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न महापौर इस्तीफा देंगी और न ही संजय इस्तीफा वापस लेंगे …..? एमआईसी सदस्य संजय का इस्तीफा होगा मंजूर …? इधर भाजपा का अविश्वास प्रस्ताव ……क्या रंग लायेगा

 

रायगढ़ । नगर पालिक निगम के एमआईसी सदस्य संजय देवांगन के द्वारा महापौर के खिलाफ आवाज उठाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन विश्वस्त सूत्रों की माने तो अब तक इनका इस्तीफा अब तक मंजूर नहीं हुआ है। संजय देवांगन द्वारा इस्तीफा देने के बाद महापौर पेशोपेश में पड़ गई थी। उधर भाजपा के द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाने की हवा ने उनकी चैन छीन लिया इन सबसे क्षुब्ध होकर अपने पद से इस्तीफा देने तक का मन बना लिया था।
अंदर खाने से मिली जानकारी के अनुसार न महापौर इस्तीफा देंगी और न ही अब तक संजय देवांगन का दिया इस्तीफा अब तक मंजूर नहीं किया गया है। खास बात ये है कि भाजपा को अविश्वास प्रस्ताव लाने किए आंकड़ों की जादूगरी की जरूरत है जो उनके पास हैं नहीं और जहां तक एमआईसी से संजय के इस्तीफे की बात है इसे कांग्रेस आपस में मिल बैठकर सुलटाने की रणनीति बना ली है। निगम की राजनीत में भूचाल आने से पहले ही निपटा दिया गया है। कांग्रेस तो चाहती रही की संजय अपना इस्तीफा वापस ले लें लेकिन वे अपने फैसले पर अडिग हैं। महापौर स्वयं इस्तीफा देकर सबको चौंकाने वाली थी लेकिन संगठन और तमाम एमआईसी सदस्य महापौर पर अपनी निष्ठा जाहिर करते हुए उन्हें राजनीतिक संबल प्रदान किया इसकी वजह से कांग्रेस में भूचाल आने से पहले ही दफ्न होता प्रतीत हो रहा है। ऐसा इस्तीफा देने के 24 घंटे चली घटनाक्रम के बाद प्रतीत होता है।

भाजपा आनन फानन में महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला लिया था लेकिन आविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए जिन आंकड़ों की जरूरत होनी है आंकड़ों की जादूगरी से दूर हैं ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव की परिकल्पना बेमानी है। शायद भाजपा उसके लिए कोई जोड़ तोड़ शुरू किया गया हो और हो सकता है कि कुछ असंतुष्ट भाजपा के संपर्क में भी हों लेकिन राजनीत के जानकारों की माने तो यह भाजपा के लिए यह सब किसी सपने जैसा होगा।
फिलहाल संजय देवांगन बनाम महापौर की राजनीत बहुत ज्यादा दिनों तक चलने वाली नहीं है। अब आगे का ऊंट किस करवट बैठेगा यह आगे चलकर भाजपा के सियासी दांव और आंकड़ों पर निर्भर करेगी।

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