
रायगढ़ से ओपी चौधरी के नाम का फैल रहा रायता … पक रही सिर्फ तरकारी…… असल उम्मीदवार तो होंगे विजय अग्रवाल……..अंतिम समय में पलटा पाला तो ये हैं ही …..चेहरा अग्रवाल या पिछड़ा वर्ग
रायगढ़ । इन दिनों रायगढ़ विधान सभा से ओपी चौधरी के नाम का जबरदस्त रायता फैल रहा है। हर जगह ओपी चौधरी के नाम की हवा फैल रखी है। राजनीतिक अंदरखाने के सूत्रों की मानें तो रायगढ़ से ओपी चौधरी उम्मीदवार नहीं होंगे रायगढ़ से कोई भी उम्मीदवार घोषित होने के पहले संगठन का फैसला अहम होगा खासतौर पर रायगढ़ सीट जीतने के लिए ये माना जा रहा है की अग्रवाल प्रत्याशी ही हो तभी रायगढ़ से भाजपा की झोली में जीत का सेहरा सज पाएगा। या फिर अंत में पिछड़ा वर्ग का कार्ड खेल सकती है।
दरअसल जब से भाजपा ने प्रदेश के 21 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई है और खासतौर पर जब खरसिया से ओपी की जगह महेश साहू को उम्मीदवार घोषित किया गया है। तब से रायगढ़ को लेकर एक अलग ही माहौल क्रिएट किया जा रहा है ऐसा हम नहीं बल्कि राजनीतिक गलियारों के सूत्र कह रहे है और उनका यह भी कहना है की ऐसा कर ओपी चौधरी के कद को बढ़ाने का काम किया जा रहा है यह सिर्फ रायता फैलाने से ज्यादा और कुछ नहीं है।
रायगढ़ की राजनीत जैसा दिखाई देता है असल में है वैसा नहीं ओपी चौधरी को लेकर जिस तरह माहौल बनाया जा रहा है इससे कई निशाना साधने की कोशिश भी की जा रही है ताकि माहौल को शांत रखा जा सके और शांति पूर्वक तरीके से प्रत्याशी के नाम की घोषणा हो जाए और पार्टी के अंदर किसी तरह से विरोध या बगावत के सुर पैदा न हो। दरअसल रायगढ़ से एक मात्र उम्मीदवार विजय अग्रवाल ही है और अंत में उनके नाम पर ही मुहर लगेगी।
दरअसल प्रदेश में चुनाव को लेकर न सिर्फ प्रदेश संगठन काम कर रहा है बल्कि राष्ट्रीय स्तर बड़े बड़े नेता लगातार छत्तीसगढ़ का दौरा कर रहे है और बैठकों का दौर चल रहा है नाम और चेहरों पर मंथन चल रहा है। रायगढ़ से भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अग्रवाल नाम पर मुहर लगा सकती है। भाजपा में तो लगभग विजय अग्रवाल फाइनल हो सकते हैं बहुत ज्यादा हुआ तो अगली पीढ़ी के दमदार नेता विकास केडिया भी लाइन में लगे हैं इनके नाम पर मुहर लगाने का अपना अलग लॉजिक बताया जा रहा है, राजनीति सूत्र ये बताते हैं की ये भाजपा है खरसिया से महेश साहू के नाम की कभी किसी ने सोचा नहीं था इसी तर्ज पर पार्टी परे हटकर भी दांव खेल सकती है जिसमें विकास केडिया एक प्रमुख चेहरा है। और फिर वहीं युवा नेता में स्व रोशन लाल अग्रवाल के पुत्र गौतम अग्रवाल भी है जो जीत दिलाने का माद्दा रखते हैं।
फिर सुनील रामदास अग्रवाल तो फूल फॉर्म में चल ही रहे हैं पूरे जोर शोर से शहर विकास को लेकर एक खाका खींचा है और सोसल मीडिया के माध्यम से अपना एक घोषणा पत्र आम जन के बीच शेयर किया है। और सबसे खास बात ये है की अंदर खाने से तो सब विरोध करते हैं लेकिन सुनील रामदास अग्रवाल ऐसे सख्श हैं जो बिल्कुल भी नहीं चाहते की ओपी को रायगढ़ से टिकट मिले। और इसीलिए वे इन दिनों सुर्खियों में भी हैं ।
और अगर बहुत ज्यादा हुआ अगर राष्ट्रीय नेता किसी पिछड़ा वर्ग पर दांव खेलने की बात करे तो विलिस गुप्ता पर दांव खेल सकती है। रही बात ओपी चौधरी की तो अंदरखाने के परिदृश्य के सूत्रों की माने तो ओपी चौधरी फिलहाल इस वर्ष कहीं से भी चुनाव लड़ने के मूड में नहीं है लेकिन पार्टी का दबाव बना तो उन्हें कहीं से भी जिसमे रायगढ़ और चंद्रपुर सीट होगा लेकिन राजनीतिक गलियारों के सूत्रों की माने तो ऐसा होना प्रतीत नहीं हो रहा है।