सीएसआर की जानकारी देने से विभाग का इंकार कहा आपकी मांग सपष्ट नहीं है इसलिए नहीं दी जा सकती …. सामाजिक कार्यकर्ता कहते हैं उनके जवाब से हैरान हूं क्या स्पष्ट नहीं या भ्रष्टाचार इतना ज्यादा है ….
रायगढ़।
जिले में सीएसआर मद से खर्च की जानकारी लेना एक टेढ़ी खीर साबित हो रही है। सूचना का अधिकार के तहत जिले में सीएसआर मद के तहत किन किन उद्योगों से कितनी राशि प्राप्त हुई और इनका खर्च कहां और किस तरह से किया गया जानकारी देने में प्रशासन के हाथ सिकुड़ गए।
रायगढ़ जिले में उद्योगों की भरमार है और इन उद्योगों से भारी मात्रा में सीएसआर की राशि जिला प्रशासन को प्राप्त होती है। और इसका जमकर बंदरबाट किया जाता है यह अब तक सिर्फ कानाफूसी तक सीमित रहा किंतु जिस तरह से एक समाजिक कार्यकर्ता के द्वारा जानकारी मांगी गई और उन्हें जिस तरह से जानकारी को लेकर जवाब दिया गया इससे यह बात उजागर होती है कि जिले में सीएसआर मद की राशि का जमकर दुरुपयोग और बंदरबाट किया गया है। जानकारी मांगने पर जिस तरह से जवाब दिया गया वह किसी हास्यास्पद से कम नहीं है।
दरअसल सामाजिक कार्यकर्ता राजेश त्रिपाठी ने लोकसभा में बृजमोहन अग्रवाल द्वारा पूछे गए प्रश्न 2023-24 रायगढ़ जिले 273 करोड़ खर्च किया जाना बताया गया। इसी के अनुसार सामाजिक कार्यकर्ता राजेश त्रिपाठी ने सबंधित विभाग से जानकारी मांगा की 2023-24 में किन किन उद्योगों से कितनी कितनी सीएसआर की राशि प्राप्त हुई और उनका कहां कहां और कितना कितना राशि खर्च किया गया। सामाजिक कार्यकर्ता की इस मांग पर विभाग ने कहा कि आपकी मांगी गई जानकारी स्पष्ट नहीं है इसलिए आपके द्वारा चाही गई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा सकती है।
इसे लेकर सामाजिक कार्यकर्ता राजेश त्रिपाठी का कहना है कि – हमारे द्वारा सूचना के अधिकार के तहत रायगढ़ में सी एस आर मद के तहत चाहीं गई जानकारी के जवाब से हैरान हूं कि हमारे द्वारा चाहीं गई जानकारी में क्या स्पष्ट नहीं है, या इतना भ्रष्टाचार किया गया कि जानकारी देने की हिम्मत नहीं हों रहीं है। इस संबंध में बृजमोहन अग्रवाल के लोकसभा में पूछें गये सवाल के जवाब में जानकारी दी गई है कि सन् 2023–24 में सी एस आर के तहत रायगढ़ में 273 करोड़ खर्च किया गया है। सूचना के अधिकार कानून का रायगढ़ जिले में किस तरिके से धज्जियां उड़ाई जा रही हैं इसका जीता जागता उदाहरण इससे बेहतर कोई नहीं हों सकता है।