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मनमानी !::सेंट जोसेफ स्कूल अब बुक्स बदलने की तैयारी में ?…कोरोना काल मे 3 साल से बुक विक्रेता और पालक हैं परेशान.. क्या कमीशन का है खेल.?…

अनूप बड़ेरिया
शहरी क्षेत्रों में निजी स्कूलों की मनमानी के किस्से आम तौर पर सामने आते रहते हैं। लेकिन कोरोना काल में भी स्कूल द्वारा यदि अचानक से बच्चों का सिलेबस बदल दिया जाए तो एकदम से नई बुक्स खरीदने का जहां उनके अभिभावकों पर भार पड़ेगा तो वही उन पुस्तक विक्रेताओं का क्या होगा जिनके पास लाखों का माल पिछले 3 सालों से जाम पड़ा हुआ है।
कोविड के संक्रमण की वजह से इस साल भी स्कूल बंद किए जाने के बाद भी सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार सेंट जोसेफ स्कूल LKG/UKG से क्लास 5 तक के सेलेबस को चेंज कर अब नए पब्लिशर्स की बुक चलाने की तैयारी में हैं। कुछ अभिभावक व पुस्तक विक्रेताओं ने बताया कि पब्लिशर से कमीशन के चक्कर मे इस स्कूल में पुस्तक बदलने की तैयारी लगभग कर ही ली है। इसकी सूची भी बकायदा तैयारी कर ली गई है। जिसकी जानकारी मिलने पर अभिभावकों के साथ अब पुस्तक विक्रेताओ ने भी विरोध चालू कर दिया है।
दरअसल कोविड का यह लगातार तीसरा साल है कि जब स्कूल खोलने के चंद माह बाद ही कोविड संक्रमण की वजह से एक बार फिर स्कूल बंद कर दिया गया। विदित है कि कोरोना की वजह से आर्थिक रूप से जहां अभिभावकों की कमर टूटी हुई है, वहीं विगत 3 वर्षों से स्कूली पुस्तकों की बिक्री में भारी कमी की वजह से दुकानदारों के पास लाखों का स्टॉक जाम पड़ा हुआ है ऐसे में यदि सेंट जोसेफ स्कूल प्रबंधन मनमानी करते हुए इस सत्र में नए पब्लिशर्स की पुस्तकें चालू करता है तो दुकानदारों को भी लाखों रुपए का नुकसान होगा और उनके पास रखी पुस्तके महज रद्दी के भाव ही बिकेगीं। और इस तरह पुस्तके बदलना शिक्षा नीति का उल्लंघन भी है । इस संबंध में अधिकांश दुकानदारों और अभिभावकों ने जिला शिक्षा अधिकारी को लिखित शिकायत की है।
मुझे इसकी जानकारी नहीं है। सेंट जोसेफ स्कूल प्रबंधन द्वारा इस संबंध में कार्यालय में सूचित नहीं किया गया है। यदि इस तरह की कोई भी शिकायत आती है तो कार्यवाही की जाएगी
संजय गुप्ता, DEO 
कोरिया
स्कूल का सिलेबस चेंज करने में स्कूल प्रबंधन की कोई भूमिका नहीं रहती है सीबीएससी बोर्ड के आदेश पर सिलेबस चेंज किया जाता है।
सिस्टर जेस्सी
प्राचार्य, सेंट जोसेफ इंग्लिश मीडियम स्कूल 

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