
अनिल जायसवाल ने कसी कमर..क्या कठिन है डगर..विधानसभा की दावेदारी के साथ पहुंच रहे..जनता के बीच..शासन की योजनाओं का कर रहे बखान..
अनूप बड़ेरिया
कोरिया कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार अनिल जायसवाल इन दिनों चुनावी चर्चा का विषय बने हुए हैं। दरअसल जिस प्रकार अनिल जायसवाल अपनी टीम के साथ बैकुंठपुर विधानसभा क्षेत्र में लगातार दौरा कर आम जनता के बीच अपनी पहुंच बनाकर.. लोगों से मिलकर..उनका सुख-दुख जानकर उनकी समस्याओं का त्वरित निदान कर रहे हैं। इसके अलावा भूपेश सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में शहर से लेकर ग्रामीण तक बखान करने के साथ ही योजनाओं से वंचित पात्र लोगो को सरकारी योजनाओं का लाभ भी दिला रहें हैं।
अनिल जायसवाल के इस ताबड़तोड़ जनसम्पर्क को राजनीति के विषय के जानकार मानते हैं कि अनिल जायसवाल ने विधानसभा सीट बैकुंठपुर की दावेदारी के लिए ताल ठोक दी है और वह बाकी दावेदारों से जनसम्पर्क में काफी आगे हैं। लगातार जनसम्पर्क की वजह से नुक्कड़-चौराहे में अब अनिल जायसवाल की चर्चा होने लगी है। राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार अनिल जायसवाल अब कांग्रेस के टॉप थ्री दावेदारों में शामिल हो गए हैं। वर्तमान सिटिंग MLA श्रीमती अम्बिका सिंहदेव जिनका टिकट कटना नामुमकिन ही है अभी भी पहले नम्बर पर हैं…2 बार विधायक का चुनाव लड़ चुके ज़िला पंचायत के उपाध्यक्ष वेदांती तिवारी वरियता के अनुरूप दूसरे नम्बर हैं, वहीं अल्प अवधि में ही अनिल जायसवाल ने टॉप थ्री आकर राजनीतिक विशेषज्ञों को चौंका दिया है। और जिस गति से उनका जनसंपर्क जारी है उसकी गूंज राजधानी रायपुर तक भी पहुंच चुकी है जिससे साफ है कि आने वाले समय में दावेदारी के लिए उनका नाम और आगे चल सकता है।
यदि बात अनिल जयसवाल के राजनीतिक कैरियर की जाए तो एनएसयूआई से कांग्रेस की राजनीति करने वाले अनिल जयसवाल, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष, प्रवक्ता व कोषाध्यक्ष रहने के अलावा जिला कांग्रेस कमेटी में संयुक्त महामंत्री रहे हैं। इसके अलावा पूर्व जनपद उपाध्यक्ष होने के साथ ही शासकीय अधिकारियों से काम कराने की शासकीय पकड़ भी रखते हैं। अध्यक्ष वन समिति के अलावा जनभागीदारी समिति हाई स्कूल के अध्यक्ष होने के साथ ही वर्तमान में जिला कांग्रेस कमेटी पिछड़ा वर्ग विभाग कोरिया के जिलाध्यक्ष भी हैं। इसके अलावा अनिल पूर्व में डॉ चरणदास महंत के सांसद प्रतिनिधि रहने के अलावा मनेन्द्रगढ़ विधायक डॉक्टर विनय जायसवाल के जिला पंचायत विधायक प्रतिनिधि भी हैं। ढेर सारी प्रतिभा व राजनीतिक योग्यता के बावजूद जायसवाल की डगर कठिन मानी जा सकती है। इसका कारण यह भी है जिला पंचायत उपाध्यक्ष वेदांती तिवारी भी जहां लगातार जनसम्पर्क करते देखे जा रहें है, वही दो बार विस चुनाव लड़ चुके होने के कारण आलाकमान की नजर में बने हुए हैं। वहीं वर्तमान विधायक अम्बिका सिंहदेव सर्वे रिपोर्ट में आगे हैं व सीटिंग MLA होने की वजह से प्रावीण्यता सूची में टॉप पर हैं। जिससे उनका टिकट कटना असम्भव प्रतीत होता है। उनकी 2023 को लेकर तैयारी भी चालू है। लेकिन कहा जाता है कि राजनीति खासकर कांग्रेस … लेकिन..किन्तु..परन्तु…और आश्चर्यजनक निर्णय लेने के लिए प्रख्यात है..जिसके बाद यदि पार्टी नए चेहरे पर दांव लगाने को सोचती है, तो निःसन्देह अनिल जायसवाल का नाम आगे हो सकता है। वहीं कुछ राजनीतिक विशेषज्ञ तो अनिल जायसवाल के पूरे विधानसभा के दौरे को लेकर यह भी मानते हैं कि राजधानी में बैठे एक कद्दावर नेता का उन्हें राजनीतिक आशीर्वाद मिल चुका है तभी वह विधानसभा में इतने सक्रिय नजर आ रहे हैं…अनिल जायसवाल के लिए फिलहाल कहा जा सकता है…
तेरा कठिन संघर्ष ही तुझे जितायेगा
ऊँची उड़ान को और ऊँचा कर
तेरी मंजिलों को तेरे और करीब लायेगा।