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लैलूंगा विधान सभा से सरपंच संघ की अध्यक्ष कोयला सत्याग्रह की प्रभावी महिला चेहरा बतौर भाजपा प्रत्याशी मैदान में उतरने तैयार …..जाने कौन हैं जानकी राठिया

 

रायगढ़

रायगढ़ जिले के लैलूंगा विधान सभा सीट पर तमनार की रहने वाली और कोयला सत्याग्रह की अग्रिम पंक्ति की जुझारू महिला और तमनार क्षेत्र का एक जाना पहचाना नाम है। आदिवासी कंवर समाज में जहां महिलाएं खेती बाड़ी और घर के चारदीवारी तक उनका दायरा सीमित होता हैं। विवाह के बाद लंबे समय तक घर परिवार तक सीमित रहीं हैं। तमनार ब्लॉक का समकेरा ग्राम पंचायत हमेशा सुर्खियों में रहने वाला रहा है। अपने जुझारू प्रवृत्ति की वजह से उन्होंने विवाह के बाद शिक्षा की मुख्य धारा से जुड़ी और दसवीं की परीक्षा दिया पास हुई और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा बीए और फिर एम ए राजनीति शास्त्र से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। और फिर उस समेकरा पंचायत की सरपंच बनीं जहां का पूर्व रिकॉर्ड बेहद खराब रहा कोई भी सरपंच अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता था। लेकिन 2015 में पहली बार सरपंच का चुनाव लड़ा और अपने पंचायत को गांव के विकास की मुख्य धारा से जोड़ा, ग्रामीण बुनियादी सुविधाओं और संसाधनों पर अपना पूरा ध्यान फोकस किया जिसकी बदौलत सामकेरा पंचायत सुर्खियों में आया कई अवार्ड भी मिले। जिसकी बदौलत दूसरे कार्यकाल में भी उन्हें पंचायत के लोगों ने अपना सरपंच चुना। ये वही पंचायत था जहां कभी भी कोई भी सरपंच अपना एक कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता था लेकिन जानकी राठिया ने सारे मिथक को न सिर्फ तोड़ा बल्कि आज समकेरा पंचायत विकास का एक मॉडल बना। बता दें की यह सब गांव कोयला खदान प्रभावित गांव है। आपको यहां भी बताते चलें की उनकी योग्यता और जुझारू प्रवृत्ति ने जनपद पंचायत तमनार क्षेत्र के 61 ग्राम पंचायत के सरपंचों ने अपना अध्यक्ष बनाया इतना ही नहीं प्रदेश सरपंच संघ की महामंत्री बनाई गई।
तमनार जनपद एक तरह से पूरी तरह कोयला खदान प्रभावित ब्लॉक है। गांव को बचाने और जल जंगल जमीन को बचाने कोयला सत्याग्रही महिलाओं में उनका अग्रणी नाम लिया जाता है। आज तमनार ब्लॉक में आबंटित कोयला खदान के प्रभावितों के लिए आंदोलन की अगुवाई करने वाली महिलाओं में उनका अग्रणी नाम है। उनकी एक आवाज पर तमनार ब्लॉक के सरपंच और ग्रामीण एक जुट हो जाते हैं। उनकी इसी जुझारू प्रवृत्ति की वजह से तमनार वनांचल क्षेत्र के लोग इन्हें अपना विधायक के तौर पर देखना चाहते हैं ताकि उनके क्षेत्र विकास की मुख्यधारा में शामिल हो सके। तमनारवासी आज कोयला खदान की वजह से जिस बुरी कदर समस्याओं और परेशानी से जूझ रहे हैं लोगों को लगता है की इस समस्या से जानकी राठिया जैसी महिला ही निजात दिला सकती है।
तमनार वासी जानकी राठिया को एक विकल्प के तौर पर देख रहे हैं। जानकी राठिया क्षेत्र में किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं। जानकी राठिया अपने राजनीत कद को आगे बढ़ाते हुए भाजपा का दामन भी थाम लिया था और राजनीतक पारी के शुरुवात की यह पहली सीढ़ी जिससे वे विधान सभा तक पहुंच सकती हैं इसके लिए उन्होंने भाजपा पार्टी को चुना। अब वे पूरी तरह से आगामी विधान सभा चुनाव में विधान सभा लैलूंगा से बतौर भाजपा प्रत्याशी मैदान में उतरने कमर कस कर तैयार हो रही हैं। उनके मानने और चाहने वालों को पूरा भरोसा है की भाजपा यदि उन्हें लैलुगा विधान सभा से प्रत्याशी बनाती है तो विपक्ष में चाहे कोई भी हो उनकी जीत पक्की है। अब तक भाजपा से लैलूंगा विधान सभा से सत्यानंद राठिया और सुनीति राठिया ने लंबे समय तक प्रतिनिधत्व किया है लैलूंगा विधान सभा से देवेंद्र प्रताप सिंह और सुषमा खलखो भी दावेदारों की दौड़ में शुमार है। लेकिन अब कोयला प्रभावित गांव की प्रभावी महिला जानकी राठिया के मैदान में आने से सारे समीकरण बदल जायेंगे। जानकी राठिया गांव की जमीन से जुड़ी हुई नेता हैं और उनका दायरा सिर्फ गांव तक ही नहीं है। उनकी प्रोफाइल भी काफी मजबूत है। सारी बातों को यहां पर उल्लेख नहीं किया जा एकता है लेकिन लैलूंगा विधान सभा क्षेत्र से भाजपा यदि जानकी राठिया को उम्मीदवार बनाती है तो एक बड़ा वर्ग उनके समर्थन में निः स्वार्थ उतर कर उनकी जीत को सुनिश्चित करने में अहम भूमिका भी अदा करेंगे।

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