
इस कंपनी के कोयला खदान का सर्वे करने गए अधिकारियों कर्मचारियों को ग्रामीणों ने दिखाया बाहर का रास्ता ….. ग्राम सभा कर जानलेवा विकास का विरोध में लाया प्रस्ताव और कहा हमने पदयात्रा कर शासन प्रशासन को मंशा से करा दिया था अवगत
रायगढ़ । तमनार के 14 गांव ई सीसी एल के कोयला खदान के लिए आबंटित किया गया है ई सीसी एल द्वारा खदान से कोयला निकालने के लिए अडानी समूह से 22 वर्षो के लिए अनुबंध भी कर लिया गया है। किंतु ग्रामीणों का क्षेत्र में और कोयला खदान न खुलने देने की जिद पर अड़े हुए है। जिला प्रशासन द्वारा ई सीसी एल के कोयला खदान को शुरू करने के लिए राजस्व अधिकारी कर्मचारियों की टीम बनाकर सर्वे हेतु भेजा था। सर्वे टीम के गांव पहुंचने की भनक लगते ही समूचा गांव उमड़ पड़ा और राजस्व अधिकारी कर्मचारियों को बिना सर्वे के बैरंग लौटा दिया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार रायगढ़ के तहसील तमनार के नायब तहसीलदार अनुज पटेल सहित तमनार के 4-5 आर आई एंव 8-10 पटवारी मिल कर ईसीसीएल कोयला खदान का सर्वे करने ग्ए थे। जैसे ही इस क्षेत्र के ग्रामीणों को पता चला इन गांवों के आक्रोशित ग्रामीणों द्वारा एकजुट होकर लालपुर उरवा पेलमा सक्ता जरहीडीह के लोगों ने गांव से सर्वे करने आई टीम को गांव से बाहर खदेड़ दिया।
ईसीसीएल के इस कोयला खदान क्षेत्र में 14 गांव आते है इस कोयला खदान के शुरू होने से ये सभी गांव उजड़ जायेंगे और जहां आज हरियाली नजर आती है यहां सिर्फ काला डस्ट नजर आएगा। यह कोयला खदान ई सी सी एल को 2010 में दी गई थी। जिसका विरोध ग्रामीणों द्वारा 2010 से ही किया जा रहा है ।
आस पास के कोयला खदान प्रभावितों का कहना है कि हमको ऐसा विकास नहीं चाहिए ग्रामीणों द्वारा अपने अपने ग्राम सभा में कोयला खदान के बिरोध में प्रस्ताव पास करके जिला प्रशासन राज्य सरकार के साथ साथ केंद्र सरकार को कई बार दें चुके हैं। कुछ दिन पहले ही ई सी सी एल कोयला खनन का समझौता अदानी से 6008 रू 22 सालों के लिए किया। जिसके विरोध में 20 फरवरी 2023 से पेलमा गांव से तीन दिवसीय पदयात्रा कर विरोध पत्र कलेक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति प्रधानमंत्री सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टीस हाई कोर्ट के चीफ जस्टीन हाई कोर्ट एंव राज्यपाल मुख्यमंत्री के नाम पर ज्ञापन सौंपा गया था जिस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई जिससे ग्रामीणों में वायापक आक्रोष व्याप्त है।
आज जिस तरह से प्रशासनिक टीम को कोयला खदान प्रभावित गांव के ग्रामीणों ने दो टूक कहकर कि कोयला खदान के लिए अनुमति दे कर उन्हें ऐसा विकास नहीं चाहिए ।