
सरकारें भ्रम फैला रही है दोनों राज्यों के बीच महानदी के पानी को लेकर नहीं कोई विवाद, कारपोरेट घरानों को पानी देने का षड्यंत्र- प्रतिनिधि मंडल, देश भर की नदियों का बदल रहा स्वरूप, दोनों राज्यों के साझा प्रयास से नदी बचाओ आजिविका बचाओ अभियान होगा सफल
रायगढ़।
आज पड़ोसी राज्य ओडिशा से 7 सदस्यीय दल महानदी बचाओ आजीविका बचाओ अभियान का दल रायगढ़ पहुंचा। छत्तीसगढ़ सीमा पहुंचकर सर्वप्रथम महानदी सीमावर्ती गांव में पहुंचकर बाढ़ ग्रस्त ग्रामीणों से चर्चा किया और नदी बचाओ आजीविका बचाओ अभियान पर चर्चा की गई।
रायगढ़ पहुंचकर केलो डेम का जायजा लिया तदुपरांत जननायक रामकुमार अग्रवाल प्रतिमा स्थल पहुंचकर केलो नदी बचाओ के अवदानों को याद किया और पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित किया। इसके बाद जिला बचाओ संघर्ष मोर्चा कार्यालय में सयुंक्त दल का एक विस्तृत चर्चा की गई। जिला बचाओ संघर्ष मोर्चा कार्यालय में इस बात पर गहन चर्चा हुई कि नदियों के पानी से ग्रामीणों की आजीविका खत्म हो रही है उद्योगों को पानी बेचा जा रहा है। उद्योगों की वजह से नदी प्रदूषित हो रही है पानी प्रदूषित होने से आजीविका का संसाधन खत्म हो रहा है। संयुक्त दल की ओर से कहा गया कि
हमे संघर्ष करना होगा अन्यथा नदी एक दिन अपना अस्तित्व खो देगी। श्री अनंता ने कहा कि ओडिशा राज्य के 15 जिले 2 करोड़ लोग महानदी पर आश्रित है लेकिन आज डेम का पानी किसान मछुवारों के लिए न होकर कारपोरेट घरानों के लिए दी जा रही है।
मोर्चा कार्यालय में इस बात को लेकर चर्चा हुई दोनो प्रदेश मिलकर कैसे इस अभियान को आगे लेकर जाए और खत्म होती नदियों के अस्तित्व को बचाने कामयाब हो अन्यथा हमारी आने वाली पीढ़ी हमें कोसेगी। सुदर्शन छूटराय ने बताया कि25 सितम्बर को विश्व नदी दिवस है और इस दिन नदी बचाओ आजीविका बचाओ अभियान को अपने अपने तरीके से अभियान चलाएंगे।
10 सितम्बर से 25 सितंबर तक 15 दिन का एक कार्यक्रम किया जा रहा है। पूरे देश मे नदी के स्वरूप में बदलाव आ रहा है भविष्य के लिए नदी बचाओ नदी सुरक्षा अभियान चलाया जा रहा है। 2 अक्टूबर से 3 महीने का एक व्यापक अभियान चलाया जाएगा।
नदी के पानी को पूरी तरह से उद्योगपतियों के हवाले कर दिया गया है जो भी काम किया भी कारपोरेट इंडस्ट्रीज के लिए किया जा रहा है किसान व मछली पालन करने वालों के लिए नही है। जिला बचाओ संघर्ष मोर्चा के विष्णुसेवक गुप्ता ने कहा कि रामकुमार अग्रवाल ने पूरे जीवन केलो डेम के लिए संघर्ष किया और आज उसका दुरुपयोग हो रहा है किसानों को पानी की जगह उद्योगपतियों को लाभ दिलाने के लिए किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ और ओडिशा सरकार एक भ्रम फैला रही है कि ओडिशा छत्तीसगढ़ के बीच महानदी पानी को लेकर विवाद है ऐसा नही है हमारी लड़ाई महानदी आजीविका को लेकर जितना पानी किसानो को मिलना चाहिए उतना मिल नही पा रहा है इसको लेकर संघर्ष है। इस प्रमुख मुद्दे की चर्चा में ओडिशा से आये 7 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल के साथ जिला बचाओ संघर्ष मोर्चा के वासुदेव शर्मा, विष्णु सेवक गुप्ता, जय प्रकाश अग्रवाल, महादेव अग्रवाल, डॉ सुरेश शर्मा, डॉ राजू अग्रवाल, मनोज श्रीवास्तव, कलीमुल्लाह वारसी, रघु प्रधान, जीपी मिश्रा, नीलकंठ साहू, सहित अन्य मोर्चा पदाधिकारी चर्चा में शामिल हुए।
मोर्चा कार्यालय में आयोजित चर्चा के उपरांत रायगढ़ से रवाना होने के पूर्व ओडिशा से आये नदी बचाओ आजीविका बचाओ का प्रतिनिधिमंडल जिला बचाओ संघर्ष मोर्चा के सक्रिय सदस्य गणेश कछवाहा के निवास स्थान पहुंचकर उनका कुशलक्षेम जाना और साथ ही चल रहे कार्यक्रम को लेकर चर्चा किया। प्रतिनिधि मंडल गणेश कछवाहा के जल्द से जल्द पूर्ण स्वस्थ होने की कामना की गई।