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छत्तीसगढ़ मुस्लिम महासभा ने खोला मोर्चा …… छत्तीसगढ़ को शर्मशार करने वाली पहली मोब्लिंचिंग को बृजमोहन अग्रवाल द्वारा आत्महत्या बताना निंदनीय …..बयान से आरोपियों के हौसले बुलंद …. मुस्लिम समाज में आक्रोश …महासभा की रायपुर में होगी बैठक 

 

रायपुर । छत्तीसगढ़ को शर्मशार करने वाली आरंग में घटित पहली मोब्लिंचिंग की घटना के विरोध में प्रदेश के समस्त जिलों में मुस्लिम समाज के द्वारा विरोध जताया गया था व रायपुर मुस्लिम समाज व अन्य समाज के साथ मिलकर जेलभरो आंदोलन किया गया था। जिसमे लगभग 1000 लोगो ने अपनी गिरफ्तारी दी थी जिसके बाद प्रशासन के द्वारा सख्त कदम उठाते हुए लगातार 4 लोगो को गिरफ्तार किया था। परंतु गिरफ्तार आरोपियों के समर्थन में कुछ हिन्दू संगठनों के द्वारा प्रदर्शन कर उन्हें निर्दोष साबित करने की कोशिश की गई थी । जिसके बाद गिरफ्तारियों पर विराम लग गया।  जबकि उक्त घटना में एक दर्जन से अधिक आरोपियो के होने की बात सामने आई है वही दूसरी ओर रायपुर भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल द्वारा छत्तीसगढ़ में घटित पहली माब लिचिंग में हुई 3 लोगो की जघन्य हत्या को मीडिया के सामने आत्महत्या बताये जाने पर छत्तीसगढ़ के समस्त मुस्लिम समाज के द्वारा कड़ी आपत्ति की है।

प्रदेश के मुस्लिम समाज मे इस बयान को लेकर काफी नाराजगी देखी जा रही है समाज के जिम्मेदारों का कहना है कि सांसद बृजमोहन अग्रवाल का बयान से यह प्रतीत होता है कि वे हत्यारों को संरक्षण दे रहे है और उनके हौसले बुलंद करने वाला बयान बताया। बृजमोहन अग्रवाल जैसे वरिष्ठ नेता जिन्हें लगातार मुस्लिमो के द्वारा रायपुर से 8 बार विधायक बनाया और आज उन्हें संसद में भेजने का काम किया उनसे इस प्रकार के बयान की अपेक्षा समाज कदापि नहीं करता हैं।

माब लिचिंग छत्तीसगढ़ के माथे पर कलंक है। इस प्रकार के घटना के आरोपियो पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्यवाही होनी चाहिये । उक्त घटना में एक दर्जन से अधिक तथाकथित गौ रक्षकों द्वारा पीट-पीट कर तीन मुस्लिम युवकों चाँद मिया, गुड्डू खान व सद्दाम की न निर्मम हत्या कर नदी के पुल से नीचे फेंक देना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है दहशत गर्दो ने सरेआम लाठियों डंडो और धारदार हथियार से हमला बोला था जिनमे तीन की जान गयी। इस गंभीर आपराधिक मामले में पुलिस दबाव बनाते हुए अपराधियों के खिलाफ हत्या की धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज करने के बजाय अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है जो कि सराशर आरोपियों को बचाने व संरक्षण देना प्रतीत होता है जबकि यह मामला हत्या का है सरकार हल्की धाराओं में कार्यवाही कर आरोपियो को बचाने गलतबयानी कर रही है।

मुस्लिम समाज के अलावा समस्त बुद्धिजीवियों का कहना है कि इस प्रकार सत्तारूढ़ दल के द्वारा अपराधियो को संरक्षण देने की वजह से अराजक तत्व बेलगाम हो गये है। अपराधियों के हौसले बुलंद हो रहे है। छत्तीसगढ़ जैसे शांत प्रदेश में माब लिंचिंग से तीन लोगों की मौत राज्य के माथे पर कलंक का टीका है। ऐसे लोगो के समर्थन में थानों के घेराव कर इन्हें निर्दोष बताने वालों की जांच होनी चाहिए वे किस संगठन से ताल्लुक रखते है इसको आम करना चाहिए जिससे सबको मालूम हो कि छत्तीसगढ़ में चल रही सरकार की मानसिकता किस तरह की है ।

उक्त मामले को लेकर छत्तीसगढ़ मुस्लिम समाज पूरे प्रदेश में एकजुट होकर 4 जुलाई को रायपुर में महासभा आयोजित कर रही है जिसमे पूरे प्रदेश से मुस्लिम समाज के लोग एकत्रित होकर आगे की रणनीति तय कर आंदोलन कर आवाज को बुलंद कर आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी व धारा 302 लगाए जाने की मांग करेगी ।

 

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