
भूपेश सरकार से कर्मचारी संवर्ग निराश ….. सत्ता प्राप्ति के लिए कांग्रेस ने जन घोषणा पत्र … प्रदेश के नागरिकों के अनेक संवर्गो से अनेक वादे किए…..घोषणा पत्र में किए गए वादे से अछूता… शेख कलीमुल्लाह
रायगढ़. सत्ता प्राप्ति के लिए कांग्रेस ने भी जन घोषणा पत्र के माध्यम से प्रदेश के नागरिकों के अनेक संवर्गो से अनेक वादे किए गए थे. सत्ता प्राप्ति पश्चात भूपेश सरकार द्वारा प्रदेश के नागरिकों के लिए अपनी प्राथमिकता अनुसार जन घोषणा पत्र का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया गया. यदि हम कर्मचारी संवर्ग की बात करें तो यह संवर्ग जन घोषणा पत्र में किए गए वादे से अछूता है. जन घोषणा पत्र में उल्लेख किया गया था कि समस्त तृतीय, चतुर्थ वर्ग एवं शासकीय कर्मचारियों के लिए क्रमोन्नति, पदोन्नति एवं चार स्तरीय उच्चतर वेतनमान लागू किया जाएगा. अनियमित संविदा एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के रिक्त पदों पर नियमितीकरण की जाएगी . माननीय मुख्यमंत्री जी ने पदभार पश्चात प्रथम वर्ष को किसानों तथा द्वितीय वर्ष को कर्मचारी वर्ष कहा, इससे कर्मचारी संवर्ग आश्वस्त था की जन घोषणा पत्र का क्रियान्वयन दूसरे वर्ष होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ . भूपेश सरकार अब अपने कार्यकाल के आखिरी वर्ष में है अब जबकि पूरे प्रदेश में प्रशासन चुनाव की तैयारी में लगा हुआ है निकट भविष्य में चुनाव होना है लेकिन जन घोषणा पत्र में कर्मचारी हितैषी वायदे पूरे नहीं किए गए हैं. कर्मचारियों के जायज हक भी नहीं दिए जा रहे हैं. छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने आंदोलन के माध्यम से जन घोषणा पत्र के क्रियान्वयन को लेकर ध्यान आकृष्ट किया है लेकिन सरकार इसके क्रियान्वयन को लेकर गंभीर नहीं है. माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी भी चुनावी मोड में है प्रदेश मैं दौरा करके करोड़ों का सौगात दे रहे हैं. लेकिन सरकार कर्मचारियों की जायज हक भी नहीं दे रही. केंद्र सरकार ,पड़ोसी राज्य ओडिशा कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान एवं अन्य कई राज्य अपने कर्मचारियों को 42 प्रतिशत महंगाई भत्ता दे रहे हैं लेकिन छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को 33% महंगाई भत्ता पर संतोष करना पड़ रहा है. 9% महंगाई भत्ते में पीछे हैं छत्तीसगढ़ के कर्मचारी .छत्तीसगढ़ के कर्मचारी आज भी छठवें वेतनमान पर गृह भाड़ा भत्ता प्राप्त कर रहे हैं फलस्वरूप प्रतिमाह हजारों रुपया आर्थिक नुकसान सहने के लिए कर्मचारी मजबूर है. छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आंदोलन पश्चात कर्मचारी समस्याओं के निराकरण के लिए पिंगुआ कमेटी गठित की गई लेकिन समिति ने अब तक अपनी रिपोर्ट पेश नहीं की है और सरकार कमेटी के रिपोर्ट को लेकर भी गंभीर नहीं है. कई राज्यों ने अनियमित कर्मचारियों को नियमित करके अपने चुनावी वायदे को पूरा किया है लेकिन भूपेश सरकार अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण का वादा भी पूरा नहीं कर रही है .इन सब कारणों से भूपेश सरकार से कर्मचारी संवर्ग निराश है. छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ जिला शाखा रायगढ़ के अध्यक्ष शेख कलीमुल्लाह ने माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मांग की है कि निराश कर्मचारियों, पेंशनरों की भी सुधि ले सरकार, पिंगुआ कमेटी को तत्काल अपनी रिपोर्ट पेश करने को आदेशित करें सरकार तथा आचार संहिता पूर्व रिपोर्ट का क्रियान्वयन भी सुनिश्चित करें सरकार, अनियमित कर्मचारियों को नियमित करें सरकार ताकि कर्मचारी संवर्ग भी कह सकें भूपेश है तो भरोसा है.