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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मनाया गुरु पूर्णिमा उत्सव.. भगवा ध्वज को प्रणाम कर गुरु दक्षिणा समर्पण किया गया..

 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक बैकुंठपुर नगर इकाई द्वारा बुधवार को गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाया गया,इस अवसर पर स्वयंसेवकों समेत उपस्थित गणमान्य नागरिकों ने गुरु रूपी भगवा ध्वज को प्रणाम करते हुए गुरु दक्षिणा का समर्पण किया। विभाग कार्यालय बैकुंठपुर में आयोजित उक्त कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रांत समरसता प्रमुख विश्वनाथ बोगी प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
परिचय व एकल गीत उपरांत मुख्य वक्ता विश्वनाथ बोगी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ओर से मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण कार्यक्रम गुरु पूर्णिमा उत्सव के बारे में चर्चा की,गुरु शिष्य परम्परा की पवित्रता को बतलाते हुए उसे अपने जीवन में आत्मसात करने की बात कही गई।


उन्होंने कहा कि संघ हिंदू राष्ट्रवादी एवं स्वयंसेवी संगठन है,यह संगठन भारतीय संस्कृति और नागरिक समाज के मूल्यों को बनाए रखने के आदर्श को बढ़ावा देता है और बहुसंख्यक हिन्दू समाज को मजबूत करने के लिए हिंदुत्व की विचारधारा का प्रचार करता है। श्री बोगी ने कहा कि संघ के माध्यम से स्वयंसेवकों को बौद्धिक व शारीरिक क्रियाओं के साथ पूर्ण विकसित किया जाता है। आपदा में भी स्वयंसेवक सेवा के कर्तव्य का निर्वहन करते हैं। समाज,राष्ट्र और धर्म की रक्षा के लिए यह संगठन निरंतर कार्य कर रहा है।

प्रांत समरसता प्रमुख श्री बोगी ने आगे कहा कि गुरु पूर्णिमा उत्सव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के छह उत्सव में सर्वोपरि माना जाता है,इस दिन आरएसएस कार्यकर्ता भगवा ध्वज की पूजा करते हैं,इसके पीछे की वजह को उन्होंने सूर्य से जोड़कर बतलाया कि जो स्वयं जलकर भी पूरी दुनिया को प्रकाश बाटने का काम करता है। इसी वजह से दूसरों के प्रति अपना जीवन समर्पित करने वाले साधु,संत भगवा वस्त्र ही पहनते हैं। आरएसएस भगवा या केसरिया को त्याग का प्रतीक मानता है।

श्री बोगी ने आगे संघ की स्थापना,संघ के प्रमुख कार्य,संघ के उद्देश्य,आदि पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि अगले साल 2025 में संघ की स्थापना को 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं और संघ 2025 को शताब्दी वर्ष के रूप में मनाएगा। संघ के संस्थापक डाक्टर केशव बलिराम हेडगेवार जी ने समग्र हिंदू समाज को एकत्रित करने के लिए 1925 में संघ की स्थापना की थी,संघ तत्व पूजा करता है,व्यक्ति पूजा नही। व्यक्ति शास्वत नही,समाज शास्वत है। अपने राष्ट्रीय समाज को,सम्पूर्ण समाज को,सम्पूर्ण हिंदू समाज को राष्ट्रीयता के आधार पर मातृभूमि के आधार पर संगठित करने का कार्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कर रहा है इस नाते किसी व्यक्ति को गुरु स्थान पर न रखते हुए भगवा ध्वज को हमने अपना गुरु माना है। भगवा ध्वज त्याग और समर्पण का प्रतीक है।

श्री बोगी ने कहा कि वट रूपी वृक्ष की तरह संघ पूरे देश में फैल गया है,और इसकी जड़े काफी मजबूत हो गई है,संचित की गई राशि को गुरु दक्षिणा के रूप में समर्पित करते हैं,उन्होंने कहा कि संघ कोई चंदा व सदस्यता शुल्क नही लेता केवल गुरु पूर्णिमा पर स्वयंसेवकों के द्वारा दिए गए गुरु दक्षिणा से मिली राशि से पूरे वर्ष भर कार्य चलता है।

बौद्धिक पश्चात स्वयंसेवकों समेत उपस्थित गणमान्य नागरिकों ने भगवा ध्वज का पूजन,प्रणाम करते हुए गुरु दक्षिणा समर्पित किया, अंत में प्रार्थना पश्चात कार्यक्रम की समाप्ति हुई,इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्वयंसेवक एवं नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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