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रायगढ़ संसदीय सीट पर मचा घमासान जीत का कर रहे दावा …..एक तरफ मोदी का चेहरा तो दूसरी तरफ कांग्रेस प्रत्याशी वैतरणी के सहारे….शहर से लेकर गांव – गांव, भाजपा – कांग्रेस मतदाता और उत्सुकता

 

रायगढ़ । रायगढ़ संसदीय सीट को लेकर घमासान मच चुका है भाजपा और कांग्रेस दोनों ही ताल ठोक कर मैदान में हैं। भाजपा प्रत्याशी राधेश्याम राठिया के लिए समूचा तंत्र जुटा हुआ है। छत्तीसगढ़ के मुख्य मंत्री विष्णुदेव साय की बड़ी चुनावी सभा और वित्त मंत्री रायगढ़ विधायक ओपी चौधरी स्वयं मोर्चा संभाल रखे हैं। कांग्रेस में भी न दिखने वाला तंत्र भी सक्रिय है। भले ही प्रचार प्रसार के मामले में भाजपा कांग्रेस से आगे दिखाई देती है कांग्रेस भी प्रत्याशी के पक्ष में मोर्चा बंदी के लिए कड़ी मेहनत कर रही है ।

जैसे जैसे चुनावी तारीख अपने अंतिम चरण में पहुंच रही है दोनों ही दल अपने अपने तरीके से खेमेबंदी में जुट गई है। कांग्रेस को अब तक कमजोर आंकने वाले भी कहने लगे हैं कि भाजपा प्रत्याशी राधेश्याम राठिया की राह इतनी भी आसान नहीं है जितना समझा जा रहा है। यहां यह देखना होगा कि भाजपा प्रत्याशी को लेकर भाजपा के हर बड़े से बड़ा और छोटा से छोटा कार्यकर्ता मोदी के चेहरे को लेकर गांव गली तक में पहुंच रहा है और 400 पार के नारे दे रहा है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी डॉक्टर मेनका देवी सिंह भी अपने चाहने वालों के साथ पूरी तटस्थता के साथ अंतिम छोर तक बैठी मतदाता तक अपनी पहुंच बनाने में जुटी हुई है।
कांग्रेस में अंदर खाने से प्रत्याशी के पक्ष अपना फोकस बनाकर लगातार रणनीति बनाने में लगातार काम कर रही है और उस पर अमल कराया जा रहा है। अंदर खाने से लगातार डॉक्टर परिवेश मिश्रा हर वर्ग के साथ लगातार मीटिंग कर रणनीति बना रहे है। कांग्रेस की ओर से उनके पुराने और नए सिपहसालारों के साथ मीटिंग कर रणनीति के साथ चुनाव लड़ने पूरी तरह से मोर्चेबंदी की जा रही है। इसके लिए वे हर वर्ग का सहारा ले कर उसके साथ मंत्रणा कर रहे हैं।
अब जहां महज गिनती के घंटे बच गए हैं ऐसे में कांग्रेस अपने सभी विधान सभा क्षेत्र में क्षेत्र के दिग्गज नेताओं सहित सीमित संसाधनों के साथ भाजपा को कड़ी टक्कर देने की तैयारी में हैं । जशपुर, तपकरा, कुनकुरी से लेकर पत्थलगांव, लैलूंगा, धरमजयगढ़, रायगढ़ होते हुए सारंगढ़ में अपने खास सिपहस्लारों के साथ बैठक कर रणनीति बना कर काम कर रहे है प्रत्याशी स्वयं लगातार मतदाताओं के बीच पहुंचकर अपने पक्ष में माहौल बनाने का काम कर रही हैं। यहां यह नहीं भूलना चाहिए की मिसेज सीएम श्रीमती कौशल्या साय स्वयं भाजपा प्रत्याशी के लिए प्रभावशाली कमान संभाले हुई हैं।

यह बात अलग है की राधेश्याम राठिया बनाम डॉक्टर मेनका के चुनावी शोर में का अब तक के कांग्रेस के प्रदर्शन भले ही कमजोर आंका जा रहा है। राजनीतिक गलियारों के अंदर खाने के सूत्रों की माने तो डॉक्टर परिवेश मिश्रा अपनी सहजता वाले अंदाज के साथ कांग्रेस के पुराने और वरिष्ठ उनसे जुड़े नेताओं और गैर राजनीतिक सिपहसालारों के साथ बैठक कर कांग्रेस के पक्ष में कैसे अधिक से अधिक मतदान हो इसके लिए लगातार चिंतन मनन और मंत्रणा कर मोर्चा बंदी में जुटे हैं परंतु खास बात ये है कि इसमें चंद ही लोग शामिल हैं वहीं दूसरी ओर भाजपा में पूरा खेमा मोर्चाबंदी में जुटा हुआ है।

एक तरफ भाजपा प्रत्याशी राधेश्याम राठिया के पक्ष में मुख्य मंत्री विष्णुदेव साय, वित्त मंत्री, रायगढ़ विधायक ओपी चौधरी सहित जिले के सभी भाजपा नेता जशपुर से लेकर सारंगढ़ तक मोदी के चेहरे और उनके एजेंडे को लेकर मतदाताओं तक पहुंच कर राधेश्याम राठिया को जीत दिलाने में जुटे हुए हैं। रायगढ़ लोक सभा कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में माहौल बनाने कांग्रेस के पक्ष में बड़ा माहौल बनाने सचिन पायलट तक पहुंच चुके हैं। पूर्व मुख्य मंत्री भूपेश बघेल भी अपनी धमक दिखाने पहुंच कर डॉक्टर मेनका के पक्ष में माहौल बनाने मतदाताओं के बीच पहुंच चुके हैं। स्थानीय कांग्रेसी नेताओं की पूरी टीम रणनीति के तहत काम करने में जुटा है। एक तरफ भाजपा एक एक बूथ पर कार्यकर्ताओं की बड़ी फौज खड़ी कर दी गई है तो वहीं कांग्रेस के बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं की भूमिका अब तक नजर नहीं आ रही है।हां महल का प्रभाव कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष कितना काम आता है यह गर्भ में छुपा हुआ है।

राजनीतिक गलियारों में अगर नजर डालें तो रायगढ़ लोक सभा सीट पिछले 4 कार्यकाल भाजपा के पाले में रहा और इस बार कांग्रेस बदलाव की लहर भी चल पड़ी थी किंतु राजनीति गलियारों में चल रही चर्चाओं की माने तो कांग्रेस इसे भुनाने में कामयाब होती नहीं दिख रही है। राजनीतिक गुणा भाग करने वालों की माने तो कांग्रेस प्रत्याशी और उनके कुछ सिपहसलार बदलाव की घुट्टी पिला रहे हैं। और इसी के सहारे जीत का सपना कांग्रेस देख रही है कांग्रेस कार्यकर्ताओं की फौज की जगह बदलाव की हवा के सहारे स्वयं को बहते हुए देख रही है राजनीतिक पंडितों की माने तो भाजपा प्रत्याशी वास्तविकता की धरातल पर मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है।
फिलहाल मतदाता पूरी तरह से खामोश है और दोनो ही प्रमुख दलों के नेताओं कार्यकर्ताओं की बात सुन रही है देख रही है और समझ रही है। मतदाता का रुख किधर है यह ताड़ पाना इतना आसान नहीं, एक तरफ जहां भाजपा 400 पार के नारे के साथ नरेंद्र मोदी को सामने रखकर मैदान में है। कांग्रेस की नैया कहां तक पहुंच पाती है पिक्चर अभी बाकि है।

 

शमशाद अहमद/-

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