
ग्रामीण एसईसीएल के खिलाफ आक्रोश पुनः स्थगित आंदोलन को करेंगे जारी ……विस्थापन लाभ बसाहट राशि पर लगाया सौतेला व्यवहार व भेदभाव का आरोप …. जिस भूमि पर पुरखों से जीवन यापन करते चले आ रहे माटी के मोल कैसे दें … बड़ा यक्ष सवाल
रायगढ़ –
जिले के कोल ब्लॉक प्रभावित ग्राम बरौद में ग्रामीणों का गत रविवार को आम सभा की बैठक आहुत की गई । बैठक में विभिन्न स्थानीय मुद्दों में सड़क मार्ग डायवर्ट मुद्दा सहित विस्थापन के मुद्दों पर चर्चा हुई और आगामी आंदोलन की रूप रेखा तय की गई। बैठक में तय हुआ की ग्रामीण जिस जमीन पर अपने पूर्वजों से जीवकोपार्जन करते हुए रहते चले आ रहे थे उसे औने पौने दाम पर माटी के मोल कैसे दे दिया जाए जमीन और माटी छोड़ने के बाद प्रभावित दर दर भटकने को मजबूर होंगे। इसलिए ग्रामीण पुनर्वास लाभ में बढ़ोतरी चाहते हैं ताकि उनका जमीन घर बार जाने के बाद आगे का जीवन सुगम बनाया जा सके।

आम सभा में पंचायत पदाधिकारी सरपंच रथमिला सनत कुमार राठिया ,उपसरपंच नरियल दास मानिकपुरी, समस्त पंच , जनपद पंचायत सदस्य क्षेत्र क्रमांक 02 संतोषी राठिया रामकुमार तथा समस्त ग्रामीण आम जनता उपस्थित रहें । उक्त बैठक में चर्चा किया गया कि ग्राम पंचायत बरौद की मुख्य मार्ग (प्रधानमंत्री) सड़क जो बरौद से पोरड़ी होते हुए नेशनल हाईवे को जोड़ती है तथा बरौद से खदान मार्ग प्रधानमंत्री सड़क जो नेशनल हाईवे मार्ग को जोड़ती हैं । जिसे प्रबंधन द्वारा प्रोजेक्ट में सम्मिलित किया गया है और कोयला खनन करने की योजना तैयार की गई है । एसईसीएल द्वारा प्रधानमंत्री मार्ग को टेपरी मार्ग देकर डाइवर्ट कर दिया जा रहा है जो विभिन्न कारणों से ग्रामीणों को पसंद नही है और सड़क डाइवर्ट करने पर ग्रामीणों द्वारा असहमति है । तथा यह भी चर्चा किया गया की एसईसीएल प्रबंधन द्वारा वर्तमान में ग्रामीणों की कई मांगें लंबित है जैसे विस्थापन लाभ एसईसीएल कोरबा ज़िले के संचालित खदान गेवरा क्षेत्र ,दिपका क्षेत्र ,कुसमुंडा क्षेत्र के आधार पर विस्थापन लाभ 03 लाख को 10 लाख तथा अतिरिक्त पारितोषिक/प्रोत्साहन राशि 05 लाख की मुख्य मांग ग्रामीणों एवं प्रबंधन के बीच नायब तहसीलदार घरघोड़ा के समक्ष पत्र क्रमांक -एसईसीएल /राय./ बरौद / उक्षेप्र. /2023 दिनांक 08.07.2023 को प्रबंधन द्वारा लिखित समझौता हुआ है लेकिन प्रबंधन द्वारा किसी प्रकार की ग्रामीणों के पक्ष में निर्णय नहीं लिया गया है।
उक्त विषय को ग्रामीणों द्वारा कोयला मंत्री भारत सरकार एवं अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक बिलासपुर मुख्यालय को भी पत्र व्यवहार किया गया है। लेकिन अभी तक ग्रामीणों के पक्ष में सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया जिसको लेकर ग्रामीण बहुत आक्रोश है और पुनः स्थगित आन्दोलन को जनवरी 2024 में आन्दोलन करने का मन बना लिये है ।
ग्रामीणों द्वारा एकमत में प्रधानमंत्री सड़क को डाइवर्ट कराने के लिए असहमति प्रदान की गई तथा विस्थापन लाभ बढ़ोत्तरी हेतु आन्दोलन ,खदान बन्दी , आर्थिक नाकेबंदी , हड़ताल ,ब्लास्टिंग बंद , कोयला प्रोडेक्शन बंद, ओ.बी प्रोडेक्शन बंद , करने की सहमति बनी अब देखना होगा की अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक बिलासपुर तथा निदेशक मंडल बिलासपुर मुख्यालय द्वारा विस्थापन लाभ पर किसी प्रकार की निर्णय लेती है निर्णय ग्रामीणों के पक्ष में नहीं आता है तो ग्रामीणों को मजबुर हो कर पुनः स्थगित आन्दोलन जारी करेंगे ।
 
					



