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मदरसा अहमदिया साबरिया में मनाया गया यौमे आजादी पर्व….ध्वजा रोहण कर दी सलामी… मनाया जा रहा आजादी का अमृत महोत्सव …….आजादी में इस कौम का भी रहा अहम किरदार लेकिन अफसोस की बात है कि आज नफरती ताकत हावी हैं …

 

रायगढ़।

हर साल की तरह इस साल भी मधुबन पारा स्थित मदरसा अहमदिया साबिरिया में पूरे शानो शौकत से यौमे आजादी मनाई गई ।स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सदर शेख कलीमुल्लाह वारसी द्वारा ध्वजा रोहण कर तिरंगे को सलामी दी गई। गणमान्य नागरिकों सहित मदरसा अहमदिया साबरिया के बच्चे शामिल रहे ।

ध्वजा रोहाण कार्यक्रम में मस्जिद गरीब नवाज के इमाम हजरत मौलाना हाफिज मोहम्मद दानिश साबरी और मदरसा अहमदिया साबिरिया के मुदरिस मौलाना मोहम्मद फैजूल बारी नायब साबिक मुअजन हाजी वसी अहमद नायब सदर हाजी शेख मुबस्सिर हुसैन, हाजी शेख अब्दुल्लाह, शेख अतहर हुसैन शब्बीर अहमद साबरी मोहम्मद रियाजुद्दीन शेख यावर हुसैन अखलाक खान मोहम्मद अनीस सिद्दीकी शेख अलाउद्दीन डॉक्टर ख्याति पटेल, रविंद्र पटेल अन्य गणमान्य नागरिक एवं मदरसा अहमदिया साबिरिया के बच्चे उपस्थित रहे, इस दौरान मदरसा अहमदिया साबिरिया के सदर शेख कलीमुल्लाह ने यौमे आजादी की मुबारकबाद देते हुए कहा कि बड़े खुशी की बात है कि आज हम आजादी की 76 वी सालगिरह मना रहे हैं हमने आजादी का अमृत महोत्सव मना लिया हैं।

लेकिन मौजूदा दौर में भारतीय समुदायों के बीच विष वमन काफी बढ़ गया है फल स्वरूप आपसी सौहार्द्र घटा है और वैमनस्यता में काफी इजाफा हुआ है। मजहब और जाति के नाम पर देश में नफरत के माहौल मैं बढ़ोतरी हुई है फिरका परस्त ताकत द्वारा भारतीयों को आपस में लड़ाया जा रहा है। हिंदोस्तान की आजादी के लिए यहां पर रहने वाले हर कौम के लोगों ने अपने जानौ की कुर्बानी दिया है। देश की आजादी में मुसलमानों का अहम किरदार रहा है देश के लिए मुसलमानों ने भी अपना सब कुछ न्योछावर किया है। लेकिन अफसोस की बात है कि आज नफरती ताकतों के निशाने पर मुस्लिम कौम है। कतिपय सरकारों द्वारा इन पर कार्यवाही करने के बजाय इन्हें अपरोक्ष रूप से सहयोग किया जा रहा है। आज मुल्क को विश्व गुरु बनाने के लिए कौमी एकता की जरूरत है। आज सबका साथ सबका विकास नारा को मूर्त रूप देने की आवश्यकता है।आपसी भाईचारे को और अधिक बढ़ाकर नफरती ताकतों को मुंहतोड़ जवाब देने की जरूरत है। आज हम सबको देश की आजादी में किरदार निभाने वाले सभी आजादी के सिपाहियों को खिराजे अकीदत पेश करते हुए इस मुल्क की बेहतरी के लिए काम करने का अहद ( संकल्प ) लेने की जरूरत है।

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