
सक्रिय हुई कुलिशा मिश्रा सारंगढ़ के साथ रायगढ़ विधान सभा के लोगों से शुरू किया मिलना जुलना ….. पिछली बार चंद्रपुर विधान सभा से किया था दावेदारी …. रायगढ़ विधान सभा में है आशा भरी नजर …?
रायगढ़ । सारंगढ़ रियासत की राजकुमारी कुलीशा मिश्रा एक बार फिर से सक्रिय हो गई हैं। लगातार मैदानी इलाके के लोगों से मिलना जुलना भेंट मुलाकात का दौर शुरू कर दी है। कुलिषा मिश्रा युथ कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव रह चुकी हैं और एआईसीसी की स्टेट Reseacher कोऑर्डिनेटर, राष्ट्रीय कांग्रेस में जाना पहचाना नाम, राहुल गांधी के कार्यक्रमों में बढ़चढ़ हिस्सेदारी रहती है संगठन में एक बड़ा चेहरा भी है। उनमें राजनैतिक पहचान की कोई कमी नहीं है उनकी अपनी शालीन, सौम्य और कुशाग्रता के साथ अपनी एक अलग पहचान स्थापित किया है।
कुलिशा मिश्रा महिला होने के साथ -साथ अविभाजित रायगढ़ जिले के सबसे बड़े राजनितिक परिवार की सदस्य भी हैं इनके नाना राजा नरेश चंद्र सिंह मप्र के मुख्यमंत्री रहें बड़ी मौसी स्व रजनीगंधा और पुष्पा देवी रायगढ़ से संसद रह चुकी बड़ी मौसी कमला देवी भी मप्र सरकार में वरिष्ठ मंत्री रह चुकी माँ डॉ मेनका देवी 2014 के लोकसभा चुनाव में रायगढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी घोषित हुई पर हाईकमान ने अंतिम समय प्रत्याशी बदल दिया।चूंकि परिवार सियासत से जुड़ा है और सारंगढ़ राजघाराना हमेशा चर्चा में रहा हैं।
कुलिशा मिश्रा ने 2018 में चंद्रपुर विधानसभा जो की वर्तमान में सक्ति जिले के अंतर्गत हैं से दावेदारी की थी पर मुमकिन नही हो पाया।चूंकि सारंगढ़ विधान सभा आरक्षित सीट है इसलिए वे अपने लिए एक सुरक्षित सीट की तलाश में लगी रहती हैं।
जिस तरह से अभी कुलीशा मिश्रा जब चुनाव के होने में कुछ ही महीने बचे हैं तो जन संपर्क बढ़ा रही हैं वे सारंगढ़ के साथ रायगढ़ विधान क्षेत्र के मैदानी इलाकों के लोगों से मेल मुलाकात कर रही हैं। कहीं न कहीं यह जरूर दर्शाता है कि कुलिषा अपने लिए कोई स्थाई सीट की खोज में हैं और वर्तमान में उन्हें रायगढ़ विधान सभा आशा भरी निगाह से दिख रहा है। यही वजह है कि वे रायगढ़ विधान सभा के सरिया तहसील के मैदानी लोगों से मेल मुलाकात बढ़ाना शुरू कर दीं हैं।
राजनितिक बिसातें चल रही हैं पर देखना हैं की वर्तमान विधायक प्रकाश नायक को पार्टी हाईकमान पुनः प्रत्याशी बनाता है कि नए को मौका मीलेगा यह चुनाव कि तारीखें निर्धारित होने पर पता चलेगा फिर आम चर्चा में नए-नए शिगुफे चर्चाएआम है।
शमशाद अहमद