
चर्चा में मुकेश जैन की डोर टू डोर जन संपर्क अभियान ….. बुद्धिजीवी संपर्क अभियान की हुई खूब चर्चा ….. भीषण झुलसा देने वाली गर्मी में भी पहुंच रहे घर – घर ….वार्डों के स्थानीय जनप्रतिनिधि और पार्टी कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह ……जरा याद इन्हे भी कर लो … कृतज्ञता – नमन बनाया जगह दिलों में ..
रायगढ़।
झुलसा देने वाली गर्मी के बीच वरिष्ठ भाजपा नेता मुकेश जैन, ज्ञानेश्वर सिंह गौतम व डिग्रीलाल साहू द्वारा आरंभ किया गया डोर टू डोर जनसम्पर्क की चर्चा तो होने लगी है। इस मुद्दे पर हाल ही में चिंतक विचारक हर्ष सिंह द्वारा भी अभियान को लेकर बेबाक तरीके से एक लेख लिखा था कि रंग दिखाने लगी है मुकेश जैन और साथियों की रणनीति, एक मंच पर आये परस्पर विरोधी और दावेदार और बंद कमरों से निकलकर जनता के दरवाजे तक पहुंची भाजपा। सुप्तावस्था से बाहर निकलकर आम जनता से सीधे संवाद करती हुई दिखाई पड़ रही है। खास बात ये है कि इस अभियान में वरिष्ठ नेताओं सहित युवा कार्यकर्ता साथी व महिला कार्यकर्ता एक साथ पसीना बहाते दिख रहे हैं। हर्ष सिंह द्वारा लिखी गई एक एक शब्द सधे लेखक की तरह है जो धरातल पर दिखाई देता है।
मुकेश जैन सधे मंजे हुए व्यक्तित्व के तौर पर जाने और माने जाते हैं। उन्होंने कार्यक्रम के बीच में बुद्धिजीवी संपर्क अभियान चलाया और साथ ही बीच में पार्टी के उन भूले बिसरे कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच पहुंचकर सबका दिल जीत लिया यह काम मुकेश जैन जैसे नेता ही कर सकते है ऐसी चर्चा है। मुकेश जैन की उपज जरा याद इन्हे भी कर लो चाहे सह कृतज्ञता – नमन, चाहे बुद्धिजीवी वर्ग सम्मान लोगों के बीच घर कर गया है।
और खास बात ये कि मुकेश जैन की अगुवाई में उनका हर कदम पर साथ देने वाले डिग्री लाल साहू, ज्ञानेश्वर सिंह गौतम का नाम न लिया जाए तो बात बेमानी होगी। यह सही है की काफी समय के बाद भाजपा डोर टू डोर जन सम्पर्क अभियान के बहाने लोगों के घर घर पहुंचकर भाजपा में जान फूंकने का काम कर रहे है और इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है की अभियान महज एक खानापूर्ति अभियान न बनकर रह जाए। शायद यही वजह है कि वरिष्ठ भाजपा नेता मुकेश जैन ने वरिष्ठ बुद्धिजीवी वर्ग के बीच भी पहुंचे और आगे भी पहुंचेंगे। पुराने भाजपा नेताओं यहां तक वाल पेंटिंग करने वाले को भी नहीं भूले। इस बात से सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि जिन लोगों ने अपने समय में अपना खून पसीना बहा कर पार्टी को मजबूती देने का काम किया था जो आज पटल से गायब हो चुके थे। उन्हें उनके घर पहुंचकर उनका सम्मान किया जाना न सिर्फ उनके लिए सम्मान की बात है बल्कि उनके परिवार भी इस सम्मान से गौरांवित हुए।
मुकेश जैन के अचानक से इस तरह सक्रिय होने के भी अपने अलग राजनीतिक मायने भी ढूंढे जाने लगे हैं। मोदी सरकार की इन नौ सालों में उपलब्धियों के बहाने घर घर पहुंच कर जिस तरह से लोगों से लोगों से सीधे बातचीत की जा रही है और भाजपा सरकार की उपलब्धियों के बहाने लोगों की खैर खबर ली जा रही है इससे कहीं न कहीं यह सब लोगों के दिलों में जगह बना रही है। इस डोर टू डोर जनसंपर्क अभियान के दौरान लगातार वरिष्ठ भाजपा नेताओं और तमाम भाजपा कार्यकर्ताओ का इस दौरान एकजुट नजर आ रहे हैं। भाजपा का यह एक ऐसा मंच तैयार हो रहा है जहां हर परस्पर विरोधी एक साथ नजर आता है।
एक तरफ जहां टिकट की दौड़ में यही नेता परस्पर विरोधी नजर आते हैं किंतु यह एक ऐसा मंच दिखाई देता है जहां हर विरोधी खेमा एकजुट दिखाई देता है। और जब ये एक साथ जन संपर्क में एक साथ उतरते हैं तो आम जन मानस भी सियासी चश्मे की नजर से देखती है। शहर में शुरू हुए मोदी सरकार की उपलब्धियों को घर घर तक पहुंचाने जन सम्पर्क अभियान जब से शुरू किया गया है भाजपा नेता सुर्खियों में आ गए हैं। इस अभियान से ऐसे भाजपा कार्यकर्ता जो अलग थलग दिखाई देते रहे हैं वे सभी इस अभियान में दिखाई देते हैं इतना ही नहीं इस अभियान से कार्यकर्ता रिचार्ज भी हो रहे हैं। इस अभियान ने शहर में भाजपा को लेकर चर्चा का रूख भी अब बदलने लगा है और लोग कहने लगे हैं की वाकई अब भाजपा चुनावी मोड में दिखाई देने लगी है। पिछले 16 – 17 दिनों में भाजपा सड़क पर उतर कर जनता को जिस तरह से संदेश दे रहे हैं इस अभियान से एक एक कार्यकर्ता रिचार्ज हो रहा है और उनके मन में भाजपा के लिए काम करना है भले ही प्रत्याशी कोई भी हो सारे कार्यकर्ता एकजुट है ।
अंत में मैं भी यही कहना चाहूंगा कि जिस तरह हर्ष सिंह ने अपनी लेख में लिखा है। यह अभियान भाजपा को किस करवट बैठेगा आने वाला वक्त ही बताएगा। भाजपा और उनकी पूरी टीम को ये अभियान एक नई राह व दिशा जरूर दिखा रहा है।