
प्रशासनिक संवेदना से धडक़ता – कलेक्टर जनदर्शन – प्रो. अम्बिका वर्मा
रायगढ़ -नेशनल फैशन टेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट कोलकाता की डायरेक्टर आईएएस सुश्री बी ललिता लक्ष्मीअपनी प्रसिद्ध स्पीच ‘प्रशासन में रामायण’ में कहती हैं कि हैं कि हमें आईएएस की ट्रेनिंग में एक विशिष्ट मंत्र दिया जाता है ‘गुड गवर्नेंस’। अन्य बातों के अलावा राजधर्म यह है कि जो शरण में आता है उसे संरक्षण देना। राम इसीलिए शरणागत वत्सल है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में शासन एवं प्रशासन के प्रमुखों का भी यही दायित्व बनता है। शीर्ष प्रशासनिक पद पर आसीन अधिकारी का यही शीर्ष धर्म है कि कोई पीडि़त या वंचित इसी भाव से आपके पास आता है तो उसे उचित निदान का संरक्षण प्रदान करें। छत्तीसगढ़ शासन का साप्ताहिक कलेक्टर जनदर्शन कार्यक्रम रामायण में वर्णित उसी विचारणा का कार्यक्रम है। जिला इकाई के शीर्ष अधिकारी के संदर्भ में यह प्रशासनिक राजधर्म अपनी संपूर्ण गरिमा के साथ रायगढ़ के कलेक्टर जनदर्शन कार्यक्रम में धडक़ते हुए देखा जा सकता है। कलेक्टर रायगढ़ श्रीमती रानू साहू का जनदर्शन कार्यक्रम रूटीन से परे जरा हटकर होता है। क्योंकि जनदर्शन के फ्रेमवर्क में, उनकी प्रशासनिक संवेदना का हल्दिया पीला रंग दिखता है। उनके जनदर्शन का क्राफ्ट बिल्कुल अलग है जो उनकी प्रशासनिक संवेदना का गवाह है।’
ऐसे कई प्रसंग हैं जो बताते हैं कि रायगढ़ का कलेक्टर जनदर्शन कार्यक्रम प्रशासनिक संवेदना की मिसाल बनता है। एक सीताराम आता है जो किडनी की तकलीफ से त्रस्त है। सीताराम को जनदर्शन में तत्काल डायलिसिस की सुविधा प्रदान की जाती है। राशन कार्ड बनवाने का आवेदन लेकर पहुंची एक महिला अपने हाथों में राशन कार्ड लेकर खुशी खुशी जनदर्शन से लौटती है। अनेक महीनों से परेशान एक विधवा मां लीला देवी को इस जनदर्शन में ही जब कलेक्टर श्रीमती रानू साहू उसके हाथों में अनुकंपा नियुक्ति का आदेश सौंपती है तो उस अप्रत्याशित खुशी से उसकी आंखें छलक जाती हैं। ऐसे ही बैसाखी की मांग के साथ पहुंचे दिव्यांग युवक को मोटराइज्ड ट्राई साइकिल मिल जाती है तो वह स्तब्ध होकर मारे खुशी से फफक पड़ता है। ग्राम छूईपाली के 84 वर्षीय बुजुर्ग तेजराम विशाल के आवेदन पर कुछ समय में ही उनके हाथों में राशन कार्ड सौंप देती है। पुसौर के ग्राम सूरजपुर निवासी दिव्यांग ओम प्रसाद निषाद को भी इसी जनदर्शन में नई मोटराइज्ड ट्राई साइकिल प्राप्त हो जाती है। अधिकांश आवेदन राशन कार्ड, विधवा व विकलांग पेंशन और आर्थिक मदद के होते हैं। ये और इसी तरह के अनेक प्रसंग हैं जो बताते हैं कि श्रीमती रानू साहू का कलेक्टर जनदर्शन, प्रशासन का मानवीय दस्तावेज है। यथासंभव समस्याओं का तात्कालिक निदान करने में वे ज्यादा विश्वास करती हैं। जाहिर है सारे आवेदनों का तात्कालिक निपटान संभव भी नहीं है। कलेक्टर जनदर्शन में लोग बहुत उम्मीदें लेकर आते हैं। श्रीमती रानू साहू इस जनदर्शन कार्यक्रम को टाइप्ड सरकारी कार्यक्रम के तौर पर नहीं लेती। वे एक बहन – बेटी वाले नेह भाव से जुड़ती हैं। ग्रामीण अंचलों से आए लोगों से वे छत्तीसगढ़ी में बातें करती हैं। मुख्य मंत्री भूपेश बघेल का यही क्लियर मैसेज भी रहा है कि अपनी तकलीफ लेकर कोई जब अधिकारी के पास पहुंचे तो उसकी पूरी बातें सुनी जाए और समस्या का हर संभव निराकरण किया जाए! इसलिए ग्रामीणों से वे छत्तीसगढ़ी में संवाद करती हैं तो वे उनके मन के वह बहुत निकट होती हैं। इस तरह दोनों पक्ष एक दूसरे से सहज कनेक्ट होते हैं ।
उनकी प्रशासनिक संवेदना का साक्षी यह जनदर्शन, रायगढ़ की तकलीफ ..रायगढ़ के दर्द से जुड़ता है । जनदर्शन में आए लोगों के हाथों में कई कागज – पत्तर होते हैं । लेकिन श्रीमती रानू साहू उन कागजों से इतर, उनकी आँखों के दर्द को भी पढ़ और समझ लेती हैं। कलेक्टर रानू साहू फाइल से परे जाकर उसमें निहित समस्या और दर्द के संभव और तात्कालिक उपचार में विश्वास करती हैं। रायगढ़ कलेक्टर का जनदर्शन अनेक बार खुशी की नमी लिए होता है। अपनी समस्याओं के निदान से खुश खुश आवेदक कई बार कलेक्टर रानू साहू को कुछ बोल भी नहीं पाते हैं। दरअसल खुशी से छलक आईं उनकी आँखों को किसी शब्द या भाषा की दरकार भी नहीं होती ! उनकी भीगी आँखें वह सब कुछ कह जाती हैं जो शब्दों से बयां नहीं हो सकते। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू का आंचल ऐसे वंचित निसहायों की कृतज्ञता भरे आशीष से भरा है। गरियाबंद जिले के पांडुका गांव के किसान की बेटी हैं कलेक्टर श्रीमती रानू साहू। इसीलिए उनकी संवेदना की थाली में होती है राहत की रोली! कलेक्टर श्रीमती रानू साहू की प्रशासनिक संवेदना के संदर्भ में युवा पत्रकार सत्यजीत घोष की टिप्पणी है स्पेशल बच्चों का दिन, और ज्यादा स्पेशल बनाने वाली रायगढ़ कलेक्टर श्रीमती रानू साहू को सेल्यूट है जो 13 साल में नहीं हुआ वह रायगढ़ में हुआ। जिले में पहली बार किसी कलेक्टर ने इन स्पेशल बच्चों को राखी बांधी और उनके जीवन में मीठी-मीठी खुशियाँ बिखेर दीं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सारे ड्रीम प्रोजेक्ट के कामयाब क्रियान्वयन से लेकर किसान, महिलाओं, युवाजनों तथा अन्य वंचितों की समस्याओं के अपेक्षाकृत त्वरित निदान के प्रसंग में कलेक्टर श्रीमती रानू साहू की प्रशासनिक संवेदना का उजास कलेक्टर जनदर्शन को सार्थकता प्रदान करता है ।