♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

छत्तीसगढ़ में प्रधान मंत्री मोदी का कार्यक्रम ….. हल्के में ना लें कांग्रेसी ….. बड़े उलटफेर के संकेत भाजपा किसी बड़े सेंध की तैयारी में….कैसा बैठेगा सियासी ऊंट पुराने चेहरे और नए चेहरे पर सियासत पर लग सकता है विराम ….तो रायगढ़ से भी पलट सकता है सियासी चेहरा …प्रकाश नायक वर्सेस ओपी तो नहीं

 

रायगढ़ । जैसे जैसे छत्तीसगढ़ में चुनावी तारीख नजदीक आते जा रही है। भाजपा के बड़े बड़े नेताओं का छत्तीसगढ़ में लगातार आना जाना तेज हो गया है। इससे भाजपा में सियासी हलचल भी मची हुई है। अब छत्तीसगढ़ में भाजपा का मुख्य चेहरा अर्थात प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं आने वाले हैं। इसके पहले अमित शाह छत्तीसगढ़ का दौरा कर सियासी समीकरण की टोह लेकर जा चुके हैं। और पुनः आने वाले है। इनके अलावा और भी कई भाजपा नेता छत्तीसगढ़ पहुंचकर छत्तीसगढ़ की राजनीतिक परिदृश्य का जायजा ले चुके हैं। अब बारी है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जो देश में भाजपा का सबसे बड़ा चेहरा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने का मतलब छत्तीसगढ़ की सियासत में बड़े बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है।


इसमें सबसे बड़ा बदलाव पुराने चेहरे और नए चेहरे पर सबसे ज्यादा फोकस होने की बात कही जा रही है। दरअसल भाजपा छत्तीसगढ़ में कमजोर मानी जा रही है और वरिष्ठ भाजपा नेताओं की वजह से नए चेहरे सामने नहीं आ पा रहे हैं। राजनीतिक पंडितों की मानें तो नरेंद्र मोदी टिकट बंटवारे में छत्तीसगढ़ को लेकर अहम भूमिका निभाएंगे और अधिकांश पुराने चेहरों के साथ कुछ ऐसा सामंजस्य बैठाने की बात कही जा रही है ताकि बगावत के अंकुर न पनप सकें। यानि ये कि वही पुराने चेहरों की जगह ऐसे चेहरों पर भाजपा दांव खेल सकती है जो पुराने चेहरों की पीछे की लाइन में खड़े हैं। छत्तीसगढ़ में भूपेश के चक्रव्यूह को तोड़ना फिलहाल भाजपा के लिए आसान डगर नहीं होगा। भाजपा को अगर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के चक्रव्यूह को तोड़ना है तो नए चेहरे ही कमाल कर सकते हैं। ऐसा राजनीत के जानकार कहते हैं।


दरअसल कांग्रेस में सिटिंग एमएलए की टिकट कटने से रही और बहुतों विधान सभा में सिटिंग एमएलए के कार्यप्रणाली से कांग्रेसी ही नाखुश है। जैसा कि जशपुर में सिटिंग एमएलए को लेकर टी एस सिंहदेव को लिखी एक चिट्ठी खूब वायरल हो रही है। ऐसा सिर्फ जशपुर जिले में ही नहीं प्रदेश के कई जिलों में कांग्रेस विधायकों का कमोबेश यही हाल है। विधायक के आगे न तो संगठन के पदाधिकारियों की कोई पूछ परख है और न ही संगठन के पदाधिकारियों की विधायक के आगे कुछ चल रही है। ऐसे में सिटिंग एमएलए यानि वही चेहरा ऐसे में भाजपा छत्तीसगढ़ में चेहरों पर खास ध्यान देने वाली है। मतलब भी साफ है की भाजपा में फ्रेश चेहरों की कदर बढ़ने वाली है और इस चुनाव में भाजपा को जो गुंजाइश दिख रही है उसके अनुसार नए चेहरे को भाजपा फोकस कर सकती है।


नए चेहरों को समाने लाने की मंशा इसलिए बताई जा रही है कि कांग्रेस और भाजपा के पुराने चेहरों से जनता ऊब चुकी है और जनता भी नए चेहरे की खोज में है। बताया जा रहा है कि भाजपा इसी तर्ज पर पूरे प्रदेश में प्रत्याशी घोषित कर सकती है। शायद यही वजह है की छत्तीसगढ़ प्रदेश में ऐन चुनाव के पहले भाजपा के कद्दावर नेता पहुंच रहे हैं। बताया जा रहा है नरेंद्र मोदी के आने के पहले अमित शाह प्रदेश भाजपा की बैठक लेंगे और कई अहम फैसले लिए जा सकते है। अमित शाह की बैठक के बाद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी भी छत्तीसगढ़ आगमन पर भाजपा के प्रमुख नेताओं के साथ संक्षिप्त बैठक कर आगामी चुनाव के मद्देनजर दो टूक में अपनी बात कह सकते हैं।


ऐसे में रायगढ़ सीट को लेकर बड़ा उलट फेर हो सकता है। उलट फेर होने पर नए चेहरे की तलाश शुरू हो सकती है। ऐसे में सीनियर लीडर में गुरुपाल भल्ला, उमेश अग्रवाल, विकास केडिया, गौतम अग्रवाल, गोपिका गुप्ता, जैसे प्रमुख नाम सामने आने की संभावना व्यक्त की जा रही है लेकिन प्रत्याशी को लेकर गुटबाजी न हो इस बात का विशेष ख्याल रखा जाएगा। इन सबके बीच भाजपा के स्टार चेहरा पूर्व आईपीएस ओपी चौधरी भी चुनावी जमीन तलाश रहे हैं। उनके लिए खरसिया, चंद्रपुर और रायगढ़ इन तीन में से किसी एक पर से चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही है। खरसिया उनके लिए सुरक्षित नहीं है चंद्रपुर से वर्तमान विधायक रामकुमार यादव अपनी पैठ क्षेत्र में बेहद मजबूत कर लिए हैं ऐसे में चंद्रपुर सीट भी उनके लिए सुरक्षित नहीं मानी जा रही है। अब बचता है रायगढ़ विधान सभा जहां से ओपी चौधरी को भाजपा प्रत्याशी घोषित कर सकती है।
यूं तो रायगढ़ से भाजपा के लिए कहा जाता है कि पूर्व विधायक विजय अग्रवाल ही एकमात्र जिताऊ उम्मीदवार हो सकते हैं। लेकिन जिस तरह से भाजपा आलाकामन में मंथन चल रहा है और छत्तीसगढ़ में भाजपा अपनी पूरी ताकत झोंकना शुरू कर दिया है। इस बात से ज्यादा गुंजाइश नए चेहरे पर दिख रही है। अब नए चेहरों में ऐसा कौन सा चेहरा है जिसे प्रत्याशी बनाए जाने पर पार्टी में अंदरूनी बगावत का शोर न हो। उनमें कौन हो सकता है काफी सीनियर नेता गुरपाल भल्ला, भाजपा जिला अध्यक्ष उमेश अग्रवाल, सीनियर नेता और काफी अनुभवी विकास केडिया जो कई जिम्मेदारियां संभाल चुके है और कई अहम जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं पार्टी में उनकी मजबूत पकड़ भी है। इनके अलावा गौतम अग्रवाल भी अहम दावेदार हैं। जिनके पीछे गिरधर गुप्ता जैसे कई सीनियर नेता का वरदहस्त प्राप्त है पूर्व विधायक और रायगढ़ के दिग्गज नेता स्व रोशनलाल अग्रवाल के पुत्र हैं आलाकमान इसकी भी अनदेखी नहीं कर सकती है । वहीं इन सबके अलावा एक महिला प्रत्याशी का नाम भी जोर शोर से सामने आता जाता रहा है वो हैं नगर निगम की तेज तर्रार नेता प्रतिपक्ष पूनम दीबेश सोलंकी का लिया जाता है। कांग्रेस के सिटिंग एमएलए प्रकाश नायक के मद्देनजर रखते हुए प्रत्याशी चयन कर सकती है। ऐसे में रायगढ़ विधान से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर जमीन तलाश रहे ओपी चौधरी को प्रत्याशी बना सकती है कहा जा रहा है की ओपी चौधरी के प्रत्याशी बनाए जाने पर प्रकाश नायक की वोट पर वही सेंध लगा सकते है और जातिगत समीकरण बदल सकती है। प्रकाश नायक से नाखुश जातिगत मतदाता ओपी चौधरी की ओर रुख कर सकते हैं इसलिए रायगढ़ विधान सभा से ओपी चौधरी को प्रत्याशी बनाया जाए तो हो सकता है रायगढ़ सीट का समीकरण बदल जाए। फिलहाल अमित शाह और नरेंद्र मोदी की प्रदेश भाजपा नेताओं के साथ बैठक के बाद कई और समीकरण बन और बिगड़ सकते हैं। आगे अभी ऊंट किस करवट बैठेगा इसका भी इंतजार है।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

Please Share This News By Pressing Whatsapp Button



स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

जवाब जरूर दे 

[poll]

Related Articles

Back to top button
Don`t copy text!
Close