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मुद्दों पर बात मेकाहारा और जिला चिकत्सालय बदहाल …..युवा नेता जिले की चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर खड़ा किया सवाल ….स्वीकृत पदों में डॉक्टरों की त्वरित भर्ती को सुनिश्चित कराएं सरकार ….40 फीसदी स्टॉफ कम है जिसका सीधा खामियाजा …..कौन जिम्मेदार 

 

रायगढ़। जिले की चिकित्सा सुविधा में विस्तार की मंशा धरी की धरी रह गई है। धरातल पर मेडिकल कालेज अस्पताल का भी लाभ जिले वासियों को नहीं मिल पा रहा है।

संसाधनों की कमी के बीच संचालित हो रहे रायगढ् मेडिकल कॉलेज, मेकाहारा में शुरू से ही स्टाफ की कमी बनी हुई है जिससे पूरे जिलेवासियों को स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है जिसे लेकर रायगढ़ के युवा भाजपा नेता और सक्ति विधानसभा प्रभारी विकास केडिया ने राज्य सरकार और प्रशासन के उदासीन रवैए पर तीखा आक्रोश जाहिर किया है। किरोड़ीमल जिला चिकित्सालय खस्ताहाल में पहुंच चुका है। यहां पहले जैसी सुविधा उपलब्ध नहीं हो रहा है।

जारी विज्ञप्ति में युवा भाजपा नेता विकास केडिया ने कहा कि भाजपा शासित रमन सरकार ने रायगढ़ जिला वासियों को बेहतर और आधुनिक स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से मेकाहारा रायगढ़ की स्थापना की गई थी ताकि आदिवासी बहुल जिले में लोगों को स्वास्थ्य संबंधी सभी जरूरी सुविधाएं और बेहतर ईलाज मिल सकें और उन्हें ईलाज के लिए अन्यत्र कहीं दूर जाने की जरूरत न पड़े। लेकिन आज बीते दस महीने जब से मेकाहारा अपने पूर्ण अस्तित्व में आया है तब से ही मेडिकल कॉलेज में क्लिनिकल स्टाफ की भारी कमी बनी हुई है जिसकी वजह से मरीजों के उपचार में भारी समस्या आ रही है और ऐसे मे मेकाहारा और एमसीएच प्रबंधन द्वारा ज्यादातर मरीजों को भर्ती करने के बजाए दूसरे निजी हॉस्पिटल अथवा दूसरे शहर रिफर करने को ज्यादा तवज्जो दिया जा रहा है इससे समय पर इलाज नही मिलने से मरीजों की जान पर बात बन रही हैं जो कि सरासर रायगढ़ जिले वासियों के स्वास्थ्य हितों की उपेक्षा करने जैसा है।

आगे भाजपा नेता श्री केडिया ने कहा कि मेकाहारा , रायगढ़ 650 बेड के साथ स्थापित किया गया है और उनकी जानकारी के मुताबिक यहां हर दिन 300 से 400 तक ओपीडी जांच हो रही है। अब मेडिकल कालेज अस्पताल में सभी वार्ड तो शुरू हो गया है, लेकिन इसके लिए यहां स्टाफ की भारी कमी बनी हुई है। हालात यह है कि वर्तमान में मेकाहारा में कुल स्वीकृत पदों की तुलना में लगभग 40% फीसदी स्टॉफ कम है जिसका सीधा खामियाजा यहां उपचार कराने आने वाले मरीजों व उनके परिजनों को भुगतना पड़ रहा है और न न चाहते हुए भी उन्हें निजी अस्पताल या फिर दूसरे शहर जाना पड़ता था जिससे कई मर्तबे उनके मरीजों की जान तक पर बन आती हैं बावजूद इस राज्य सरकार और स्थानीय शासन प्रशासन की ओर से कोई कारगर पहल आज पर्यंत नहीं की गई हैं जो बताती हैं कि वर्तमान सरकार को रायगढ़ जिलेवासियों के स्वास्थ्य को लेकर कितनी असंवेदनशील है।

आगे भाजपा नेता श्री केडिया ने सूबे के स्वास्थ्य मंत्री सहित स्थानीय शासन प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि वर्तमान में मेडिकल कॉलेज में लगभग सभी विभागों जैसे गायनिक, ईएनटी, पीडियाट्रिक, रेडियोलॉजी, मेडिसिन और सर्जरी विभाग में डॉक्टरों में कमी बनी हुई हैं जिसकी त्वरित भर्ती हेतु प्राथमिकता से पहल करना चाहिए और जल्द से जल्द उपरोक्त सभी विभागों में वांछित पदों की भर्ती को सुनिश्चित करना चाहिए ताकि जिले वासियों को रायगढ़ मेडिकल कॉलेज का समुचित लाभ मिल सकें। और जिले का मुख्य अस्पताल पहले के जैसा सुव्यवस्थित कराया जाए मेकाहारा के सुपुर्दगी के पहले यहां मरीजों के लिए व्यवस्था थी किंतु मेडिकल कालेज द्वारा अपने भवन में अस्पताल ले जाने के बाद जिले का किरोड़ीमल जिला चिकित्सालय अब बदहाल हो चुका है मरीजों को भटकना पड़ रहा है। मेडिकल कालेज को हेंडोवर दिए जाने के पहले यहां मरीजों को बेहतर चिकित्सीय उपचार की सुविधा थी किंतु अब यह बदहाल हो चुका है।

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