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राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का सफल आयोजन …. पीठ तो थपथपाई जायेगी …… मिलेगा प्रतिफल ….. कलेक्टर और पुलिस की तगड़ी व्यवस्था ….. जनता की भीड़ सफलता की गवाह ….कितना राजनीतिक फायदा और ….. पढ़े पूरी खबर

 

रायगढ़ । शहर में आयोजित राष्ट्रीय रामायण महोत्सव अब समाप्त हो चुका है पर इसकी गूंज अब तक सुनाई दे रही है। शहर में आयोजित राष्ट्रीय रामायण महोत्सव को लेकर प्रशासन द्वारा व्यापक स्तर पर तैयारिया की गई थी भव्य विशाल पंडाल तैयार करवाया गया था बावजूद इसके लोगों को बैठक व्यवस्था के लिए जद्दोजहद करनी पड़ी फिलहाल रायगढ़ में आयोजित राष्ट्रीय रामायण महोत्सव की अपार सफलता पर जिला प्रशासन की पीठ तो थपथपाई जायेगी। कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हा और पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार जो प्रशासनिक और कानून व्यवस्था की तगड़ी व्यवस्था को लेकर कोई खुश रहा तो कुछ दुखी भी रहे।
जो भी हो रायगढ़ में आयोजित राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में आम जनता की भीड़ ने आयोजन की अपार सफलता की गवाह बनी। इस सफल आयोजन के पीछे प्रशासनिक तंत्र की कड़ी मेहनत रंग लाई। रात दिन की मेहनत और इसकी सफल आयोजन को लेकर कलेक्टर और एसपी की सराहना तो होनी ही चाहिए। और उन्हें उसका प्रतिफल भी मिलेगा। देश भर से आए कलाकार और विदेशी कलाकारों ने लोगों का मन मोह लिया। अरण्य काण्ड पर आधारित यह महोत्सव लोगों के दिलो दिमाग पर लंबे समय तक रहने वाला है।
भजन गायिका मैथिली ठाकुर, प्रख्यात कवि कुमार विश्वास, सुप्रसिद्ध भजन गायक लखबीर सिंह लक्खा, बाबा हंसराज रघुवंशी ने तो समूचे जनता को तरोताजा कर दिया लंबे समय के बाद इस तरह के नामचीन कलाकारों ने रायगढ़ की धरा पर पहुंचकर जिलेवासियों का मन मोह लिया। इस पूरे सफल आयोजन के पीछे प्रशासनिक अधिकारियों की मेहनत और रणनीति रही इस सफल आयोजन के लिए जिले के कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हा लंबे समय तक याद किए जायेंगे।
लेकिन इतना तो है की पुलिस की कार्यप्रणाली से आम जनता कुछ नाराज जरूर दिखी। कई जगहों पर पुलिस अनर्गल धौंस से लोगों को असंतुष्ट जरूर किया। जहां आम जनता पर कोई रोक टोक नहीं होना चाहिए था वहां भी पुलिस की जबरन रौब के आगे लोग नतमस्तक दिखे। और यही वजह रही कि केलो मैय्या की आरती के दौरान लोगों की वह भीड़ दिखाई नहीं दी। केलो नदी के मरीन ड्राइव मार्ग जिस जगह आरती होनी थी वहां के साथ दूसरे तट की ओर जहां रोक टोक नहीं होनी चाहिए थी वहां ड्यूटी पर तैनात पुलिस जवानों का रैवया आम जनता के साथ अच्छा नहीं दिखा।
फिलहाल हर बड़े आयोजन के पीछे कुछ अच्छी और बुरी बात तो समाने आती ही है लेकिन एक जनप्रतिनिधि के नाम पर पुलिस की इतनी कड़ाई आम जनता के जरा समझ के परे रहा।
इस आयोजन को लेकर जिले के कलेक्टर की खासतौर पर पीठ थपथपाई जायेगी और वे जिले वासियों के दिलोदिमाग पर लंबे समय तक बसे रहेंगे। वही इस आयोजन की राजनीति नफे नुकसान की बात भी हो चली है। इसका राजनीतिक फायदा किसे और कितना मिलेगा । इस आयोजन और नेताओं के स्वागत सत्कार में कांग्रेसी खासतौर पर युवा कांग्रेस की भूमिका की सराहना राजनीतिक गलियारों में जरूर है।

केलो आरती आयोजन के पूरे कर्णधार जयंत ठेठवार और उनकी टीम इस सफलता और तारीफ के हकदार भी हैं। केलो उद्धार को लेकर इन्होंने सबसे पहले मकरसंक्रांति के मौके पर केलो की आरती का आयोजन शुरु किया जो निरंतर जारी है। केलो की महाआरती को लेकर जयंत के नेतृत्व में केलो तट को बेहतरीन तरीके से सजाया संवारा गया था। हर कोई इसके आकर्षण से बंधा आया। आरती खत्म होने के बाद देर रात तक यहां लोगों का आने जाने का सिलसिला चलता रहा। जयंत ठेठवार ने आयोजन की सफलता में प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष भूमिका निभाने वालों का भी आभार व्यक्त किया है। और इस सफल आयोजन के पीछे हर कोई कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हा का आभार व्यक्त कर रहा है।

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