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छात्र नेता संघ के बीच चली तना तनी…. इस युवा नेता ने कहा ये ओछी व हास्यास्पद राजनीति, अभद्रता और गुंडागर्दी का वीडियो शहर की जनता तथा वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने भी अपनी आंखों से देखा है, आरिफ के प्रयास से ही मिली है और इसकी बढ़ती लोकप्रियता को भाजपा एवं अभाविप के नेता पचा नहीं पा रहे

 

रायगढ़। कांग्रेस के युवा नेता राकेश पाण्डेय ने विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि अभाविप के छात्र नेताओं ने जिस प्रकार से डिग्री कॉलेज परिसर में उपद्रव मचाया और खुलेआम गुंडागर्दी करते हुए कैंटीन संचालक को पुलिस और महाविद्यालय प्रबंधन के सामने अश्लील गाली-गलौज की और उसे बुरी तरह मारा जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हुआ है और इस घटना का खबर कई प्रतिष्ठित मीडिया में वीडियो के साथ प्रकाशित भी किये गए हैं। उसके बावजूद यदि भाजपा के जिलाध्यक्ष यह कहते हैं कि सत्ताधारी पक्ष के नेता सत्ता का दुरुपयोग कर शहर की अमन-चैन को खराब कर रहे हैं तो ये हास्यास्पद और ओछी राजनीति ही नजर आती है।

अभाविप के नगर मंत्री मनोज अग्रवाल की अभद्रता और गुंडागर्दी का वीडियो शहर की जनता तथा वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने भी अपनी आंखों से देखा है। जरा सोचिए जिस बेरहमी से कैंटीन संचालक को मनोज अग्रवाल व उनके साथी पीट रहे थे यदि वहां पुलिस मौजूद नहीं होती तो बड़ी घटना घट सकती थी। जिलाध्यक्ष पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखें कि क्या उनके अभाविप के छात्र नेता सही हैं? बात करें मनोज अग्रवाल के साथ हिंसक घटना की तो कांग्रेस व एनएसयूआई इस हिंसक घटना की कड़ी निंदा करती है। मनोज अग्रवाल के साथ मारपीट करने वाले नकाबपोश कौन हैं यह फिलहाल जांच का विषय है। बिना किसी तथ्य व सबूत के सत्ता पक्ष एवं एनएसयूआई जैसे जिम्मेदार छात्र संगठन व उनके नेताओं पर लांछन लगाना उचित नहीं है।

पूरी शहर की जनता जानती है कि एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष आरिफ हुसैन ने हमेशा छात्र हित के लिए काम किया है, चूंकि आरिफ डिग्री कॉलेज के जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष, वार्ड नंबर 7 के पार्षद और जिले के युवाओं के पसंदीदा छात्र नेता हैं, जिन्होंने बेहद कम उम्र में राजनीति में ऊंची सफलता दर्ज की है। आरिफ हुसैन की बढ़ती लोकप्रियता को भाजपा एवं अभाविप के नेता पचा नहीं पा रहे हैं। इस वजह से उन्हें बदनाम करने के लिए ये घिनौना झूठा षड्यंत्र रच रहे हैं। पूरे जिले के छात्र जानते हैं कि कोरोना काल के समय करीब दो साल तक शिक्षा व्यवस्था ऑनलाइन मोड में की गई थी और जब परीक्षा देने की बारी आई तो इसे ऑफलाइन मोड पर आयोजित किया गया था जिससे हजारों छात्र परेशान हो गए थे कि कैसे हम ऑफलाइन मोड पर परीक्षा देंगे। उस वक्त उनकी परेशानियों को समझते हुए आरिफ हुसैन ने एनएसयूआई के बैनर तले ऑफलाइन एग्जाम कराने की मांग की और हजारों छात्रों के साथ अपने ही सरकार के खिलाफ खड़े होकर शहीद नंदकुमार पटेल यूनिवर्सिटी का घेराव तक कर दिया और जैसी शिक्षा वैसी परीक्षा का नारा देते हुए सरकार से ऑफलाइन मोड पर परीक्षा की मांग करते हुए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया जिसमें वे सफल भी रहे।

आरिफ के प्रयासों से ही हजारों छात्र लाभान्वित हुए। क्या भाजपा का कोई भी नेता अपने मोदी सरकार के विरुद्ध जनता के हितों के लिए ऐसा संघर्ष कर सकता है? भाजपा हमेशा अराजकतापूर्वक धर्म की राजनीति करते हुए गुंडा तत्वों को संरक्षण देती आई है और सत्तापक्ष के नेताओं को बदनाम करने की साजिश रचती रही है। अभाविप नेताओं का खुलेआम मारपीट का वीडियो वायरल होने के बावजूद भी भाजपा जिलाध्यक्ष व अन्य भाजपा नेता धृतराष्ट्र बने हुए हैं, सब कुछ देखते हुए भी अपने संगठन के गुंडा तत्वों को बचाने के प्रयास में निर्दोषों पर आरोप मढ़ रहे हैं तो भगवान उन्हें सद्बुद्धि दें। जिन नकाबपोशों ने मनोज अग्रवाल के साथ हिंसक वारदात को अंजाम दिया उन अज्ञात तत्वों के विरुद्ध पुलिस ने मामला दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर दी है जिसका जल्द ही पर्दाफाश हो जाएगा।

लेकिन भाजपा नेताओं को अभाविप नेताओं की गलती नजर नहीं आ रही है। मनोज अग्रवाल व उनके साथियों को भाजपा द्वारा संरक्षण इसलिए दिया जा रहा है ताकि वे उसे बचा सके ताकि कैंटीन संचालक ने उनके ऊपर जो एफआईआर दर्ज की है उसमें वे पुलिस के ऊपर दबाव बनाकर मामला रफा-दफा कर सके। अगर भाजपा नेता इतने ही न्यायप्रिय हैं तो कैंटीन संचालक के साथ मारपीट की घटनाओं का जिक्र करते लेकिन उनके मन में पीड़ित कैंटीन संचालक के प्रति कोई संवेदना नहीं है। इनका उद्देश्य राजनैतिक दबाव डालकर मनोज अग्रवाल को बचाना है और सत्ता पक्ष व एनएसयूआई के नेताओं पर आरोप मढ़ना है।जिम्मेदार पद पर होने के नाते जिलाध्यक्ष जी आपको पुलिस की जांच और न्यायपालिका पर भरोसा होना चाहिए। बिना किसी सबूत के एनएसयूआई के छात्र नेताओं पर गुंडागर्दी का अनर्गल आरोप लगाना बंद कीजिए। यदि आपके पास सबूत है तो प्रस्तुत कीजिए और यदि नहीं तो धर्मांध से भरी ओछी राजनीति कर शहर की शांत फिजा में जहर घोलने का प्रयास मत कीजिए। हमारा रायगढ़ शांतिप्रिय शहर है और इसमें जो भी जहर घोलने का प्रयास करेगा उसके खिलाफ हमारी संगठन मजबूती से खड़ी रहेगी।

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