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छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के नाम कलेक्टर को सौंपा गया आवेदन …..बलौदाबाजार आगजनी प्रकरण में न्याय की मांग राजनीति द्वेषपूर्ण कारवाई का लगाया आरोप …एनएसयूआई ने भी खोला मोर्चा 

 

 

रायगढ़: भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन छत्तीसगढ़ ने एक महत्वपूर्ण आवेदन राज्यपाल के नाम कलेक्टर को सौंपा, जिसमें बलौदाबाजार आगजनी प्रकरण में हो रही कार्यवाही को द्वेषपूर्ण और राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया गया है।

एनएसयूआई ने कहा कि अमर गुफा में सतनामी समाज के पूज्य जैतखाम को क्षति पहुंचाना अत्यंत शर्मनाक घटना थी, जिससे समाज की भावनाओं को गहरा आघात पहुंचा। छात्रों ने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन द्वारा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के बजाय निर्दोष सतनामी समाज के युवाओं और कांग्रेस से जुड़े पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया जा रहा है।

छात्र संगठन ने इस मामले में पांच प्रमुख मांगें रखी हैं:
1. सतनामी समाज के पूज्य जैतखाम को क्षति पहुंचाने के मामले में सीबीआई जांच की जाए।
2. विधायक देवेंद्र यादव और एनएसयूआई एवं यूथ कांग्रेस के निर्दोष पदाधिकारियों के खिलाफ लगाए गए आपराधिक धाराएं हटाई जाएं।
3. आगजनी प्रकरण की निष्पक्ष जांच हेतु न्यायालय के अधीन एक पृथक टास्क फोर्स गठित की जाए।
4. विधायक देवेंद्र यादव के खिलाफ कार्रवाई में शामिल पुलिस अधिकारियों की जांच हो।
5. आगजनी प्रकरण में भाजपा के पूर्व विधायक सनम जांगड़े की भूमिका की जांच की जाए।

छात्र संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।

छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार ऐसा देखा जा रहा है जब किसी चुने हुए जनप्रतिनिधि को इस प्रकार से निशाना बनाते हुए उनके खिलाफ षड्यंत्र किया गया हो। एनएसयूआई का कहना है कि यह घटना प्रदेश के प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

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