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धूमकेतु की तरह उभरा एक सितारा और राजनीतिक क्षितिज में छा गया…प्रख्यात चिकित्सक, गरीबो के मसीहा व राजनीतिज्ञ डॉ. राकेश शर्मा के जन्मदिन पर विशेष….

अनूप बड़ेरिया
कोरिया जिले के बैकुंठपुर में अक्सर लोगो की जुबां पर एक बात आती है कि यदि आपकी या आपके किसी परिचित का स्वास्थ्य बेहद खराब है और आर्थिक स्थिति इस इलाज का व्यय वहन करने लायक नहीं है तो आपको घबराने की जरूरत नही है सीधे शर्मा हॉस्पिटल जाइये वहां फौरन आपका इलाज आरम्भ हो जाएगा…ऐसे हैं इस शर्मा हॉस्पिटल के संचालक डॉ. राकेश शर्मा…
चिकित्सा सेवा के साथ ही जनसेवा का  पर्याय बन चुके कोरिया जिले के सर्वाधिक लोकप्रिय चिकित्सक डॉ राकेश शर्मा… का नाम… अब राजनैतिक गलियारों में भी पहचान बना रहा है।धूमकेतु की तरह उभर कर राजनीतिक क्षितिज में अचानक छा जाने वाले… विगत 40 वर्षों से चिकित्सा सेवा कर रहे डॉक्टर शर्मा का नाम सिर्फ शहरी क्षेत्रों में ही नहीं अपितु ग्रामीण क्षेत्रों में भी बेहद लोकप्रिय है.…  चिकित्सा सेवाकाल के दौरान हजारों सफल ऑपरेशन डॉ शर्मा के द्वारा  किया  चिकित्सा के दौरान पैसों के अभाव में कोई भी मरीज चिकित्सा से वंचित नहीं हुआ मरीज को ठीक करने का हर संभव प्रयास करते हुए डॉ शर्मा ने निरंतर इलाज जारी रखा ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों से जमीनी स्तर पर जुड़े शिक्षक पुत्र डॉ राकेश शर्मा का सोचना है कि चिकित्सा के के माध्यम से हम उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवा देते हैं किंतु इसके अतिरिक्त कई ऐसी समस्याएं हैं जिनका समाधान आमजन नहीं कर पाते और वह परेशान रहते हैं साथ ही साथ की योजनाओं से लाभान्वित नहीं हो पाते अज्ञानता के अभाव में वे कहीं जा नहीं पाते और न हीं कोई समय निकालकर उनकी मदद करता है इस गंभीर समस्या के समाधान हेतु राजनीति में आना बहुत जरूरी है चिकित्सा के साथ ही राजनीति के माध्यम से सेवा कर आम नागरिकों के जीवन को स्वस्थ, सहज, सरल खुशहाल बनाना  है शिक्षक के घर में जन्मे डॉ राकेश शर्मा को ग्रामीण मूलभूत आवश्यकताओं, दैनिक समस्याओं की भली-भांति जानकारी है उन्होंने अपने घर में शिक्षा का विशेष महत्व दिया जिसके फल स्वरुप स्वयं डॉक्टर की उपाधि प्राप्त करने के पश्चात अपने  पुत्र पुत्रियों को बेहतर शिक्षा प्रदान की जिसके फल स्वरुप उनकी बड़ी बेटी नेहा शर्मा उत्तर प्रदेश में आईएएस हैं और दूसरे राज्यों में कोरिया जिले का नाम रोशन कर रही है दूसरी बेटी निष्ठा शर्मा न  कश्मीर कैडर  उच्च अधिकारी हैं वही पुत्र डॉ संकल्प शर्मा  सर्जरी विशेषज्ञ की उपाधि हासिल कर कोरिया जिले के नागरिकों की स्वास्थ सेवा कर रहे हैं गौरतलब है कि उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद अधिकतर युवा छोटे से शहर को छोड़कर  बड़े शहरों की ओर भागते हैं इसके विपरीत कोरिया जिले का आत्मीय  लगाव डॉक्टर  राकेश शर्मा के पुत्र डॉक्टर संकल्प को ऐसा रास आया कि वे यहीं पर रह कर अपनी बेहतर सेवा प्रदान कर रहे हैं
बैकुंठपुर महलापारा में संचालित डॉ शर्मा अस्पताल के संचालक डॉ राकेश शर्मा का जन्म 25 दिसंबर 1957 को हुआ। उनके पिता स्व चंद्रशेखर शर्मा शिक्षक थे और माता मिथिलेश शर्मा ग्रहणी, पत्नी डॉ रजनी शर्मा ख्यातिलब्ध महिला चिकित्सक हैं। मध्यम वर्गीय परिवार से होने के कारण आरंभिक शिक्षा नीमच मध्य प्रदेश,  उच्च शिक्षा ग्वालियर जबलपुर मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई की।
छोटे से क्लीनिक से मल्टी स्पेशलिटी चिकित्सालय तक का सफर-अविभाजित मध्यप्रदेश के समय डॉ राकेश शर्मा ने   कई वर्षों तक जिला चिकित्सालय बैकुंठपुर में सेवाएं दी। साथ ही वन क्षेत्रों पर पहुंचकर कैंप लगाकर नि:शुल्क सेवाएं और सरकारी योजनाओं की जानकारी देने लगे थे। परंतु उनकी कार्यशैली कुछ राजनेताओं को रास नहीं आई और डॉ शर्मा ने अपने जीवन का एक अहम फैसला लिया।  सरकारी नौकरी को छोड़ कर स्वयं  का क्लीनिक खोला,  उनकी पत्नी भी  पति का साथ देते हुए जिला चिकित्सालय से नौकरी छोड़ दी। मरीजों के प्रति अपनत्व का व्यवहार एवं सेवा भाव कार्यकुशलता के कारण  छोटा सा क्लीनिक एक बृहद वृहद मल्टी स्पेशलिटी चिकित्सालय अस्पताल का रूप ले चुका है।
50 वर्षों से है संघ का साथ- प्रारंभिक शिक्षा के दौरान ही आर एस एस की गतिविधियां उन्हें आकर्षित करने लगी राष्ट्रप्रेम और जन सेवा की सोच और बलवती हो गई और यही सोच की वजह से आर एस एस के आदर्श जीवन के अभिन्न अंग बन गए जब भी समय मिलता था  गतिविधियों में शामिल होते थे

डॉ शर्मा के साथ डॉ गंडा गुले, डॉ तमेर पूर्व मेयर भिलाई, डॉ सुरेश तिवारी पूर्व सीएमओ कवर्धा एवं अन्य साथी संघ की शाखा में जाते थे।

पर्यावरण संरक्षण हेतु विशेष पहल- यूं तो पर्यावरण संरक्षण हेतु विभिन्न प्रकार के पहल किए जाते हैं किंतु डॉ शर्मा के द्वारा अभिनव पहल करते हुए चिकित्सालय में आने वाले हर प्रसूताओं को  नि:शुल्क पौधे देने के साथ ही उन्हें पर्यावरण जागरूकता के प्रति भी अवगत कराते हुए  वृक्षारोपण करने का अनुरोध किया जाता है।
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यादें अटल की..विराट कवि सम्मेलन कल..डॉ.राकेश शर्मा फैन्स क्लब का आयोजन..आधुनिक OT का भी शुभारंभ…

डॉ राकेश शर्मा इलाज के साथ-साथ लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करते हैं। अपने अस्पताल में होने वाली डिलीवरी में बच्चे पैदा होने पर परिजनों को पौधे नि:शुल्क भेंट करते हैं। और उनसे कहते हैं, बच्चे की तरह ही इस पौधे की भी हिफाजत करें। परिजनों को पांच-पांच पौधे नि:शुल्क वितरण करते हैं। इस क्रम में लगभग 5000 से भी अधिक पौधे मरीजों को दिए गए साथ ही अपनी निजी भूमि पर भी सैकड़ों की संख्या में पौधे लगाए गए।
PAGE11NEWS परिवार की ओर से जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं

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