
अपने निलंबन पर अशोक अग्रवाल ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस एक विचारधारा है और उस विचारधारा ने मुझे चमचागिरी करना नहीं सिखाया ….कहा मुझे नोटिस देने व निलंबित करने से पहले क्या ……पढ़े पूरी खबर
रायगढ़।
अपने निलंबन पर बातचीत में अशोक अग्रवाल ने कहा मेरे निलंबन और नोटिश जारी की सूचना मुझे आप मीडिया के माध्यम से पता चली।बाकी मेरे को पूर्व में कोई आधिकारिक नोटिश जारी नही किया गया था,इसके बाद भी यदि प्रभारी मंत्री कहते है कि नोटिस जारी किया गया था तो किया गया होगा।
बात रह गई विधायक के ऊपर अमर्यादित टिप्पणी की तो सही को सही कहना यदि अमर्यादित है तो यही सही,निष्क्रिय और नकारा को निकम्मा कहना गलत है तो मैं अपने गलत के साथ खड़ा होना पसंद करूँगा।
टीएस बाबा के पक्ष में सोशल मीडिय में पोस्ट करना गलत है तो ये गलत मेरे लिए सही है।बाबा को मेरे सरकार कहना गलत है तो मेरे लिए ये गलत सही है।
कांग्रेस पार्टी की अपनी विचारधारा है और मैं उस विचारधारा से जुड़ा हूं।कांग्रेस हमे सिखाती है कि गरीब और जनता की हक में खडे रहो,मैं जनता के साथ खड़ा हूं। कांग्रेस हमे कभी नही सिखाता की किसी निष्क्रिय विधायक की चमचागिरी करो और सत्ता सुख का भोग करो। पार्टी को चाहिए कि वे पहले इस माामले में
विधायक से सवाल जवाब होना चाहिए कि पार्टी के अंदर से इस तरह की बाते क्यों उठ रही है और अगर उठ रही है तो क्यों … ? उन्होंने कहा विधायक को एक नोटिस काटे और पिछले 3 साल का उनका रिपोर्ट कार्ड मांगे, तब सब को समझ आ जायेगा कि माननीय विधायक कितने सक्रिय है.?
लोक सभा चुनाव और पंचायत चुनाव में पार्टी को गर्त में ले जानेवाले विधायक को अभय दान देकर यदि पार्टी मुझे निष्कासित करती है अथवा निलंबित करती है तो यह निलंबन मुझे स्वीकार है..
इन सब बातों से जाहिर होता है कि कहीं न कहीं पार्टी में असंतोष की भावना पनप रही है कहीं खुलकर बाहर आ रही है तो कहीं मन मसोच कर रह जाए रहे है। फिलहाल अभी यह कांग्रेस की राजनीतिक कोलाहल किस करवट बैठेगा आने वाले समय मे स्पष्ट होगा।