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जुझारू कर्मचारी नेता के रूप में याद किए जायेंगे शेख कलीमुल्लाह ….कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन और ट्रेड यूनियन काउंसिल के माध्यम से उठाते रहे ….कर्मचारियों और जनता से जुड़ी मांगों और समस्याओं को …आज सेवा निवृत्त पर विशेष

 

रायगढ़ ।

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के जिला संयोजक तथा छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय जिला शाखा रायगढ़ के अध्यक्ष शेख कलीमुल्लाह अपने शासकीय सेवा से निवृत्त हो रहे हैं। शेख कलीमुल्लाह कृषि विभाग में पदस्थ रहे और एक लंबी सेवा विभाग को दिया और पूरी निष्ठा के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन किया और यही वजह है की इनकी छवि एक बेबाक कर्मचारी नेता साफ सुथरी छवि वाले कर्मचारी के रूप में जाने पहचाने जाते रहे हैं।

शेख कलीमुल्लाह कृषि विभाग में पदस्थापना के बाद छत्तीसगढ़ ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी संघ और तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ से जुड़े और हर मौके पर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया। यही वजह है कि कर्मचारी संघ से जुड़ने के बाद उनकी कार्यशैली को देखते हुए वे हमेशा संगठन में अहम पदों पर बने रहे। वे हमेशा कर्मचारियों के हितों को लेकर आवाज बुलंद करते रहे। कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के तले कई आंदोलनों का नेतृत्व किया और आंदोलन को मुकाम तक भी पहुंचाया।

शेख कलीमुलाह की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि जायज मांगों को लेकर हमेशा सक्रिय रहे। जब भी कभी किसी भी विभाग के कर्मचारी संघ धरने पर बैठते वे अपने साथियों के साथ कर्मचारी संगठनों की जायज मांगों का समर्थन करने पहुंच जाते। उनके इंकलाबी अंदाज और जज्बे ने उन्हें एक अलग पहचान दिया। देश में हुए नए आर्थिक सुधारों और उसके दुष्परिणामों के चलते ट्रेड यूनियन काउंसिल से जुड़े।

और ट्रेड यूनियन काउंसिल से जुड़ने के बाद जिले के पुराने कामरेड साथियों के साथ मिलकर सरकार की हर उन नीतियों का पुरजोर तरीके से विरोध करते जो कर्मचारी मजदूर और जन सामान्य के हितों पर कुठाराघात करने वाली रही हो। कर्मचारी अधिकारियों पर जब भी कभी कोई आंच आती हमेशा मुखर होकर आगे आने वाले कर्मचारी नेता रहे हैं।

अविभाजित रायगढ़ जिले के बगीचा तहसील में 1987 को शासकीय सेवा प्रारंभ करने वाले शेख कलीमुल्लाह की ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के रूप पहली पदस्थापना बगीचा के ग्राम घुघरी में हुई थी वहां गरीबी इतनी थी की किसानो के पास बीज मिनिकिट जो कि मात्र 10 प्रतिशत की राशि पर मिलती थी उसे भी लेने के लिए कृषकों के पास पैसे नहीं होते p⁰थे। तब अपनी जेब से पैसा जमा कर किसानों को मिनिकीट बांटते थे ताकि कृषक देशी धान के बदले उन्नत धान लगाए और अधिक उपज पाए। इसकी वजह से वे अपनी पहली नियुक्ति में ही कृषकों के बीच लोकप्रिय हो गए। बाद में वर्ष 1990 मे स्थानांतरित होकर खरसिया विकास खंड के हालाहुली क्षेत्र में पदस्थापना हुई। यही लगातार 19 वर्षो तक सेवा देते रहे इस अवधि में इनकी व्यवहार कुशलता से एवं त्वरित कार्य पद्धति से किसान काफी प्रभावित हुए। वर्ष 2009में स्थानांतरण पर विकासखंड रायगढ़ के बंगुरसिया मैं पदस्थापना हुई. इनके द्वारा ग्राम जुनवानी में दो फसली क्षेत्र विस्तार पर विशेष काम किया गया और वहां के किसानों के उत्पादन में वृद्धि किया गया. तकनीकी हस्तांतरण के कारण वहां के एक किसान जिला स्तर तथा 3 किसान विकासखंड स्तर पर सम्मानित हुए और आत्मा योजना अंतर्गत इन्हें 25000 तथा 10000 के पुरस्कार मिले . साल 2018 में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से कृषि विकास अधिकारी के पद पर पद्दोन्नति हुई।
शेख कलीमुल्लाह के शासकीय सेवा मैं कार्यकाल उपलब्धियों से भरा रहा। पूरे सेवाकाल के दौरान पूरी निष्ठा और ईमानदारी से किसानों की सेवा में रहे। खास बात ये है की 36 वर्ष की सेवा के दौरान किसी भी तरह के शासकीय सेवा के दौरान किसी भी तरह की शस्ती अथवा दंड नहीं मिला यही उनकी बेदाग छवि किसानों के बीच लोकप्रियता की वजह रही।
सेवा अवधि के दौरान इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय बोईरदादर के किसान मेला 5 नवंबर 2004 को कृषि की उन्नत उत्पादन तकनीक अपनाकर तिहलन फसल उत्पादन में वृद्धि करते हुए किसानों को तिलहन फसल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग करने के लिए प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। 2005 में फसल चक्र परिवर्तन के लिए रात्रिकालीन चौपाल के माध्यम से उत्पादन में विशेष बढ़ोतरी होने पर गणतंत्र दिवस के मौके पर संसदीय सचिव सत्यानंद राठिया के द्वारा सम्मानित किया गया। छत्तीसगढ़ शासन कृषि विभाग द्वारा उन्नत कृषि तकनीकी के प्रचार प्रसार एवं विभिन्न योजनाओं के उल्लेखनीय क्रियान्वयन पर साल 2011-12 में कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू द्वारा सम्मानित किया गया साथ ही पुरस्कार के तौर पर 10 हजार नकद भी प्रदान किया गया था। इसी तरह कृषि के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा 26 जनवरी 2013 को गणतंत्र दिवस पर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

इसके अलावा मदरसा अहमदिया साबरिया के अध्यक्ष रहते हुए प्रतिवर्ष 15 अगस्त एवं 26 जनवरी के मौके पर ध्वजारोहण कार्यक्रम शहर के गणमान्य नागरिकों को आमंत्रित कर झंडोत्तोलन वा संगोष्ठी और विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया जाता रहा है। वर्ष 1994 से लगातार मदरसा अहमदिया साबरिया मस्जिद गरीब नवाज कमेटी का नेतृत्व किया गया।

कर्मचारी संगठन में योगदान /
शेख कलीमुल्लाह संगठन में रहते हुए कर्मचारी हित में उल्लेखनीय कार्य किया है जिसे लंबे समय तक याद रखा जाएगा।
इनके रायगढ़ जिले में कृषि आदान सामग्रियों का सेवा सहकारी समितियों में भंडारण कराने में प्रभावी भूमिका रही .
ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों के कृषि विकास अधिकारी के पद पर शत प्रतिशत पदोन्नत कराने में प्रांतीय निकाय ने श्री जीएस यादव के नेतृत्व में लड़ाई लड़ी और इसमें वांछित सफलता भी प्राप्त हुआ। जिला शाखा सचिव के रूप में इनका समर्थन प्रांतीय कार्यकारिणी को रहा. इसके अलावा तीसरी सबसे बड़ी उपलब्धि प्रांतीय सलाहकार पद पर रहते हुए ग्रामीण कृषि विकास अधिकारियो के ग्रेट पे 2200 -2400 के बदले 2800 करने में श्री एमपीआड़े के नेतृत्व में सफलता मिली। कृषि विकास अधिकारी प्रांताध्यक्ष के रूप में प्रदेश के कृषि विकास अधिकारियों को वेतन वृद्धि का लाभ दिलाने आदेश जारी करवाने में सफलता मिली।
कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन में योगदान/
कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन में रहते हुए कर्मचारियों के वेतनमान को लेकर किए गए आंदोलनों में अहम भूमिका अदा किया। वोरा वेतनमान केंद्रीय वेतनमान, छठवां वेतनमान एवम् सातवें वेतनमान को प्राप्त करने के लिए किए गए आंदोलनों में महती भूमिका रही। जिला स्तर पर ग्रामीण कृषि विकास अधिकारी संघ के अध्यक्ष रहते हुए स्थानीय समस्याओं का निराकरण, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रहते हुए जिले के कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण के लिए आवाज बुलंद किया तथा उसके निराकरण में महती भूमिका निभाई। फेडरेशन के जिला संयोजक के रूप में रहते हुए वकीलों के द्वारा नायब तहसीलदार, सहायक ग्रेट 3 व भृत्य के साथ तहसील कार्यालय में मारपीट की घटना पर आंदोलन का नेतृत्व करते हुए दोषियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित किया गया। कर्मचारियों अधिकारियों के मांगों को लेकर जिला मुख्यालय रायगढ़ में 5 दिवसीय हड़ताल एवं 12 दिवसीय अनिश्चित कालीन हड़ताल का जिले में सफल नेतृत्व किया गया।
ट्रेड यूनियन काउंसिल के माध्यम से जन समस्याओं पर प्रदर्शन /
ट्रेड यूनियन काउंसिल के माध्यम से जन समस्याओं को लेकर मुखर प्रदर्शन किया गया। जिसमें ट्रेनों की लेटलतीफी एवं जन शताब्दी के समय को लेकर प्रदर्शन, हसदेव अरण्य को बचाने के लिए प्रदर्शन, रसोई गैस वृद्धि के विरुद्ध प्रदर्शन, पहलवानों के यौन शौषण मामले में प्रदर्शन सहित अन्य जन समुदाय से जुड़े मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन धरना किया गया।

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