हार्ट अटैक आने और इमरजेंसी में जान बचाने की तकनीक है सीपीआर:: डॉ मनीष.हर घर जीवन रक्षक की थीम पर प्राथमिक उपचार कैम्प लगाया…
अनूप बड़ेरिया
कोरिया जिले के प्रेमाबाग पत्रकार भवन में रेडक्रॉस के तत्वाधान में प्राथमिक उपचार कैम्प का आयोजन किया गया। एनेश्थिसिया विशेषज्ञ डॉ मनीष कुर्रे ने विशेष योगदान देकर पत्रकारों को इसका प्रशिक्षण दिया।
रविवार को पत्रकार भवन में रेडक्रॉस सोसायटी के तहत पत्रकारों को प्राथमिक उपचार प्रशिक्षण दिया गया, दरअसल, हर घर जीवन रक्षक की थीम के तहत यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है इसमें यदि कोई व्यक्ति को अचानक हार्ट अटैक आ जाए, कहीं कोई डूब जाए, अचानक गिर कर बेहोश हो जाये या बिजली गिरने पर अचेत हो जाने की दशा में सबसे पहले उसकी कैसे प्राथमिक उपचार दिया जा सके, इसका प्रशिक्षण दिया जा रहा है। डॉ. कुर्रे ने बताया कि यह प्रशिक्षण आपके पास एक छुपा हुआ ऐसी दवा है जिसे आप स्वयं किसी की जान बचा सकते है।
इस अवसर पर प्रेस काउंसिल ऑफ कोरिया अध्यक्ष प्रवीन्द्र सिंह, योगेश चंद्रा, संरक्षक चंद्रकांत पारगीर, सचिव दीपक सिंह, विशाल सिंह के साथ प्रमिल सिंह, प्रशांत शिवहरे समेत काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
जान बचाने छोटा सा उपचार
डॉ मनीष कुर्रे ने बताया कि जब भी कोई दुर्घटना हो किसी का एक्सीडेंट हो जाए तो सबसे पहले उसे सड़क से किनारे सुरक्षित जगह उठाकर लाए, आसपास लोगो से मदद के लिए चिल्लाए, उसके बाद तत्काल 112 पर कॉल करे, उसके बाद गले के नीचे राइट लेफ्ट अपने हाथों की उंगलियों से चेक करें कि प्लस चल रही है नही, उसके घायल व्यक्ति के पर घुटनो के बल बैठकर दोनों हाथ से छाती के बीचों बीच दबाए, एक बार मे 30 बार करते 5 बार करना चाहिए। ऐसे में किसी की आप जान बचा सकते है।
जिले में जारी है प्राथमिक उपचार
कोरिया कलेक्टर एवं अध्यक्ष रेड कोर्स सोसायटी के निर्देश पर सीएमएचओ डॉ प्रशांत सिंह के मार्गदर्शन में जिले भर में अब तक 300 लोगो को प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण दिया जा चुका है, डॉ मनीष कुर्रे, डॉअंकित परिहार, रेडक्रॉस शाखा प्रभारी तारा मारवी के द्वारा विभिन्न कार्यालयों में जाकर इसका प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
क्या है सीपीआर
सीपीआर एक आपातकालीन प्राथमिक चिकित्सा पद्धति है, इसका उपयोग तब किया जाता है,जब किसी की सांस या दिल की धड़कन रूक जाती है, ऐसे में सीपीआर प्रशिक्षित व्यक्ति इस तकनीक का उपयोग कर प्राथमिक उपचार के तौर पर सीपीआर तकनीक का उपयोग कर किसी की जान बचाने में मदद कर सकता है।