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रायगढ़ का ज्वलंत राजनीतिक मुद्दा भाजपा से कौन सशक्त उम्मीदवार ….. विजय अग्रवाल और गुरपाल भल्ला बने हैं धुरी….. या फिर कोई युवा चेहरा विकास, पूनम, उमेश, रामचंद्र…..ये भी है लाइन में और इस तरह कर रहे दावेदारी …

 

रायगढ़ । जिले का रायगढ़ विधान सभा में भाजपा प्रत्याशी को लेकर एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है रायगढ़ विधान सभा से आखिर भाजपा का उम्मीदवार कौन हो सकता है? नाम अगर लिया जाए तो सबसे पहले लोगों की जुबा पर विजय अग्रवाल का आता है। रायगढ़ की राजनीत में भाजपा एक परिधि की तरह बन चुका है। और इस परिधि में नाम तो कई आते हैं। लेकिन सशक्त उम्मीदवार के तौर पर किस पर भाजपा दांव खेल सकती हैं यह रायगढ़ की भाजपाई राजनीति में एक ज्वलंत मुद्दा है। विजय अग्रवाल के बाद रायगढ़ भाजपा में अगर दूसरा कोई शसक्त अनुभवी दिग्गज नेता है तो वो गुरपाल भल्ला का नाम सामने आता है।


गुरपाल भल्ला भाजपा के एक ऐसे सशक्त नेता के रूप में स्थापित है जिनका वर्तमान में कोई तोड़ नहीं है। कई चुनावी पारी में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले गुरपाल भल्ला अपने आप में रायगढ़ विधान सभा ही नहीं बल्कि आस पास के जिले में भी भाजपा के कद्दावर नेता के रूप में माने जाते है। शहर से लेकर गांव तक में ऐसा कोई जगह नहीं होगा जहां लोगों में इन्हें एक राजनीतिक वट वृक्ष की तरह माने और जाने जाते है। हर जगह उनकी मजबूत पकड़ भी है युवा नेताओं से लेकर बड़े नेताओं तक में उनकी पैठ सिर्फ पैठ ही नहीं मजबूत पैठ है। राजनीति के चाणक्य के रूप में रायगढ़ भाजपा में स्व रोशनलाल अग्रवाल के बाद अगर कोई है तो वो गुरपाल भल्ला है। विजय अग्रवाल तो दिग्गज और चाणक्य राजनीत के मंजे हुए खिलाड़ी हैं ही विजय अग्रवाल को अगर टिकट नहीं मिलती है इसी स्तिथि में दूसरा कोई भाजपा का दिग्गज नेता है तो वो गुरपाल भल्ला के रूप में सामने छवि बनती है। जिसे अनुभव और लंबे समय से भाजपा पार्टी की सेवा करते चले आ रहे हैं और इससे कोई इंकार भी नहीं कर सकता है। और ये दो नेता ऐसे नेता हैं जिन पर दांव खेला जा सकता है।

अब बात युवा नेताओं की आती है तो उसमें एक महिला नेता का भी नाम लिया जाता है। हां वह महिला नेता नगर पालिक निगम में नेता प्रतिपक्ष की नेता पूनम सोलंकी का न सिर्फ नाम लिया जाता है बल्कि उनकी भी दावेदारी सामने आती है। सक्रिय युवा नेता विकास केडिया का नाम बतौर युवा प्रत्याशी के तौर पर लिया जाता है। विकास केडिया को स्व रोशनलाल अग्रवाल के साथ कनेक्ट किया जाता रहा । स्व रोशनलाल अग्रवाल के साथ जुड़े रहे राजनीत में वो अपनी छवि एक अलग सक्रिय युवा चेहरे के तौर पर बनाने में कामयाब रहे हैं। लंबे समय से भाजयुमो से जुड़े रहे इस दौरान उनके पार्टी के लिए किए गए कामों और युवा से लेकर बुजुर्ग बड़े नेताओं तक उनकी अपनी पैठ है। विकास केडिया युवा नेता में एक ऐसा नाम है जो रायगढ़ विधान सभा के चप्पे चप्पे पर उनकी पहुंच और सक्रियता है। युवा चर्चित चेहरा विकास केडिया की सांगठनिक पकड़ भी मजबूत मानी जाती है। स्थानीय स्तर से लेकर पार्टी आलाकमान स्तर के बड़े नेताओं में उनकी अच्छी पहुंच और पकड़ है।

इनके अलावा विलिस गुप्ता, रत्थू लाल गुप्ता भी अपने आप को विधायक की कुर्सी की दौड़ में शामिल रखते हैं। रामचंद्र शर्मा का भी भाजपा मोह कहीं न कहीं परिलक्षित होता है रामचंद्र शर्मा अपनी राजनीतिक पारी खेलने को आतुर तो जरूर हैं किंतु अब तक वे अपना एक निश्चित ठिकाना ढूंढ नहीं पाए हैं। वही बीते कुछ समय से शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े एक ऐसा ही युवा भाजपा नेता शक्ती अग्रवाल भी कुर्सी की दौड़ में अपने आप को बिठाने में लगे हुए है। उनका मानना है की वे भाजपा युवा नेता में सबसे ज्यादा पढ़े लिखे और योग्य नेता है और उन्हें टिकट मिलनी चाहिए। इससे पहले हमें उमेश अग्रवाल को नजर अंदाज नहीं कर सकते है। वे स्वयं भी प्रत्याशी की दौड़ में रखते हैं और लंबे समय से तमाम विवादो से उनका नाम जुड़ा किंतु हर विवाद से स्वयं को पाक साफ साबित करते हुए भाजपा जिला अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं और खुद को भी भाजपा प्रत्याशी के तौर पर दौड़ में शामिल करते हैं।

नाम तो कई हैं लेकिन रायगढ़ विधान से आखिर किसको पार्टी प्रत्याशी बना सकती है इसमें कई पेंच भी है। मसलन विजय अग्रवाल को अगर टिकट मिलती है तो सब कुछ साफ है लेकिन अगर विजय नहीं तो फिर कौन ….? तब फिर एक ही नाम उभर कर समाने आता है वो है गुरपाल भल्ला एक सीनियर अनुभवी हर मामले में सक्रिय तटस्थ नेता के रूप में एक नाम है। पार्टी अगर युवा चेहरे पर दांव लगाए तो महिला प्रत्याशी के तौर पर पूनम दिबेश सोलंकी, विकास केडिया, या फिर कोई और …. राजनीत है कई बार अनचाहे को भी पार्टी उम्मीदवार बनाकर मतदाताओं और कार्यकर्ताओं को चौंका देती है। फिलहाल रायगढ़ विधान से जिताऊ चेहरे तो सीमित हैं पर दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है। और पार्टी में दावेदारी करने का सबको अधिकार है। अगर शक्ति अग्रवाल दावेदारी करते हैं तो स्व रोशनलाल अग्रवाल के सुपुत्र गौतम अग्रवाल भी दावेदारी कर सकते हैं लेकिन मौके की नजाकत को देखते हुए गौतम अग्रवाल पूरी तरह साइलेंट मुद्रा में पार्टी के प्रति निष्ठावान है।

रायगढ़ भाजपा में अगर रायगढ़ विधान सभा संभावित उम्मीदवारों से मौजूदा परिदृश्य में विजय अग्रवाल और गुरपाल भल्ला ही राजनीतिक परिधि में सटीक बैठते हैं। हालांकि यह फैसला आलाकमान को ही करनी है किसी तीसरे की भी इंट्री हो सकती है जिसकी संभावना का प्रतिशत कम ही है।

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