
महंत ने कहा सीएम को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए…सरकार नही सर्कस…कांग्रेस का धरना प्रदर्शन
अनूप बड़ेरिया
छग में बलौदाबाजार की घटना को लेकर कांग्रेस का आज प्रदेश में धरना प्रदर्शन रहा इसी। क्रम में कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर के राजीव भवन कांग्रेस कार्यालय के सामने कांग्रेस के लोगों ने धरना प्रदर्शन कर छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय सरकार के खिलाफ जमकर मोर्चा खोला।

इस दौरान छत्तीसगढ़ शासन में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत, सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत, पूर्व विधायक गुलाब कमरों, पूर्व विधायक विनय जायसवाल, पूर्व विधायक अंबिका सिंहदेव उपस्थित रहे।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सवाल उठाते हुए कहा कि कि बीजेपी और सरकार ने समाज के लोगों की क्यों नहीं सुनी, प्रदर्शन के दौरान बेरिकेटिंग क्यों नहीं की गई। पर्याप्त पुलिसबल क्यों नहीं था। प्रदर्शनकारियों को रोकने आंसू गैस क्यों नहीं छोड़ी गई। जिन मजदूरों को पकड़ा गया वो बीजेपी के नेता के मजदूर हैं। जिन्होंने 15 हजार लोगों के खाने की व्यवस्था की वो बीजेपी के नेता थे। इतने दिनों तक टेंट लगा था, क्या कलेक्टर और एसपी को जानकारी नहीं थी। इस पूरी घटना के लिए बीजेपी की सरकार जिम्मेदार है।
महंत ने प्रदेश की साय सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बीजेपी कांग्रेस नेताओं पर झूठे आरोप लगा रही है. कांग्रेस के किसी नेता ने कोई भाषण नहीं दिया था। बलौदा बाजार घटना में कलेक्टर और एसपी शामिल थे। उसके बाद बीजेपी अब निर्दोष लोगों को गिरफ्तार कर रही है हमारी मांग है कि जो सही में दोषी है उनके खिलाफ कार्रवाई हो। सरकार ने दंगा फैलाने की कोशिश की है। मुख्यमंत्री साय में जरा भी नैतिकता है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।
सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लिए यह बड़ी शर्म की बात है की सरकार इस घटना को रोकने में नाकाम रही, यह पूरे छत्तीसगढ़ में एक काला धब्बा है।

पूर्व विधायक गुलाब कमरों ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी शुरू से धर्म की राजनीति करती रही बलौदाबाजार की घटना भी धार्मिक उन्माद का परिणाम है।
पूर्व विधायक डॉ विनय जायसवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जिस तरह सरकार चल रही है उससे कहीं नहीं लग रहा कि यह सरकार नही बल्कि सर्कस चल रहा है।
धरना प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस के जिला अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता, एमसीबी कांग्रेस के जिला अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव, वेदांती तिवारी, शैलेंद्र सिंह, मनेन्द्रगढ़ नपा अध्यक्ष प्रभा पटेल, कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष अजय सिंह, अनिल जायसवाल, चंद्रप्रकाश राजवाड़े, बिहारी लाल राजवाड़े, विकास श्रीवास्तव, बृजवासी तिवारी, प्रवीण भट्टाचार्य, कृष्ण मुरारी तिवारी, के डमरु रेडी, सुभाष कश्यप, सूरज महंत, गणेश राजवाड़े, राजीव गुप्ता, सौरभ गुप्ता, अभिमन्यु ओझा राजन पांडेय, अविनाश पाठक सहित अनेक कांग्रेसी उपस्थित रहे।
यह थी घटना
उल्लेखनीय है कि 15-16 मई की दरमियानी रात कुछ असामाजिक तत्व गिरौधपुरी धाम में घुस गए थे. उन्होंने सतनामी समाज के धार्मिक स्थल के पूज्य जैतखाम में तोड़फोड़ की थी. मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था. पुलिस की इस कार्रवाई से समाज के लोग असंतुष्ट थे और न्यायिक जांच की मांग कर रहे थे. इस बीच गृहमंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच की घोषणा भी कर दी थी. जैतखाम में तोड़फोड़ के विरोध में हजारों लोग 10 जून को कलेक्ट्रेट के पास इकट्ठे हुए और जमकर हंगामा किया. यहां उनका प्रदर्शन हिंसक हो गया. इसके बाद उपद्रवियों ने तांडव मचाते हुए कलेक्ट्रेट और एसपी कार्यालय को आग के हवाले कर दिया. इस घटना में वहां मौजूद 20-30 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.