
रायगढ़ के तमनार में हुआ कोयला सत्याग्रह हजारों की संख्या में ग्रामीण हुए शामिल, हमारी जमीन हमारा जंगल हमारी नदी …. कोयला भी हमारा, सत्याग्रह में हजारों की संख्या में ग्रामीणों की मौजूदगी कहती है कि ….पढिये पूरी खबर
रायगढ़।
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के तमनार में गांधी व शास्त्री जी की जयंती के मौके पर 12 वां कोयला सत्याग्रह का आयोजन किया गया। गांधी जी नमक सत्याग्रह की तर्ज पर प्राकृतिक संसाधन जल जंगल और जमीन में सामुदायिक हक को लेकर सत्याग्रह का आयोजन किया गया।
गांधी जयंती के अवसर पर रायगढ़ के तमनार के ग्राम पंचायत उरवा पेलमा में भारत के संविधान के उद्देश्य का पाठन कर कार्यक्रम की शुरुआत किया गया। प्राकृतिक संसाधन जल जंगल और जमीन में सामुदायिक हक को लेकर आयोजित कोयला सत्यग्रह में झारखंड, उड़ीसा, आंध्रप्रदेश व अन्य राज्यों से आए सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी ग्रामीणों के सत्याग्रह में हिस्सा लिया। सामाजिक कार्यकर्ता राजेश त्रिपाठी ने बताया कि तमनार ब्लॉक कोयला बाहुल्य क्षेत्र है यहां कई बड़ी कंपनियों के कोल ब्लॉक स्थित हैं व कई और कोयला खदान खुलना है। जिसका ग्रामीण विरोध करते हुए हमारी जमीन हमारी सम्पदा की मांग करते हुए कोयला खनन की अनुमति ग्रामीण समुदाय को देने की मांग को लेकर हर वर्ष 2 अक्टूबर गांधी जयन्ती के अवसर पर कोयला सत्याग्रह मार अपनी मांगों के प्रति सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता सविता रथ ने वार्ता को बताया कि तमनार क्षेत्र अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्र है इस नाते तमनार ब्लॉक में पेसा कानून लागू है। पेसा कानून कानून के तहत ग्रामीणों को ग्राम सभा का विशेषाधिकार प्राप्त है। और ग्रामीण सामूहिक रूप से ग्राम सभा कर सामुदायिक कोयला उत्खनन का प्रस्ताव पास कर शासन प्रशासन को मांग प्रेषित कर चुके हैं। आज 2 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के तमनार ब्लॉक के 56 ग्राम पंचायत के ग्रामीण कोयला सत्याग्रह किया जिसमें हजारों की संख्या ग्रामीणजन शामिल हुए।
कोयला सत्याग्रह में प्रदेशनके बाहर से आये समाजिक कार्यकर्ताओ व हजारों की संख्या में उपस्थित ग्रामीणों द्वारा सभा का आयोजन किया गया। सभा मे समाजिक कार्यकर्ता राजेश त्रिपाठी को फूल पत्तियों से तैयार किये गए हार को पहना कर स्वागत व सम्मानित किया गया। ग्रामीणों के इस आंदोलन को एक दिशा देने राजेश त्रिपाठी के विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया गया। सभा मे ग्रामीणों द्वारा एक मत से संविधान के तहत मिले अधिकारों को लेकर सजग दिखे। पेसा एक्ट में तहत प्राप्त अधिकार व पारित ग्राम सभा प्रस्ताव के आधार पर सामुदायिक आधारित कोयला उत्खनन की अनुमति देने की मांग दोहराई गई। ग्रामीणों द्वारा सांकेतिक रूप से कोयला उत्खनन कर आंदोलन को गति दिया। कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों द्वारा तमनार पुलिस को भी सम्मानित किया गया।