
पहले ही कहा था अब भाजपा की हार का सुखत होने वाला है खत्म ….कांग्रेस की करारी हार का क्या जिम्मेदार लेंगे जिम्मेदारी …….ब्लॉक अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष या फिर विधायक ….
रायगढ़ ।
नगर पालिक निगम रायगढ़ के वार्ड क्रमांक 27 में हुए उप चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद कांग्रेस को सबक ले लेना चाहिए। पिछले वर्ष हुए निगम के उप चुनावों में भले ही वार्ड 9 में हुए रिक्त हुए सीट पर भाजपा के उम्मीदवार ने कांग्रेस प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दी थी मगर उस समय भाजपा में ही भितरघात हुआ। लेकिन इस बार भाजपा प्रत्याशी की ओर से राजेन्द्र ठाकुर ने पहले ही ऐलान कर दिया था की नए साल में भाजपा की हार का सुखत खत्म होने वाला है। पार्टी ने जिस प्रत्याशी का चयन किया है उसके लिए भाजपा के दो ध्रुव के नेता एक हो गए हैं इतना ही नहीं तमाम भाजपा के दिग्गज जोड़ घटाव में लग गए थे और अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए पूरी तरह से तैयार हो गए थे और नतीजे ने भी भाजपा की बयान को सही साबित कर दिया है।
बता दें की इसके लिए विधायक प्रकाश नायक और जिला अध्यक्ष अनिल शुक्ला की तमाम कोशिशें नाकाम रही रही-सही कसर महापौर टीम ने कर दी अब तो इसी बात से सीख लेना चाहिए की शहर में कांग्रेस की साख न सिर्फ दांव पर है बल्कि इसके लिए जिम्मेदार क्या अपनी जिम्मेदारी निभायेंगे कांग्रेस के जिला शहर अध्यक्ष जिम्मेदारी लेंगे या चक्रधर नगर-जूटमिल ब्लॉक अध्यक्ष इस हार की जिम्मेदारी लेकर अपने अध्यक्षीय पद से इस्तीफा देंगे। या फिर इसके लिए रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक इस हार को अपनी हार स्वीकार करेंगे जिनके नेतृत्व में कांग्रेस प्रत्याशी को जिताने घर घर दस्तक दे रहे थे। लेकिन कांग्रेस की तमाम कवायद वार्ड नंबर 27 के मतदाताओं पर नहीं पड़ा।
राजनीतिक हलकों में कांग्रेस के गिरते साख को देखते हुए ही शायद भाजपा ने पहले ही अपने प्रत्याशी को कांग्रेस प्रत्याशी से आगे बताया था और वार्ड में प्रत्याशी की पकड़ को मजबूत बताते हुए जीत का दावा किया था। जीत का दावा कांग्रेस की ओर से भी की गई थी लेकिन उनके दावे नीरा खोखला साबित हुआ जबकि प्रदेश समेत निगम में भी उनकी ही सरकार है। क्या जीत का दावा कराने वाले इसकी जिम्मेदारी लेंगे और क्या इस्तीफा देंगे यह शहर में अब एक सुलगता सवाल कड़ाके की ठंड में गर्माहट देने वाली चर्चा चल पड़ी है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में रायगढ़ विधानसभा में परिणाम क्या होगा।
फिलहाल रायगढ़ में हुए उप चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की हार के मायने रखता है। संगठन की इसमें बड़ी जिम्मेदारी होती है। इस बात को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चाओ का माहौल गर्म है।