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उद्योगों की मनमानी छोड़ रहे केलो में गंदा पानी …. यहां केलो पुत्रों की हुई बैठक लिया गया निर्णय …जनप्रतिनिधियों की इस मामले में चुप्पी…जीवन दायिनी केलो को बचाने आंदोलन की ठोस रणनीति 

 

 

रायगढ़ । उद्योगीक मनमानियों का दौर चल रहा फिर तो कुछ भी कर लो पर उद्योगों के द्वारा केलो नदी में गंदा पानी छोड़ने का मामला खुलेआम है। ऐसे में जागरूक ग्रामीणों ने भारी संख्या में उद्योगों और कोयला खदान के खिलाफ बैठक करते हुए ठोस आंदोलन करने की रणनीति भी तैयार की पूरे रायगढ़ जिले की जलदायिनी केलो नदी का अस्तित्व बच सके।

तमनार ब्लॉक में आज केलो पुत्रों की बैठक हुई जिसमें निम्नलिखित गावों के लोग सम्मलित हुए कोसमपाली-सारसमाल के शिवपाल भगत, दुकालू राम, कन्हाईराम पटेल तथा अन्य ग्रामीणों ने राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण भोपाल एनजीटी के आदेश का राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा पालन न किये जाने को लेकर 25 जून को रायगढ़ जिले के तमनार विकास खंड के ग्राम पंचायत कोसमपाली सारसमाल में महत्वपूर्ण बैठक हुई पर चर्चा यह रही की आखिर कुछ महीने पहले ही विधानसभा और लोकसभा के चुनाव हुआ पर जनप्रतिनिधियों की जनता के हितों के लिय चुप्पी बनी हुई है।

समय रहते जनता के पक्ष में नहीं दिखे तो जनता भी इनको वातनाकुलित गाड़ियों से उतारवदेगी
बैठक में कोसमपाली-सारसमाल के अलावे गारे, पेलमा, मुड़ागांव, लमदरहा, टिहली रामपुर के महिला और पुरुष ने भाग लिया। साथ ही आगे की रणनीति तैयार की गई। ग्रामीणों ने काफी विचार मंथन के बाद सर्वसम्मति से ये निर्णय लिया कि केलो नदी में समाहित हो रहे तमनार के कोयला खदानों और उद्योगों के दूषित पानी को रोकने के लिए वे हर संभव लड़ाई भी लड़ेंगे, मगर नदी के अस्तित्व को बचाकर ही दम लेंगे।

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