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कंपनी के गोद गांव का हाल बेहाल, न रोजगार न विकास, कोसमपाली गांव की पहुंच सड़क नहीं चलने लायक, विकास के नाम पर विनाश को न्योता…… जिंदल पैंथर सीमेंट प्लांट के स्थापना की जनसुनवाई का ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश, जन सुनवाई में होगा विरोध

 

रायगढ़ ।

जिले के एक बड़े औद्योगिक घराने की सीमेंट फैक्ट्री की स्थापना के लिए जन सुनवाई आयोजित होनी है। जन सुनवाई जिंदल पैंथर सीमेंट के स्यंत्र स्थापना को लेकर है अब तक सीमेंट का उत्पादन प्रतिवर्ष 0.7 मिलियन टन प्रतिवर्ष है इसका उत्पादन दो गुगुने से अधिक क्षमता वाला प्लांट स्थापित किया जाना है इसके लिए कोसमपाली में 29 दिसंबर को जन सुनवाई होनी है। संयंत्र स्थापित होने के बाद उत्पादन क्षमता 0.7 से बढ़कर 3 मिलियन टन प्रतिवर्ष करने की योजना पर काम किया जा रहा है।

इसके जन सुनवाई की शहर सहित आस पास में चर्चा जोरों पर चल रही है। खास बात ये है की जिस गांव में प्लांट की स्थापना होनी है और जो इसके प्रभावित गांव है और जिंदल के गोद गांव भी है। इन गांव के आम ग्रामीणों को इसकी जानकारी तक नहीं दी गई लेकिन प्लांट की स्थापना को गुड्डे गुड़िए का खेल नहीं है सो परिसर में निर्माण कार्य को देखते हुए ग्रामीणों में पहले से ही सुगबुगाहट थी ही लेकिन जन सुनवाई गांव में एक कान से दूसरे कान पहुंचने लगी हालाकि अब भी बहुतेरे ऐसे भी जिन्हें इस सुनवाई के बारे में जानकारी नहीं है। जिन्हे जानकारी है उन्हें ग्रामीण जिंदल का आदमी बता रहे है और उनके ही माध्यम से पिछले कुछ समय से जिंदल की ओर से विभिन्न तरह की गतिविधियां करवा रही है जिसमे धार्मिक, सामाजिक खेल कूद शामिल है। यह सिर्फ कोसमपाली गांव में ही देखा जा रहा है। दूसरे गांव में वो भी नहीं बताया जा रहा है।

बदहाल सड़क पर चुरा डालकर जन सुनवाई के लिए अधिकारियों के आने लायक बनने की जुगत में

प्रभावित गांव गेजामुड़ा में पिछले 20 सालो में कोई भी विकास कार्य नहीं कराए गए हैं एकमात्र स्कूल बाउंड्री वॉल का निर्माण कराया गया वह भी बड़ी मिन्नतों के बाद जब जिले के मंत्री जी सिफारिश करवाई गई। इस गांव जन प्रतिनिधि सहित ग्रामीण जन सुनवाई का पुरजोर तरीके से विरोध का मन बना चुके हैं। गांव के अशोक पटेल, सुरेंद्र पटेल, उप सरपंच विक्की पटेल, ओम प्रकाश पटेल, ताराचंद सिदार, तिलकराम पटेल, आदि ग्रामीणों ने बताया की गेजामुडा, राजपुर, कोसमपाली सहित आसपास के जो प्रभावित गांव है ये सभी जिंदल के गोद गांव है लेकिन यह सिर्फ कागजों पर और कहने के लिए है।

कोसमपाली और गेजामुडा जाने वाली बदहाल मार्ग

कोसमपाली गांव के गोपाल डनसेना, हीरालाल यादव, सुरेंद्र सिदार, पूनम डनसेना, विजय यादव, कमलेश सिदार, जैसे ग्रामीणों ने बताया की गांव में जनसुनवाई को लेकर कोई मुनादी या जानकारी नहीं दी गई है लेकिन पिछले कुछ समय से इनके कार्य प्रणाली से कुछ अलग होने का अनुमान लगाया जा रहा था अब सुनने में आया है की 29 दिसंबर को जन सुनवाई होना है। लोगों ने बताया कि आस पास गांव के हजारों युवा बेरोजगार हैं जिनकी शादी भी इसलिए नहीं हो रही है की उनके पास कुछ नहीं है न नौकरी है और न ही आजीविका का कोई साधन है। गांव के एक कोटवार अनुसुइया यादव के द्वारा बताया गया की उसके पति कोटवार थे और उनकी कोटवारी भूमि भी चली गई लेकिन उसके बदले कुछ नहीं मिला बेटो के पास कोई काम भी नहीं है।
प्रभावित गांव कोसमपाली, बरमुडा, सराईपाली, धनागर, जोरापाली, परसदा, पतरापाली, बघनपुर, गेजामुडा, खैरपुर, चिराईपानी, कलमी पंचायत शामिल है इनके साथ इनके आश्रित गांव को मिला दिया जाए तो करीब दर्जन भर गांव प्रभावित हैं जो आगे चल कर और ज्यादा प्रदूषित होने वाले हैं । इनकी जनसुनवाई सफल हो इसके लिए कंपनी के नुमाइंदे जोर आजमाइश शुरू कर दिए हैं।

गेजामुडा गांव के उप सरपंच व अन्य

कोसमपाली गांव को ले लिया चारो तरफ से घेर लिया ,,-

गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने बताया की गांव चारो तरफ से घिर गया है धनागर की ओर से कोसमपाली व गेजामुडा पंचायत जाने वाली पहुंच मार्ग पूरी तरह से बदहाल है इस मार्ग पर चलना अपनी मौत को दावत देने जैसा है बारिश में इस मार्ग पर बड़े बड़े जानलेवा कीचड़ भरे गड्ढे में वाहन और पैदल चलना बेहद जोखिम भरा होता है दूसरा मार्ग ब्रिज के नीचे से बनाए गए अंडर ब्रिज में पानी भर जाता है जिसकी वजह से गांव आने जाने का दूसरा कोई विकल्प नहीं होता है। धनागर से होकर आने वाली सड़क को कंपनी द्वारा जानबूझ कर नहीं बनवाया जा रहा है ताकि कोसमपाली गांव के लोग कंपनी के आगे नतमस्तक मस्तक हो जाए और गांव छोड़ने को मजबूर हो जाएं।
गोद गांव में कोई विकास नहीं –
गेजामुडा गांव के ग्रामीणों ने बताया की उनका गांव गोद गांव है लेकिन गोद गांव के नाम पर न कोई विकास कार्य कराया जाता है और न ही गांव के बेरोजगारों को कोई नौकरी दी जाती है। हंगामा के बाद शुरुवात में जिन चंद लोगो को नौकरी पर रखा गया लेकिन उसके बाद किए गए वायदों पर मुकर गया और आज तक किसी को नौकरी नहीं दी गई।

कोसमपाली गांव में अकरोशित ग्रामीण

 

जन सुनवाई में विरोध तय, खड़ा कर सकते है इन्हे –
ग्रामीणों में जिस तरह से विरोध है और जिस तरह से कंपनी के खिलाफ मुखर होकर सुनवाई में विरोध दर्ज कराएंगे। कंपनी के द्वारा गांव को कोई भी बुनियादी सुविधाएं न तो मुहैया कराया जाता है। इसलिए गांव के लोग विरोध करेंगे और जनसुनवाई का विरोध दर्ज करेंगे। ग्रामीणों ने यह भी बताया की कंपनी द्वारा जिन लोगों को नौकरी दिया है उनको और उनके परिवार के लोगों को जनसुनवाई में खड़ा किया जाएगा ऐसा सुनने में आ रहा है। क्योंकि विरोध को देखते हुए ही कंपनी द्वारा आम सूचना कहीं भी नहीं कराई गई है।

गेजामुडा के ग्रामीण जो कहते है गोद गांव के नाम छलावा

विकास शून्य बढ़ेगा प्रदूषण
प्रभावित गांव में गोद गांव होने के नाते कोई विकास कार्य नहीं दिखाई देता है इसका ग्रामीणों में सबसे ज्यादा विरोध है। और न ही ग्रामीणों की कोई बात सुनी जाती है। कंपनी के स्थापित होने पर इस सीमेंट प्लांट से 25 लाख टन सीमेंट एवं 25 लाख टन क्लिंकर प्रतिवर्ष उत्पादन होगा। इससे जाहिर है की प्रदूषण की मार दोहरी पड़ेगी।

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