
थोड़ा हमारे बारे में भी सोच लिया होता साहब …..मनरेगा से उपलब्ध कराए काम …..लॉक डाउन बढाने को लेकर ……मजदूर हितैसी कहते हैं …..
आज रायगढ़ जिला कलेक्टर ने अपने पिछले लॉकडाउन के आदेश को आगे बढते 16 मई की रात्रि 12 बजे तक कर दिया है।
आदेश में श्रमिकों के रोजगार को लेकर शाशकीय निर्माण कार्यो को अनुमति दी गई साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों व मनरेगा में लगे मजदूरों को संध्या 5 बजे तक कि छूट दी गई है। निजी निर्माणकार्य पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया है। जिससे कि निजी क्षेत्र में कार्य कर रहे श्रमिक मजदूर रोजगार से वंचित हो गए है। जो कि पिछले 14 अप्रैल से अब तक घरों में ही बैठे है और इनकी आय का स्त्रोत पूर्णरूप से बंद हो चुका है। आखिर ये गरीब दैनिक वेतनभोगी (मजदूर) कब तक इस लॉकडाउन में अपना जीवनयापन कर सकेगा? कब तक यू घरों में बैठकर अपना घर चला सकेंगे?
आज लगभग 20 दिनों से अधिक समय से सभी लोग घरों में बैठे है और इस लॉकडाउन ने तो जनता की कमर ही तोड़ दी है ऐसे में श्रमिकों को निजी क्षेत्रों में कार्य करने की अनुमति न देना प्रशासन का बहुत ही गलत निर्णय है।
जिला प्रशासन के इस निर्णय पर श्रमिको की ओर से हम ये आग्रह करना चाहते है कि जिला प्रशासन जिले के हर दैनिक वेतन भोगी मजदूर को मनरेगा व अन्य योजनाओं के तहत जिले में ग्रामीण, शहरी निगम क्षेत्र में जल्द से जल्द रोजगार देने की कोशिश करे ताकि उनका जीवनयापन सही से हो सके और उन्हें किसी भी प्रकार की समस्याओं का सामान न करना पड़े।
✍🏻 श्रमिक हितैसी