
रायगढ़ की राजनीत में युवा चेहरों का सीनियर नेताओं से मुकाबला ….. कांग्रेस में विभास की अनदेखी भी नहीं हो सकती …..भाजपा में विकास और गौतम सुर्खियों में ….तो कांग्रेस में इनका नाम
रायगढ़ । रायगढ़ की राजनीत में इन दिनों युवा चेहरों का जबरदस्त उत्साह देखते बन रहा है। कांग्रेस में तमाम राजनीतिक उठापटक के बाद भी कौन होगा प्रत्याशी इस पर अभी लगातार चर्चाओं का दौर चलता रहेगा। कांग्रेस में सत्तासीन एमएलए प्रकाश नायक को लेकर कई तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। कांग्रेस में प्रकाश नायक नहीं तो कौन ऐसे में कई नाम उभरते हैं। जयंत ठेठवार से लेकर अनिल अग्रवाल चीकू सहित कई और नाम है कोलता बेल्ट से भी कुछ नाम उभर कर आ रहे हैं। राजनीत की बात चले और रायगढ़ की राजनीत में विभाष सिंह का नाम नहीं लिया जाए तो विभाष के नाम के साथ बेमानी होगी।
विभाष सिंह कांग्रेस में एक ऐसा नाम है जो राजनीत करते तो हैं लेकिन उनके राजनीत का तरीका अन्य लोगो से जुदा होता है। ग्रामीण स्तर से लेकर राजनीत के शिखर पर भी अपना नाम अंकित कराने में उनकी एक अलग पहचान है। और वे रायगढ़ विधान सभा से दावेदारी भी कर रहे हैं। विभाष सिंह एक ऐसे नेता हैं जो अचानक से राजनीतक तहलका मचाते हैं और एक दम से अंडर ग्राउंड से निकल कर बाहर आ जाते है और लोगों की जुबान पर बस फिर विभाष का नाम आ जाता है।
इसी तरह कांग्रेस में अनिल अग्रवाल चीकू एक ऐसा नाम है जिसकी राजनीत अलग पैलरर चलती है। वर्तमान में भावी विधायक की दौड़ में हैं और आम मतदाता से लेकर बूथ लेबल तक उनके काम करने का तौर तरीका अलग है। कहते हैं की चोरी चोरी चुपके चुपके कब अपने काम को अंजाम तक पहुंचा दे पता नहीं चलता और जब अंजाम का रिजल्ट आता है तब पता चलता है की अनिल चीकू ने अपना कार्ड खेल दिया है।
सभापति जयंत ठेठवार की बात करें तो रायगढ़ की राजनीत का उन्हें चाणक्य कहते हैं। जयंत ठेठवार के बारे में कहा जाता है की वे बैठे बैठे ही सारी सेटिंग कर जाते हैं और निगम की राजनीत से लेकर संगठन स्तर पर उनकी एक अच्छी खासी साख है। जिसके सहारे विधान परिषद की राजनीत पर पहुंचने की दमखम रखते है उन्हे लेकर बस इतना ही कहा जा रहा है की अगर उन्हें टिकट मिलती है तो रायगढ़ की राजनीतिक गलियारों की समीकरण बदल जायेगी।
वहीं भाजपा में विजय अग्रवाल बनाम गुरपाल भल्ला चल रहा है। विजय अग्रवाल की जहां कार्यकर्ताओं की लंबी चौड़ी फौज है तो उनके चाहने वालों की भी कमी नहीं है। उनकी राजनीत के आड़े जो कहा जा रहा है वो है निष्कासन का जो उन्हें दंश मिला था वो आड़े आ रहा है। हालांकि संगठन के उच्च स्तर पर भी उनके चाहने वालों की कमी नहीं है कुछ ऐसे भी हैं जो उनकी टिकट पक्की करने पूरी जद्दोजहद करने से नहीं चूकेंगे अंदरूनी सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार उनके लिए एक बड़े नेता के द्वारा फिल्डिंग करना भी शुरू कर दिया है। दूसरे नंबर पर गुरपाल भल्ला रायगढ़ भाजपा के एक ऐसी रीढ़ की हड्डी हैं जो अब तक निर्विवाद रूप से पूरे दम खम के साथ कद्दावर नेता के रूप में अपने छवि बनाने में कामयाब रहे हैं। भाजपा उन पर भी दांव लगा सकती है शायद यही वजह भी हो सकती है की उन्हें लगातार पार्टी के द्वारा कई अहम जिम्मेदारी देकर उनकी योग्यता को आंकना चाह रही हो। भाजपा में इन दिनों एक महिला प्रत्याशी का नाम भी उभर कर आता है वो निगम की प्रतिपक्ष पूनम दिबेस सोलंकी भी एक ऐसी हंसमुख चेहरा है जिसे अचानक से प्रत्याशी घोषित कर दिया जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। पूनम सोलंकी के पति दिबेश सोलंकी लंबे समय से निगम की राजनीत से जुड़े हुए हैं और बेदाग छवि वाले हैं उनकी अपनी एक अलग पहचान है जो पूनम सोलंकी की दावेदारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
भाजपा में अब युवा चेहरों की बात करें तो विकास केडिया और गौतम अग्रवाल इन दिनों जबरदस्त सुर्खियों में हैं। गौतम अग्रवाल भले भी अब तक दावेदारी के तौर पर कहीं भी स्वयं को प्रजेंट नहीं किया है लेकिन उनकी अपनी शख्शियत ऐसी है की युवाओं में उनका अलग क्रेज है और ऐसा ही कुछ युवा नेता विकास केडिया के लिए कहा जाता है।
गौतम अग्रवाल जननेता पूर्व विधायक स्व रोशनलाल अग्रवाल के सुपुत्र हैं और पिता की राजनीत के दौरान चुनाव के दौरान उनकी भूमिका भी क्षेत्र के लोग नहीं भूल सकते हैं। ऐसा ही विकास केडिया के लिए है रोशनलाल अग्रवाल के सानिध्य में राजनीत का ककहरा सीखने के बाद अब तक की उनकी बेदाग राजनीत रही है। यही वजह है की संगठन स्तर पर उन्हें अलग अलग जिम्मेदारी देकर उनकी योग्यता और काम करने के तौर तरीकों को परख रही हो ऐसा हो भी सकता है की अगर कांग्रेस में प्रत्याशी का चेहरा बदलता है तो भाजपा भी एक अलग चेहरे पर दांव खेल सकती है जो बिलकुल फ्रेस चेहरा हो ऐसे में भाजपा से गुरपाल भल्ला, युवा चेहरे में विकास केडिया या गौतम अग्रवाल हो सकते हैं। अचानक से कांग्रेस प्रवेश के साथ रामचंद्र शर्मा की इंट्री हो जाए तो ये राजनीत है कुछ भी हो सकता है बड़ी संख्या में Dr राजू अग्रवाल भी लोगों की पसंद के उम्मीदवार हैं ऐसे में तो ये राजनीत है कुछ भी हो सकता है ।