जब कांग्रेसी नेता भाजपा नेता कुरुक्षेत्र सांसद व उद्योगपति का स्वागत करने पहुंचे….. उठ रहे कई सवाल …राजनीतिक दल के भीतर व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को …. कांग्रेस के समर्थकों और नेताओं के मन में संदेह होना स्वाभाविक …कांग्रेसी निष्ठा पर उठ सकता है सवाल..
शमशाद अहमद (रायगढ़)
जिले के एक पूर्व कद्दावर कांग्रेसी नेता मध्य प्रदेश सरकार में तात्कालिक स्वास्थ्य मंत्री के पुत्र विधान सभा प्रत्याशी के दावेदार और वर्तमान में कांग्रेस जिला अध्यक्ष के लिए दावेदार पिछले दिवस भाजपा नेता उद्योगपति नवीन जिंदल के रायगढ़ आगमन पर उनके स्वागत में जिंदल पहुंचे थे उनका फोटो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद अब तरह तहत की चर्चाएं व्याप्त होने लगी है की ऐसी कौन सी वजह है जिसकी वजह से कांग्रेसी नेता को भाजपा नेता के स्वागत में पहुंचना पड़ा।
जिले के कांग्रेस की राजनीति में गद्दी की धमक अचानक विधान सभा चुनाव के पूर्व दिखाई देने लगती है और वे विधान प्रत्याशी की दौड़ में भी स्वयं को रख टिकट के दावेदारी कर रहे थे। गत दिवस उद्योगपति और भाजपा नेता कुरुक्षेत्र सांसद नवीन जिंदल के रायगढ़ आगमन पर बुके लेकर उनके स्वागत में लाइन में खड़े रहे। एक कांग्रेस नेता का इसे राजनीतिक चाटुकारिता कहें या उनका उद्योगपति भाजपा नेता के प्रति वफादारी। जब एक कांग्रेस नेता भाजपा नेता उद्योगपति की चापलूसी में इस तरह लगा रहे और स्वयं को कांग्रेसी नेता कहे, इतना ही नहीं कांग्रेस जिला अध्यक्ष बनने की दौड़ में अपने आप को सबसे आगे रखे तब उस स्थिति में इनसे कांग्रेस के लिए निष्ठा के साथ काम करने की उम्मीद करना बेमानी होगी।
यह स्थिति एक राजनीतिक दल के भीतर की जटिलताओं और व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को दर्शाती है। अरुण गुप्ता के कांग्रेस नेता होते हुए भाजपा नेता और कुरुक्षेत्र सांसद नवीन जिंदल का स्वागत करने से कांग्रेस के समर्थकों और नेताओं के मन में संदेह उत्पन्न होना स्वाभाविक है। अरुण गुप्ता का एक प्रमुख भाजपा नेता का स्वागत करना उनके कांग्रेस में प्रभावशाली भूमिका निभाने के उद्देश्य से मेल भी नहीं खाता है। कांग्रेस के समर्थक और अन्य नेता उनकी निष्ठा पर सवाल उठा सकते हैं, जिससे उनके नेतृत्व क्षमता पर एक बड़ा सवाल खड़ा हो सकता है।
इस तरह की घटनाओं से पार्टी के भीतर विभाजन और असहमति की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।भले ही अरुण गुप्ता की पारिवारिक पृष्ठभूमि और राजनीतिक धरोहर उनके कांग्रेस में और आगे बढ़ने में मदद कर सकती है, लेकिन उनके कार्यों को भी ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है जब वे उद्योगपति भाजपा नेता के स्वागत के लिए बुके लिए लाइन में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते नजर आते हैं।
कांग्रेस को इस स्थिति का सही ढंग से निपटारा करना चाहिए ताकि पार्टी की एकता और निष्ठा बनी रहे। अरुण गुप्ता को भी अपनी निष्ठा स्पष्ट करनी होगी कि वे कांग्रेसी होकर भाजपा नेता के स्वागत में क्यों और किस मकसद से पहुंचे थे और यह भी स्पष्ट करना होगा कि उनके कार्य कांग्रेस की नीतियों और उद्देश्यों के अनुकूल क्यों नहीं है।