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किसानों, युवाओं और महिलाओ के लिए बजट में कुछ भी नहीं::संजीव सिंह काजू..बजट से जनता ठगा महसूस कर रही 

 

युवा कांग्रेस प्रदेश महासचिव संजीव कुमार सिंह काजू ने कहा है कि वित्त मंत्री द्वारा केंद्र की मोदी सरकार का लोकसभा चुनाव के ठीक पहले का आखिरी अंतिम बजट पेश किया गया। इस बजट से देश की आम जनता किसान,गरीब मजदूर,महिला और युवा वर्ग एक उम्मीद और एक आस लेकर बैठा था,कि इस बजट में उनके लिए कुछ खास होगा। परंतु हर वर्ग पूरी तरह से हताश और निराशा है,क्योंकि वित्त मंत्रालय द्वारा पेश किए गए इस अंतरिम बजट का पिटारा पूरी तरह खाली है,किसी के हाथ कुछ भी नहीं लगा देश का बजट सिर्फ आय और व्यय का ब्योंरा नहीं होता,बल्कि यह वर्तमान सरकार का एक पॉलिसी डॉक्यूमेंट होता है,सरकार आने वाले दिनों में देश की आम जनता के जेब में किस प्रकार पैसा डालने का काम करेगी और उनके हितों के लिए किस प्रकार के निर्णय लेगी एवं योजनाएं बनाएंगे इसका स्पष्ट आईना होती है,परंतु केंद्र की मोदी सरकार द्वारा पेश किया गया यह अंतरिम बजट पूरी तरह दिशा विहीन उद्देश्य,विभिन्न और बिना रोड मैप का बजट है,जिस देश की आम जनता को कोई फायदा नहीं पहुंचने वाला ।।
संजीव सिंह काजू ने आगे कहा कि एक तरफ केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इनकम टैक्स कलेक्शन में तीन गुना वृद्धि हुई है,परंतु देश की आम जनता को सीधा फायदा पहुंचाने के लिए आयकर छूट की फीस में ₹1 की भी वृद्धि नहीं की गई,देश की आम जनता व्यापारी, नौकरी पैसा,देश की महिला और युवा वर्ग आस लगाए बैठा था की इनकम टैक्स के लिमिट बढ़ाने से उनका सीधा फायदा पहुंचेगा,परंतु केंद्र की मोदी सरकार ने फिर उनको निराश किया।अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत 30 से 40% कम होने के बाद भी देश की आम जनता को ₹1 की भी राहत पेट्रोल और डीजल में नहीं दी गई है,इन 10 सालों में केंद्र सरकार द्वारा देश की आम जनता से पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज के रूप में 36 लाख करोड रुपए की वसूली की गई 2014 की तुलना में वर्तमान में क्रूड ऑयल लगभग आधे दाम पर था,लेकिन मोदी सरकार के मुनाफाखोरी के चलते आम जनता को लाभ नहीं मिल पा रहा है,पेट्रोलियम उत्पाद पर सेंट्रल एक्साईज में रियायत का कोई प्रावधान नहीं इस बजट में कुछ भी नहीं है,सभी जन कल्याणकारी योजनाओं जैसे मनरेगा,उर्वरक सब्सिडी,खाद्य सब्सिडी पेट्रोलियम सब्सिडी के बजट में लगातार कमी इस बात का प्रमाण है,कि केंद्र सरकार की प्राथमिकता में उनके पूंजीपति मित्र हैं,देश की आम जनता नहीं। इस कारण यह बजट पूरी तरह निराशाजनक साबित हुई है ।

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