
NHM कर्मियों ने कोरोना वारियर्स का सम्मान पत्र वापस किया …
अनूप बड़ेरिया
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सरकार की तरफ कोरोना वारियर्स को सम्मानित करने जो प्रशस्ति पत्र दिया गया, अब उसे जिले भर के संविदा कर्मचारियों द्वारा अपने अपने कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों को लौटा दिया गया हैै।
इस सम्बंध में NHM कर्मी कहते हैं कि कुम्भकर्णी नींद मे सोई सरकार को जगाने की कोशिश है। कोरोना वारियर्स का दर्जा देकर सरकार वादाख़िलाफ़ी कर रही भविष्य मे अपनी मांगो को लेकर हम लडाई लडते रहेंगे।सरकार विभाग में पहले से मौजूद कर्मचारियों को अनदेखा करते हुए रिक्त पदों पर उनको रेगुलर करने की बजाय दूसरी भर्ती कर रही है जो गलत है।
NHM जिलाध्यक्ष सुधांशु श्रीवास्तव ने कहा इसी के विरोध में यह हड़ताल की जा रही है। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि उनको भी नियमित किया जाए। अगर समय रहते ऐसा नहीं किया जाता तो वह संघर्ष को और तेज कर देंगे।
इसी कडी मे जिले भर के एन एच एम कर्मचारीयो ने आज कोरोना वारियर्स का सम्मान पत्र जिले के स्वास्थ्य कार्यालय मे वापस कर दिया।
यदि हमारी मांगनुरूप सरकार काम नही करेगी तो हमारे पास कोई विकल्प नही होता।सरकार द्वारा बयानबाजी की जा रही की हमने कोरोना संक्रमण काल मे हडताल करके सही नही किया।हम जानते है हमारे कितने साथी कोरोना के भय मे भी कार्य करते रहे हमे अपनी चिंता नही है पर हमारे बाद हमारे परिवार की जिम्मेदारी का संकट होता है ।
कोरोना वारियर्स के सम्मान वापसी पर कोरोना से ठीक हुए रंजीत कुमार (बदला हुआ नाम) ने दुख जताते हुए कहा आज की परिस्थिति मे हडताल करने की मजबुरी अवश्य होगी हमारे देखरेख मे जो भी स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपने कर्तव्य को निभाया उनके द्वारा सम्मान वापसी करना बहुत ही कठिन फैसला होगा ।सरकार को ऐसे समय पर बातचीत से रास्ता निकालना चाहिए आखिर संविदा कर्मचारियों के लिए सरकार का रुख इतना उदासीन क्यो है।
उन्होंने कहा हमारे लिए दिन रात लगे रहने वाले ऐसे कर्मचारियों को हडताल करना होता तो शुरुआत मे ही कर दिये होते,पर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को देखकर उन्होंने अपना सर्वस्व समपर्ण किया आज जो भी परिस्थिति हो न्याय होना आवश्यक है।