्र अंतर्गत आने वाले गांवों में स्कूली शिक्षा का समुचित प्रबंधन सुनिश्चत करना कंपनी की प्राथमिकताओं में शामिल है। हमरा निरंतर प्रयास है कि कोल माइंस व आसपास के गांवों के बच्चों की शिक्षा में कंपनी हर संभव मदद करे ताकि उनकी शिक्षा निर्बाध रूप से जारी रहे। इसी प्रयास के तहत पड़वा के पूर्वीटोला, हरिजन टोला और रजहरा में कुल 3 आंगनबाड़ी केंद्रों का जीर्णोंद्धार भी सीएसआर के तहत किया गया है जहां बच्चे बेहतर सुविधाओं के साथ पढ़ाई कर पा रहे हैं। यहां कंपनी द्वारा भवन के जीर्णोंद्वार के साथ बच्चों के बैठने के लिए 26 सेट कुर्सी-टेबल, वाल पेंटिग, बिजली की वायरिंग, पंखे , एलपीजी गैस सिलेंडर -चूल्हा व पीने के पानी की सुविधा मुहैया कराई गई है। यही नहीं न्यू प्राइमरी स्कूल (एनपीएस) शिवालाटोला में जो कठौतिया माइनिंग क्षेत्र के अंतर्गत आता है और जिसे शिक्षा विभाग के आदेश से उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय कठौतिया में स्थानांतरित किया जा चुका है बच्चों की शिक्षा निर्वाध रूप से जारी है। एनपीएस शिवालाटोला के सचिव सह प्राधानाध्यापक तवकल महतो बताते हैं कि इस स्कूल में कक्षा एक से पांच तक के 114 बच्चे पढ़ रहे हैं। स्कूल के स्थानांतरण के समय कुल बच्चों की संख्या 102 थी जो अब 114 है।

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