
डॉ. संजय यादव ने भारतीय परिप्रेक्ष्य में उद्यमिता विकास के अवसर एवं स्टार्टअप विषय पर व्याख्यान दिया …. इनके पास कुछ भी नहीं सिर्फ प्लेटफार्म उपलब्ध कराते हैं और इनका व्यवसाय ….पढ़े पूरी खबर
रायपुर।
डॉ. यादव को 29 जून को शासकीय पीजी कॉलेज, बालाघाट , द्वारा अयोजित राष्ट्रीय वेबिनार में मुख्य वक्ता के तौर पर “भारतीय परिप्रेक्ष्य में उद्यमिता विकास और स्टार्टअप के अवसर” विषय पर मुख्य वक्ता के तौर पर अपना व्याख्यान दिया।
उन्होंने बिजनेस मैन, उद्योगपति, स्टार्टअप और उद्यमी के बीच अंतर को बताया । उन्होंने बताया कि उद्यमिता एक मानसिकता है I उन्होंने दो अधिकारी मित्र जो एक साथ काम करते थे, की माइंड सेटअप और जिम्मेदारी लेने की कहानी बताई, एक भारतीय राजा और एक उद्यमी की कहानी, एक गरीब जो सुखी रोटी खा रहा था उसकी सोच से लेकर एलन मास्क और टेस्ला की इलेक्ट्रिकल वाहन तक को उदाहरण के तौर पर अपने ब्यख्यान में शामिल किया ।
डॉ. यादव के अनुसार उद्यमी रोजगार के अवसर पैदा करते हैं और नए बाजार विकसित करके आर्थिक विकास में योगदान करते हैं । उद्यमी समाज में बदलाव लाते हैं । डॉ. यादव ने बताया कि उद्यमियों के पास अनोखा विचार, मजबूत इच्छाशक्ति और मजबूत कौशल होता है, उदाहरण के तौर पर बताया कि OYO के पास कोई होटल नहीं है, Amazon के पास कोई रिटेल शॉप नहीं है, ola और uber के पास कोई टैक्सी नहीं है, केवल प्लेटफार्म व्यवसाय करते हैं ।
डॉ. यादव ने बिग बाजार की सफलता से लेकर असफलता का भी जिक्र किया । उन्होंने उद्यमकर्ताओं को समाज की ज्वलंत आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया । उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि आप नवोन्वेषी नहीं हैं तो आप निश्चित रूप से मर जायेंगे और यदि नवप्रवर्तन विफल हो गया तो भी आप मर जायेंगे,.डॉ. यादव ने जोर देकर कहा, नवाचार ,अन्वेषण के साथ-साथ ग्राहक की प्राथमिकता एक बड़ी भूमिका निभाती है कि आम जनता और एक विशिष्ट लक्ष्य बाजार द्वारा किसी नवाचार को कैसे देखा जाता है। इसके लिए उन्होंने भारतीय उद्यमियों को केवल कॉपी ना करने की अपेक्षा बाजार की गतिशीलता को समझने का सुझाव दिया ।