
रायगढ़ विधान सभा की सीट पर किसका नाम …. इनके लिए दिल्ली में टिकट के लिए एड़ी चोटी …..दावेदारों की दौड़ में निकल जायेंगे आगे ….. अरुण गुप्ता का फाइनल हो तो नहीं अतिश्योक्ति ……और छा जायेगा सन्नाटा …. जयंत डॉक्टर राजू अनिल चीकू शंकर सलीम नियरिया ..प्रकाश नायक की सीट को सबसे अधिक खतरा इनसे
रायगढ़ । रायगढ़ विधान सभा के कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर जो कुछ भी सुनाई दिखाई दे रही है इसमें कितनी सच्चाई है। इसकी परतों को जब कुरेदना शुरु करते हैं तो कई प्रकार की जमी हुई परत अंदरखाने से जो निकल कर आती है वह चौंकाने वाला होता है।
दरअसल रायगढ़ विधान सभा पिछले कई चुनावों में देखा जा रहा है की कोई प्रत्याशी रिपीट नहीं हो रहा है चेहरा नहीं बदलने से पार्टी को सीट भी खोनी पड़ती है। इसी मुद्दे पर यह बात अंदर खाने से उस समय कुरेदने पर निकली जब अरुण गुप्ता के लिए सीधे दिल्ली से एक बड़ी लॉबी उनके टिकट से लेकर जीत दिलाकर सीट पर बैठाने का दावा किया जा रहा है। यह सर्व विदित भी है कि रायगढ़ की राजनीतिक फींजा कृष्ण कुमार गुप्ता के बाद बदल गई और इसके बाद कोई भी सीटिंग एमएलए बतौर प्रत्याशी कभी जीत हासिल नहीं कर पाया है और इसके साथ ही सीट भी गंवानी पड़ती है। इसकी वजह से इस बार कांग्रेस प्रत्याशी चयन के पहले कई सर्वे हुए एमएलए रेटिंग कार्ड तैयार हुआ इसके बाद दावेदारी के अनुसार प्रत्याशियों को लेकर अलग अलग टीम सर्वे करने पहुंची और प्रत्याशियों से फेस टू फेस जीत का मंत्र क्या है जाना, इसके बाद लोकप्रियता के पायदान के आधार पर प्रत्याशियों की लिस्ट बनी। जिसमें अंदर खाने के सूत्र बता रहे हैं कि जयंत ठेठवार और अनिल अग्रवाल चीकू के बीच संघर्ष बना था किंतु दिल्ली में रायगढ़ की सीट को लेकर जबरदस्त तरीके से लॉबिंग हुई है। दिल्ली के दरबार में आरंभ में जो मंथन चल रहा था और छत्तीसगढ़ की टीम द्वारा जो नाम तय किए गए उसमें जयंत ठेठवार, अनिल अग्रवाल चीकू दो में से किसी एक पर मुहर लगनी थी। सूत्र बताते हैं कि छत्तीसगढ़ प्रभारी की लिस्ट के अनुसार संभावना जयंत और अनिल के बीच बनी हुई थी साथ ही डॉक्टर राजू और शंकरलाल अग्रवाल के नाम पर भी चर्चाएं हुई किंतु एक लॉबी ने पूरा समीकरण बदल दिया और अरुण गुप्ता के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दिया और टिकट के बदले सीट देने का वायदा किया गया है।
अंदर खाने से इस बार अंतिम तौर पर अरुण गुप्ता की ही टिकट फाइनल बताया जा रहा है? टिकट के साथ जीत दिलाकर सीट बतौर उपहार भी दिए जाने की वकालत की जा रही है जिसमे यह दावा किया गया है की इस चेहरे को टिकट दे दिया तो वे सीट को बरकार रखकर बतौर उपहार सीट पर जीत दिलाकर दी जाएगी ? ऐसे में अरुण गुप्ता की टिकट कहीं अंतिम रूप से फाइनल तो नहीं है? अगर ऐसा होता है तो रायगढ़ की राजनीत में एक बारगी के लिए सन्नाटा छा जायेगा।
यूं तो लाइन में सबसे आगे जयंत ठेठवार और अनिल अग्रवाल चीकू थे, डॉ राजू अग्रवाल, शंकरलाल अग्रवाल दावेदारों की दौड़ में अपने अपने तरीके से बढ़त बनाए रखने का दावा कर रहे हैं। इन्ही के बीच शहर के सलीम नियरिया ने भी इस साल अपनी दावेदारी की है और अपनी दावेदारी भी कुछ इस तरह से कर रहे है सबका बेटा, सबका भाई अबकी बार सलीम भाई का नारा दे रहे हैं। इन सबके बीच अरुण गुप्ता को टिकट की दौड़ में कोई भी स्वीकार नहीं पा रहा है लेकिन अंदर खाने के सूत्र बताते हैं कि अरुण गुप्ता के नाम पर अंतिम मुहर लग चुकी है बस टिकिट वितरण ऐलान की औपचारिकता ही शेष है। ऐसे में यह माना जा सकता है की कृष्ण कुमार गुप्ता दिल्ली में बैठकर एक बड़ा दांव खेल चुके है और रायगढ़ में गद्दी की धमक एक बार फिर से चरितार्थ हो सकती है।
ऐसे में अंदर खाने के सूत्र कहते हैं की पिछली चुनावों की समीकरण और विधायक रेटिंग के आधार पर कांग्रेस प्रत्याशी में बदलाव सौ प्रतिशत यथासंभव है। भले ही वर्तमान में दावेदारों को लेकर जो भी बातें चल रही हैं यह स्वाभाविक है। राजनीति में कब क्या हो जाए यह कहा नहीं जा सकता राजनीत में हमेशा संभावना बने रहती है। खेल अभी बाकि है समय का भी इंतजार है और रायगढ़ की सीट पर आखरी समय तक संशय बने रहने की बात भी निकल कर आ रही है । किसके सर रायगढ़ के टिकट ताज सजेगा पिक्चर अभी बाकी हैं फिलहाल सूत्र के अनुसार रायगढ़ में इस बार गद्दी की धमक लौटने वाली है।
ऐसे में सीटिंग एमएलए प्रकाश नायक को किसी से खतरा है तो वो हैं अरुण गुप्ता, और अरुण गुप्ता वह शख्स है जिसके पिता कृष्ण कुमार गुप्ता को कभी राजनीति का चाणक्य माना जाता रहा है। कृष्ण कुमार गुप्ता में अभी यह लक्षण विद्यमान है राजनीत से जरा दूर जरूर है किंतु गुलाटी मारना नहीं भूले हैं। अब प्रकाश नायक इसे कैसे लेते हैं यह उन पर निर्भर करता है । अपने राजनीतिक सूत्र की माने तो वर्तमान में प्रकाश नायक के सबसे ज्यादा खतरा अरुण गुप्ता से है।